मूल निवासी एकता संभाग स्तरीय अधिवेशन संपन्न

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बालाघाट (पदमेश न्यूज़)
सोमवार 18 नवंबर को नगर के आंबेडकर चौक स्थित कमला नेहरू हॉल में मूल निवासी एकता संभाग स्तरीय अधिवेशन का आयोजन किया गया। आयोजित इस अधिवेशन में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़ा वर्ग,माइनॉरिटी सहित विभिन्न संगठनों के लोगों ने शिरकत कर एक मंच साझा किया। भारत मुक्ति मोर्चा राष्ट्रीय अध्यक्ष वामन मेश्राम की प्रमुख उपस्थिति में आयोजित इस अधिवेशन में पूर्व से निर्धारित विभिन्न विषयों पर चर्चा करते हुए एसटी, एससी, ओबीसी, और माइनॉरिटी को एक मंच पर लाने की बात कही गई तो वही मिलजुल कर एक साथ रहने व शिक्षा रोजगार सहित राजनीतिक क्षेत्र में पकड़ मजबूत बनाने पर चर्चा हुई। इस दौरान भारत मुक्ति मोर्चा राष्ट्रीय अध्यक्ष वामन मेश्राम, ओबीसी वर्ग राष्ट्रीय अध्यक्ष राम लखन सोनी, राष्ट्रीय आदिवासी एकता परिषद राष्ट्रीय अध्यक्ष एच एन रेकवाल ,पिछड़ा वर्ग राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी विकास पटेल, राष्ट्रीय मुस्लिम मोर्चा राष्ट्रीय महासचिव जनाब हजरत मौलाना मुफ्ती मो. फहीमुद्दीन साहब और बहुजन मुक्ति पार्टी राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दास राम नायक सहित समस्त संगठनों के अन्य पदाधिकारी सदस्य व सामाजिक बंधु प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।

इन बिंदुओं पर हुई प्रमुख चर्चा
भारत मुक्ति मोर्चा, राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग, राष्ट्रीय मुस्लिम मोर्चा और राष्ट्रीय आदिवासी एकता परिषद के संयुक्त तत्वाधान में जननायक क्रांति सूर्य बिरसा मुंडा जी की जयंती के अवसर पर नगर के कमला नेहरू हॉल में आयोजित इस मूल निवासी एकता संभाग स्तरीय अधिवेशन में वन संरक्षण संशोधन अधिनियम 2023 में आदिवासियों का दिये गये संवैधानिक विशेषाधिकार, वन अधिकार, ग्राम सभाओं पर चर्चा की गई जिसमे आदिवासी सलाहकार परिषदों के अधिकारों को समाप्त कर उनके मालिकाना हक और अधिकार जल,जमीन,जंगल और मकान से विस्थापित करने को एक सुनियोजित साजिश बताया गया। तो वही पाँचवी अनुसूची, पेसा एक्ट और रूढ़ी पारम्परिक ग्राम सभा को लागू ना करना शासक वर्ग का एक षड्यंत्र बताया है।उसके अलावा आजादी के 78 साल बाद भी ओ.बी.सी (अन्य पिछड़ा वर्ग ) की जाति आधारित जनगणना कराना क्यो चुनौती बना हुआ है। हुक्मरान जातियों द्वारा शासन-प्रशासन और सियासत में मुसलमानों को उनकी आबादी के मुताबिक भागीदारी ना देना मुसलमानों को लंबे समय तक हक-अधिकार से वंचित रखने व अछूत बनाने की एक साजिश पर भी चर्चा की गई ।वही सम्मेलन के दौरान चुनाव में इलेक्ट्रॉनिक वोटींग मशीन का इस्तेमाल करने को भारतीय लोकतंत्र की हत्या करना बताया वही मतदाताओं के वोट का अधिकार समाप्त करना सहित अन्य बिंदुओं पर चर्चा की गई। जहां समस्त वक्ताओं ने मूल निवासियों को साथ लेकर समाज संगठन को मजबूत करने और राजनीतिक क्षेत्र में अपनी भूमिका निभाने की बात कही

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