मिडिल एज के लोग ज्यादा एक्टिव:बदल रहे उम्र की परिभाषा, ये नई स्किल सीख रहे और करियर भी बदल रहे

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मिडिल एज में स्थायित्व और आराम की चाहत वाली सोच बदल रही है। 40 की उम्र के बाद भी लोग नई स्किल्स और आधुनिक तकनीक सीख रहे हैं। करिअर बदल रहे हैं। खुद को फिट रखने पर ध्यान दे रहे हैं। जिस उम्र में अपनी जिंदगी में पूरी तरह सेटल होने की बात की जाती है, उस उम्र में लोग नई शुरुआत कर रहे हैं। उसमें सफल भी हो रहे हैं। यूरोप और अमेरिका में यह ट्रेंड बढ़ रहा है।

हेली बेरी, ह्यू जैकमैन, नाओमी कैंपबेल, जेनिफर लोपेज, एलिजाबेथ हर्ले, टॉम क्रूज जैसे मिडिल एज के सितारे रोल मॉडल बन गए हैं। कई ने तो मिडिल एज में ही अपना सिनेमाई करिअर शुरू किया। रिचर्ड विल्सन तो 53 साल की उम्र में पहली बार पर्दे पर आए।

65 से 69 साल के 44% लोग खुद को मिडिल एज का मानते हैं
ब्रिटेन में तो मिडिल एज की परिभाषा ही बदल रही है। अब तक 40 साल को मिडिल एज की शुरुआत माना जाता रहा है। इनसाइक्लोपीडिया ब्रिटानिका के मुताबिक, 40 से 60 साल को मिडिल एज कहा जाता है। 2018 में हुए यूगोव के सर्वे के अनुसार, 40 से 64 साल के ब्रिटिश खुद को मिडिल एज का मानते हैं। 65 से 69 साल के भी 44% ब्रिटिश खुद को बूढ़ा नहीं बल्कि मिडिल एज का ही मानते हैं।

दरअसल जिस तरह से यूरोप और अमेरिका में इस उम्र के लोग सक्रिय हैं, उन्होंने मिडिल एज समझे जाने की पारंपरिक उम्र ही आगे बढ़ा दी है। ब्रिटेन में इंटरनेशनल लॉन्गीविटी सेंटर में ग्लोबल रिसर्च के प्रमुख प्रोफेसर लेस मेह्यू कहते हैं- लोगों की औसत उम्र बढ़ गई है।

2030 तक नए स्किल्ड लोगों के लिए ही नौकरियां होंगी
इंस्टीट्यूट फ्रॉम द फ्यूचर की रिपोर्ट कहती है अभी जितनी भी तरह की नौकरियां मौजूद हैं, 2030 तक उनमें से 85% नौकरियां खत्म हो जाएंगी। इसलिए लोगों को अपनी स्किल बढ़ानी होगी। मिडिल एज के पेशेवर लोगों को अपनी पसंद का नया पेशा चुनना पड़ेगा।

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