मानसून सत्र प्रारंभ होने से पहले १६ जून को मौसम विज्ञान केन्द्र नागपुर की एक टीम ने वारासिवनी का भ्रमण किया। इस दौरान टीम ने बाढ़ आपदा प्रबंधन के विषय में जानकारी एकत्रित की व विशेष दिशा निर्देश दिये। उन्होने वर्षा मापी यंत्र को भी सुरक्षित ऐसे स्थान में रखने के बारे में कहा जहा न तो पेड़ का पानी आये और ना ही किसी भवन का ताकि कितनी बारिश हुई है इस बात का सही तरीके से अवलोकन किया जा सके। इस संबंध में कानून गो शाखा के ऑपरेटर सहलिपिक अजय उके ने पद्मेश को बताया कि प्रात:काल नागपुर से मौसम विभाग से संबंधित अधिकारी एसएस अंबारते व उनके सहयोगी अधिकारियों ने वारासिवनी तहसील कार्यालय का भ्रमण कर वर्षामापी यंत्र की सूक्ष्मता से जॉच की है। साथ ही उन्होने कुछ दिशा निर्देश भी दिये है। श्री उके ने बताया कि जो दल १६ जून को आया था उसने हमसे किन स्थलों पर बाढ़ की संभावना अधिक होती है। इस बारे में भी जानकारी प्राप्त की है। साथ ही वर्षा मापी यंत्र के विषय में भी कुछ दिशा निर्देश दिये है। श्री उके ने बताया कि फिलहाल वारासिवनी क्षेत्र में १३.५ मिलीमीटर वर्षा हुई है। आगामी समय में वर्षा जब अपने पूरे जोरशोर पर रहेगी तो यह आंकड़ा बदल जायेगा। हम लोग प्रतिदिन २४ घंटे के अंदर ही वर्षा कितनी हुई है इस बात की रिपोर्ट जिला भू अभिलेख शाखा को करते है। जिसके बाद शाखा पूरे जिले के तहसील स्तर पर आये हुये आंकड़े के हिसाब से यह बताती है कि जिले में फिलहाल कितनी वर्षा हो चुकी है।
बाईट अजय उके सहायक लिपिक कानून गो