बालाघाट (पदमेश न्यूज़)।वारासिवनी थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले कटंगी रोड ग्राम सरंडी स्थित पावर प्लांट में काम कर रहा एक मजदूर मैंगनीज से भरे डंफ़र की चपेट में आ गया। जहां डंफ़र की चपेट में आने से गंभीर रूप से घायल हुए मजदूर की उपचार के दौरान मौत हो गई। मृतक मजदूर का नाम मूलतः वारासिवनी वार्ड नंबर 3 सम्राट नगर निवासी 44 वर्षीय मनीष पिता पृथ्वी लाल लिल्हारे बताया गया है। जिसके शव का सोमवार की शाम जिला अस्पताल में पोस्टमार्टम कराकर अंतिम संस्कार के लिए शव उनके परिजनों के सुपुर्द किया गया है। वही मामले की जांच के लिए डायरी वारासिवनी थाना पहुंचाई गई है।
डंफर रिवर्स लेते समय हुआ हादसा
प्राप्त जानकारी के अनुसार वारासिवनी निवासी मनीष लिल्हारे ग्राम पंचायत सरंडी स्थित एक पावर प्लांट में मजदूरी का काम करता था।जो रोजाना की तरह सोमवार को भी काम करने के लिए प्लांट गया था। बताया जा रहा है कि सोमवार की सुबह करीब 10-11बजे के बीच मजदूर प्लांट में काम कर रहा था। तभी मैगनीज से भरा कंपनी का डंफ़र क्रमांक एमपी 50 एच 1477 मैग्नीज लेकर प्लांट में आया। जिसका वाहन चालक डंफ़र को रिवर्स ले रहा था जिसकी चपेट में काम करता हुआ मजदूर मनीष लिल्हारे आ गया। जहां डंफर की चपेट में आने से मजदूर मनीष गंभीर रूप से घायल हो गया। जिसकी उपचार के दौरान मौत हो गई।
गोंदिया ले जाते समय रास्ते में तोड़ा दम
उधर हादसे के तुरंत बाद प्लांट में अफरा तफरी का माहौल निर्मित हो गया। जहां स्थानीय मजदूरों और प्लांट के सुपरवाइजर, मैनेजर सहित अन्य पदाधिकारियो ने मजदूर को उपचार के लिए बालाघाट रेलवे स्टेशन रोड स्थित एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया। जहां के चिकित्सकों ने उसका प्राथमिक उपचार कर उसकी नाजुक हालत को देखते हुए उसे तत्काल गोंदिया रेफर कर दिया। जहां गोंदिया ले जाते समय रास्ते में ही मजदूर की मौत हो गई। उधर गोंदिया पहुंचने पर वहां के चिकित्सकों उन्हें उसे घोषित कर दिया।जिसके उपरांत प्लांट पदाधिकारियो ने मजदूर के शव को वापस जिला अस्पताल लाया। जहां परिजनों की प्रमुख उपस्थिति में जिला अस्पताल पुलिस ने मृतक के परिजनों के बयान दर्ज कर, जाफ़ौ 174 के तहत मर्ग कायम किया। वहीं अन्य आवश्यक कार्यवाही कर शव का पोस्टमार्टम कराकर अंतिम संस्कार के लिए शव उनके परिजनों के सुपुर्द किया गया है।
परिजनों ने 01 करोड रुपए मुआवजे की करी मांग
उधर मजदूर की मौत होने पर मजदूर के परिजनों ने एक करोड रुपए का मुआवजा दिए जाने की मांग की है। परिजनों के अनुसार मृतक मजदूर की इकलौती पुत्री है, वही उनके घर में कमाने वाला कोई नहीं है जिसके चलते पत्नी व बच्ची के भरण पोषण के लिए कंपनी ने मजदूर को 1 करोड रुपए का मुआवजा देना चाहिए।
भारी लापरवाही से हुआ हादसा- ओमप्रकाश लिल्हारे
इस पूरे मामले को लेकर की गई चर्चा के दौरान मृतक मजदूर मनीष के चाचा ओमप्रकाश लिल्हारे ने बताया कि मनीष प्लांट में काम कर रहा था।तभी मैगनीज से भरा डंफर प्लांट में आया जहां डंफ़र रिवर्स आ रहा था।उस समय मनीष डंफर की चपेट में आ गया। उन्होंने बताया कि डंफ़र में कोई कंडक्टर नहीं था कोई साइड बताने वाला भी नहीं था और ड्राइवर बिना कंडक्टर और बिना साइट बताने वाले के ही डंफ़र को रिवर्स ले जा रहा था। उस समय यहां हादसा हुआ।इसमे भारी लापरवाही है। उन्होंने मृतक के परिजनों को मुआवजे के तौर पर एक करोड रुपए देने की मांग करते हुए मृतक के परिजनों की हर संभव मदद किए जाने की गुहार लगाई है। साथ ही उन्होंने बीमा राशि सहित अन्य सुविधाओं का लाभ मृतक के परिजनों को दिए जाने की मांग की है। उन्होंने बताया कि मजदूर के घायल होने पर सभी तरह का प्राथमिक व तत्कालीन खर्च कंपनी द्वारा वहन किया गया है। साथ ही कंपनी द्वारा आर्थिक मदद के तौर पर मुआवजा देने की बात कही गई है लेकिन कितना मुआवजा दिया जाएगा यह अब तक नहीं बताया गया है।