विगत लंबे समय से केजी वन से लेकर कक्षा आठवीं तक बच्चो के बस्ते के वजन कम करने को लेकर अनेक बार नई नई नीतियां सरकार द्वारा बनाई गई। लेकिन उसका पालन नहीं किया जा सका ।जिसके चलते भारी भरकम बस्ता लात कर कक्षा आठवीं तक के बच्चे स्कूल जाने के लिए मजबूर थे ।जिसका संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एक आदेश जारी कर 28 अक्टूबर से बस्ते का वजन कम करने के निर्देश दिए थे ,निजी व शासकीय स्कूलों के बच्चों के बस्ते का वजन कम करने के लिए जारी किए गए इस निर्देश का पालन नहीं करने पर संबंधित स्कूल प्रबंधन पर वैधानिक कार्यवाही किए जाने की चेतावनी भी जारी की गई थी। बावजूद इसके भी नगर के विभिन्न शासकीय व अशासकीय स्कूलों में मुख्यमंत्री के इस आदेश का पालन होते नहीं दिखा। जहां पहले दिन ही कई निजी व शासकीय स्कूलों के बच्चे भारी-भरकम बैग लादकर स्कूलों और घर के बीच आवागमन करते हुए नजर आए। जहां नगर के कई निजी व शासकीय स्कूल प्रबंधन ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा जारी किए गए दिशा निर्देश का पालन नही किया। और ना ही जिला शिक्षा विभाग के जिम्मेदार पदाधिकारी प्रदेश सरकार के इस आदेश का पालन करते नजर आए वहीं शिक्षा विभाग के अमले ने भी किसी पर कोई कार्यवाही नहीं की।
जहां इस पूरे मामले का संज्ञान लेते हुए प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी अश्विनी कुमार उपाध्याय ने मामले का संज्ञान लेने और आदेश का पालन ना होने पर वैधानिक कार्यवाही कर रिपोर्ट कलेक्टर के समक्ष प्रस्तुत करने की बात कही है
आपको बताएं कि यह कोई पहली बार नहीं है बल्कि ऐसा कई बार हो चुका है कि जहां शासन द्वारा के जी वन से लेकर कक्षा आठवीं तक के बच्चों के बस्ते के बोझ को कम करने को लेकर कई बार नीतियां बनाई गई है लेकिन उसका एक बार भी पालन नहीं किया जा सका ।जिससे बच्चों का भारी-भरकम बैग लादकर स्कूल जाना और वहां से आने का सिलसिला बदस्तूर जारी है। जिससे उन्हें शारीरिक व मानसिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। आपको बताएं कि प्रदेश सरकार द्वारा 28 अक्टूबर से बस्ते का वजन कम करने वाले इस आदेश का अनिवार्य रूप से पालन किए जाने के निर्देश दिए गए थे, जहा जारी किए गए इन निर्देशों का नगर के कई शासकीय व निजी स्कूलों ने पालन नहीं किया।