मुरैना जिले में रेत माफ‍ियाओं के लिए खौफ बनी महिला वन अधिकारी, डेढ़ माह में आठ हमले भी कर्तव्‍य से नहीं डिगा सके

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जिले में वन विभाग व एसएएफ की टीम पर रेत माफियाओं का हमला आम बात है। ऐसे में एक महिला वन अधिकारी बेखौफ होकर अपने कर्तव्‍य को अंजाम दे रही हैं। रेत माफिया के लिए चुनौती बन गई इस महिला वन अधिकारी का नाम है श्रद्धा पांढरे। वे एसडीओ के पद पर कार्यरत हैं।

बीते डेढ़ महीने में एसडीओ श्रद्धा पांढरे पर रेत माफिया 8 बार हमले कर चुका है, फिर भी वे अवैध रेत के मामले में कार्रवाई और माफिया का सामना करने से पीछे नहीं हटतीं। अपने डेढ़ साल के बेटे को घर पर नौकर के भरोसे छोड़कर वह दिन-रात कार्रवाई में जुटी हैं।

वनटीम पर हमले की शुरुआत 24 अप्रैल को आरटीओ बैरियर व वन चौकी के बीच सोलंकी पेट्रोल पंप के पास हुई, जब अवैध रेत के ट्रैक्टर-ट्रॉली को पकड़ लिया। इसी दौरान तेज रफ्तार में एक खाली ट्रैक्टर-ट्रॉली आई, जिसने वन विभाग के डंपर में टक्कर मारी। ट्रैक्टर पर सवार एक माफिया ने कट्टा निकाला और एसडीओ श्रद्धा की गाड़ी पर एक गोली दाम दी।

दूसरा हमला 22 मई को रजिस्ट्रार ऑफिस के पास हुआ। यहां अवैध रेत से भरी दो ट्रैक्टर-ट्रॉलियाें को घेराबंदी कर पकड़ लिया। इसके बाद एक ट्रैक्टर सवार माफिया ने एसडीएओ श्रद्धा पर ट्रैक्टर चढ़ाने का प्रयास किया। तीसरा हमला 5 मई को वन विभाग के नाके पर हुआ। वन विभाग की टीम ने अवैध रेत के ट्रैक्टर-ट्रॉली को पकड़ा तो ट्रैक्टर सवार रेत माफिया ने कट्टा निकालकर एक वनकर्मी की कनपटी पर लगा दिया और गोली मारने की धमकी देकर वहां से भाग निकला।

करीब 10 मिनट बाद ही बाइक पर सवार दो रेत माफिया आए, जिन्होंने एसडीओ व वन विभाग की टीम पर ताबड़तोड़ तीन फायर कर दिए। जवाब में वन विभाग की टीम ने भी फायरिंग शुरू कर दी। वन विभाग की फायरिंग के बाद रेत माफिया वहां से भाग गए। 3 जून को जतावर गांव में वनटीम पर हमला हुआ। इसके बाद देगवढ़ थाना क्षेत्र में 100 से ज्यादा रेत माफिया के गुर्गों ने वनटीम को घेरकर लाठी, बंदूक व पत्थरों से हमला किया और रेत की ट्रैक्टर-ट्रॉली छीन ले गए।

देवगढ़ थाना क्षेत्र से 1 किलोमीटर दूर लहोरी के पुरा गांव में भी रेत माफ‍िया के झुंड ने हमला कर दिया और अवैध रेत की ट्रैक्टर ट्रॉली को छीन कर ले गए। लाठियों और पत्थरों से हुए हमले में एसएएफ का एक जवान घायल हो गया। यहां वन विभाग की एसडीओ श्रद्धा पांढरे अपनी टीम के साथ रात्रि गश्त पर निकली थी।

रात 7 बजे के करीब उन्होंने पठानपुरा गांव के पास अवैध रेत की एक ट्रैक्टर ट्रॉली को पकड़ा। ट्रैक्टर ट्रॉली को लेकर वन विभाग के कर्मचारी देवगढ़ थाने की तरफ जा रहे थे, तभी लहोरी के पुरा गांव के पास 1 सैकड़ा से ज्यादा रेत माफियाओं ने सड़क पर झाड़ियां और पत्थर रखकर रास्ता रोक लिया।

इसके बाद ट्रैक्टर ले जा रहे वनकर्मियों पर हमला करके रेत से भरी ट्रैक्टर ट्रॉली छीन ली। इसी दौरान पीछे बोलेरो गाड़ी में आ रही एसडीओ श्रद्धा पांढरे की गाड़ी को घेरकर प रेत माफियाओं ने लाठियों और पत्थरों से हमला किया। इस हमले में एसएएफ जवान मुकेश सेन घायल हो गए।

हमला करने के बाद वन विभाग के कब्जे में आई रेत की ट्रैक्टर ट्रॉली को माफिया का झुंड छीनकर ले गया। एसडीओ पांढरे का कहना है कि उन्होंने तत्काल सूचना देवगढ़ के थाना प्रभारी को दी थी, लेकिन 1 घंटे बाद भी महज 1 किलोमीटर दूर से कोई पुलिसकर्मी नहीं आया। इतना ही नहीं हमले के बाद भी देवगढ़ थाना प्रभारी ने उनकी कोई पूछ परख नहीं ली। एसडीओ ने इस मामले की शिकायत वरिष्ठ अफसरों से करने की कही है।

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