मेडिकल यूनिवर्सिटी प्रशासन की मनमानी से कर्मचारी त्रस्त

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मध्यप्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ ने मेडिकल यूनिवर्सिटी में प्रतिनियुक्ति पर कार्यरत उप कुलसचिव के व्यवहार एवं प्रताडना पर आपत्ति जाहिर की है। संघ का आरोप है कि इनके द्वारा कर्मचारियों को दुर्भावनावश गलत कार्य करने के लिये दबाव डाला जाता है।

आउटसोर्स कर्मियों के समक्ष नियमित कर्मचारियों को अपमानित किया जाता है कर्मचारी इनके दुर्यव्यवहार से आहत हैं। मेडिकल यूनिवर्सिटी में कार्यरत नियमित सहा. ग्रेड-3 कर्मचारियों को नौकरी से निकालने की साजिश रचने का भी इन पर आरोप है। पूर्व में भी इनको परीक्षा में लापरवाही एवं गड़बड़ी के कारण शासन द्वारा इन्हें हटा दिया गया था, इनके पुनः प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ होने से कर्मचारियों को प्रताड़ित कर गलत कार्य कराने का दबाब बनाया जाता है।

संघ के योगेन्द्र दुबे, अर्वेन्द्र राजपूत, अवधेश तिवारी, अटल उपाध्याय, नरेन्द्र दुबे, आलोक अग्निहोत्री, मुकेश सिंह, दुर्गेश पाण्डे, आशुतोष तिवारी, बृजेश मिश्रा, मुन्नालाल पटैल, दीपक राठौर, अनुराग चन्द्रा, आर.के.गुलाटी, नितिन शर्मा, श्यामनारायण तिवारी, मो0 तारिख, धीरेन्द्र सोनी, संतोष तिवारी, प्रियांशु शुक्ला, अभिषेक मिश्रा, विजय कोष्टी, मनीष लोहिया, सुदेश पाण्डे, गणेश उपाध्याय, आदि ने राज्यपाल मध्यप्रदेश को ई-मेल के माध्यम से पत्र भेजकर मांग की गई है कि मेडीकल युनिवर्सिटी में प्रतिनियुक्ति पद पदस्थ उप कुलसचिव के कारनामों की जांच कर उनकी तत्काल प्रतिनियुक्ति समाप्त की जाए।

विद्यार्थियों की सुनी गुहार, वेबसाइट पर जारी किए: देर से ही सही रानी दुर्गावती यूनिवर्सिटी ने विद्यार्थियों के इंतजार की इंतहा पर ब्रेक लगा ही दिया। मंगलवार को प्रशासन ने एक दर्जन से ज्यादा परीक्षाओं के नतीजे जारी कर दिए। प्रशासन ने 25 मई को जारी नतीजे की तारीख 19 मई दर्शाई है हालांकि हर दिन विश्वविद्यालय की वेबसाइट निहारने वालों ने इस चालबाजी को पकड़ लिया। अभी करीब 28 परीक्षाओं के नतीजे जारी होना बाकी है। विश्व विद्यालय प्रशासन की पहल के बाद विद्यार्थियों को उम्मीद बंधी है कि बाकी के रिजल्ट भी जल्द घोषित होंगे।

ज्ञात हो कि एक दिन पहले ही नईदुनिया ने इस मामले को उठाया था। विद्यार्थियों के नतीजे जारी नहीं होने से उनकी आगामी परीक्षाओं की तैयारी अधर में फंसी हुई है। प्रशासन ने भी रिजल्ट बनाकर तैयार कर लिए थे लेकिन रिजल्ट कमेटी के सदस्यों के हस्ताक्षर नहीं होने के कारण इसे जारी करना मुमकिन नहीं हो रहा था। बाद में खबर प्रकाशित होने पर प्रशासन ने रिजल्ट कमेटी के सदस्यों के घर—घर हस्ताक्षर करवाने गाड़ियां भेजी। जिसके बाद रिजल्ट तैयार हो पाए। इधर जून माह में यूनिवर्सिटी प्रशासन को परीक्षाएं आयोजित करनी है। रिजल्ट नहीं जारी होने से विद्यार्थी परीक्षा आवेदन नहीं भर पा रहे थे। प्रशासन ने स्नातकोत्तर एमए और एमएससी प्रथम,द्वितीय और तृतीय सेमेस्टर के नतीजे जारी किए है।

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