मुख्यमंत्री के आदेशों की कई स्कूलों में की गई अवहेलना

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मुख्यमंत्री मोहन यादव जन्माष्टमी के पावन अवसर में सभी शासकीय, अर्धशासकीय ,स्कूलों ,मंदिरों में साफ सफाई कर भगवान कृष्ण की पूजा अर्चना कर जन्माष्टमी त्योहार मनाने, भगवान श्री कृष्ण की शिक्षा और मित्रता के प्रसंग बताने, जीवन दर्शन पर आधारित विषयों के विद्वानों के माध्यम से व्याख्यान कराकर सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित कराने के साथ साथ स्कूलों में खेल कूद सहित अन्य प्रतियोगिताओ का आयोजन किए जाने के निर्देश दिए गए थे। लेकिन जिन निर्देशों के तहत जिले के विभिन्न निजी व सरकारी स्कूलों में आदेशों के मुताबिक जन्माष्टमी का पर्व मना कर विभिन्न आयोजन संपन्न कराए गए लेकिन, कुछ स्कूलों के शिक्षको द्वारा मुख्यमंत्री के आदेश का अवहेलना करते हुए इन कार्यक्रमों का आयोजन नहीं किया गया। जहां कार्यक्रम करना तो दूर की बात स्कूल के ताले तक नही खोले गए। कुल मिलाकर कहा जाए तो जिले के ग्रामीण अंचलों में सबसे ज्यादा अवस्थाएं देखने को मिली जिस पर स्थानीय लोगों सहित स्कूली बच्चों ने आपत्ति जताई है तो वहीं विभागीय अधिकारियों ने संबंधित स्कूलों को नोटिस जारी कर जवाब तलब करने की बात कही है अब देखना या दिलचस्प रहेगा कि प्रशासनिक स्तरों पर इन स्कूलों के जिम्मेदारों पर क्या कार्रवाई की जाती है।

इन स्कूलों में लटके रहे ताले
जिले के ज्यादातर ग्रामीण इलाकों में स्थित सरकारी स्कूलों में सोमवार कृष्ण जन्माष्टमी पर ताले जड़े हुए नजर आए ।जहां जन्माष्टमी कार्यक्रम मानना तो दूर की बात, विभिन्न सांस्कृतिक खेलकूद प्रतियोगिता सहित अन्य कार्यक्रम भी नहीं कराए गए। यहां तक की जिम्मेदारों द्वारा स्कूल की छुट्टी रखकर स्वयं भी छुट्टी मार ली गई।तो वही स्कूल गेट के ताले तक नहीं खोले गए।जिसमे लामता संकुल के बुढ़ियागांव के शासकीय प्राथमिक शाला बुढ़ियागांव, शासकीय माध्यमिक शाला बुढ़ियागांव, शासकीय प्राथमिक शाला टाकाबर्रा, औऱ टिटवा पंचायत के शासकीय प्राथमिक शाला व शासकीय माध्यमिक शाला टिटवा में ताला बंद दिखाई दिया टिटवा पंचायत के चारो स्कूल में ताला बंद दिखाई दिया। इसके अलावा जिले के अन्य क्षेत्रों में भी कुछ ऐसा ही हल नजर आया। जिसको लेकर ग्रामीणों ने अपनी आपत्ति जताई है

2 दिनों की छुट्टी बोलकर, बन्द किए गए स्कूल
शहरी और ग्रामीण क्षेत्र के कई स्कूलो में शासन के निर्देशन पर जन्माष्टमी पर्व पर व्याख्यान और सांस्कृतिक कार्यक्रमो का आयोजन नहीं किया गया। बल्कि स्कूली बच्चों को दो दिन की छुट्टी बताकर, शाला के जिम्मेदारों ने 2 दिनों के लिए स्कूल ही बंद कर दिया। स्कूलों के बंद होने के बाद जिम्मेदार, आज नहीं तो कल कार्यक्रम आयोजित करने की बात कर रहे है, तो जनशिक्षक ने स्कूल बंद कर जन्माष्टमी पर्व पर कार्यक्रम आयोजित नहीं करने वाले स्कूल के प्रधानपाठकों को नोटिस जारी कर जवाब मांगने की बात कही है।

नोटिस जारी कर जवाब तलब किया जाएगा- रमेश बिसेन
हालांकि स्कूलों के बंद होने की क्या वजह है इसको लेकर स्कूल के प्रधानपाठकों से संपर्क नहीं हो सका। लेकिन इस पूरे मामले को लेकर दूरभाष पर की गई चर्चा के दौरान जनशिक्षक रमेश बिसेन ने बताया कि कुछ स्कूलो में कार्यक्रम आयोजित नहीं किए जाने की जानकारी मिली है, 27 अगस्त को ऐसे स्कूलों की सूची तैयार कर स्कूल के प्रधानपाठकों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा जाएगा। वही संतोषजनक जवाब न मिलने पर कार्यवाही किए जाने की भी बात अधिकारियों द्वारा कही जा रही है।

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