शिर्डी में दो दिवसीय मंथन शिविर के पहले दिन एनसीपी नेता अजित पवार ने शिंदे-फडनवीस सरकार पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि यह समय जोर से झूठ बोलने का है। राज्य की सरकार में यह जोर-शोर से चल रहा है। उन्होंने कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों से आने वाली स्थानीय निकायों के चुनाव की तैयारियों में लग जाने को कहा है।
बैठक में एनसीपी प्रमुख शरद पवार मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल से विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए शामिल हुए। बेचैनी महसूस होने पर उन्हें सोमवार को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। विधानसभा में विरोधी पक्ष नेता अजित पवार ने कहा कि स्थानीय निकाय चुनाव जीतकर आए कार्यकर्ता पार्टी को ताकत देते हैं, इनसे विधायक और सांसद तैयार होते हैं। ऐसे में स्थानीय निकाय संस्थाओं के चुनाव में अपने विचारों के लोग चुनकर लाने के लिए किसी की प्रतीक्षा न करें, जब तक फैसला नहीं हो जाता, तब तक अलग लड़ना है। ऐसे में कार्यकर्ताओं को अभी से ही काम पर लग जाना चाहिए।
अजित पवार ने कहा कि आज की शिंदे-फडनवीस सरकार निकम्मी सरकार है। इनकी नाकामी से बड़ी परियोजनाएं बाहर चली गईं। इसके चलते लाखों युवकों को रोजगार के मौके गंवाने पड़े। अजित पवार ने कहा कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने ही विधानसभा में कहा था कि राज्य में चार लाख करोड़ का निवेश आएगा, लेकिन अब महाविकास आघाडी के कार्यकाल में परियोजनाएं चले जाने की झूठी बातें बोली जा रही हैं। परियोजनाएं राज्य से बाहर जाना मतलब सरकार की विफलता है। यह सरकार जितने समय सत्ता में रहेगी, उसका नुकसान राज्य को होगा। बेरोजगारी बढ़ती जाएगी।
एनसीपी के प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल ने कहा कि राज्य की शिंदे-फडनवीस सरकार की जल्द ही विदाई होगी। यह सरकार झूठ पर टिकी है। उन्होंने कहा कि शिवसेना में 40 विधायकों की बगावत के वक्त भाजपा नेता देवेंद्र फडनवीस ने कहा था कि उनकी पार्टी का इससे कोई संबंध नहीं है, लेकिन अब वे कह रहे हैं कि उनके एक फोन पर विधायक बच्चू कडू गुवाहाटी रवाना हो गए। उनकी इस खुली टिप्पणी से जाहिर है कि बगावत के पीछे कौन था। पाटिल ने कहा कि जब पार्टी की आलोचना होती है, तो इसका मतलब यह है कि पार्टी मजबूत है। उन्होंने कहा कि महाविकास आघाडी ने अच्छा काम किया, आज यह बात जनता को बताने की आवश्यकता है।