यूएन में चीन और रूस ने तालिबान का किया समर्थन, अमेरिका विरोध में आया

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अफगानिस्तान में सत्ता पर काबिज तालिबान के 13 अफसरों को यात्रा के लिए दी गई छूट की अवधि बढ़ाने को लेकर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में कोई सहमति नहीं बन गई। यह अवधि शुक्रवार आधी रात को समाप्त हो गई। संयुक्त राष्ट्र के राजनयिकों ने बताया कि रूस और चीन सभी 13 अधिकारियों को दी गई यात्रा की अनुमति जारी रखने के पक्ष में हैं, जबकि अमेरिकी और पश्चिमी देश तालिबान के महिलाओं पर लगाए गए प्रतिबंधों और वादे के मुताबिक समावेशी सरकार गठित करने में उसके असफल रहने के विरोध में इन अधिकारियों की संख्या कम करना चाहते हैं।
राजनयिकों ने अपनी पहचान गोपनीय रखने की शर्त पर बताया कि रूस और चीन ने अमेरिका के हालिया प्रस्ताव पर विचार करने के लिए शुक्रवार शाम को और समय मांगा। यानी सभी 13 तालिबान अधिकारियों पर सोमवार दोपहर तक के लिए यात्रा प्रतिबंध फिर से लागू हो गया है। रूस एवं चीन ने अमेरिकी प्रस्ताव पर जवाब देने के लिए सोमवार दोपहर तक का समय मांगा है। संयुक्त राष्ट्र ने तालिबान के कई सदस्यों पर यात्रा प्रतिबंध समेत कई प्रतिबंध लगाए हैं, लेकिन कुछ तालिबानी अधिकारियों को छूट दी गई थी, ताकि वे अफगानिस्तान में शांति एवं स्थिरता बहाल करने के उद्देश्य से वार्ता में भाग लेने के लिए यात्रा कर सकें।
अमेरिका ने 13 में से सात तालिबानी अधिकारियों पर यात्रा प्रतिबंध फिर से लगाने का गुरुवार को प्रस्ताव रखा। उसने छह अन्य को केवल कतर की यात्रा की अनुमति देने का प्रस्ताव रखा, जहां अमेरिका और तालिबान के बीच वार्ता हुई है। राजनयिकों ने बताया कि रूस और चीन ने प्रस्ताव रखा कि सभी 13 अधिकारियों को 90 दिन तक यात्रा में छूट दी जाए, लेकिन उन्हें केवल रूस, चीन, कतर और ‘क्षेत्रीय देशों’ में जाने की अनुमति दी जाए।
उन्होंने बताया कि रूस और चीन ने अमेरिकी प्रस्ताव पर आपत्ति जताई और ब्रिटेन, फ्रांस एवं आयरलैंड ने रूस-चीन प्रस्ताव का विरोध किया। रायनयिकों ने बताया कि अमेरिका ने शुक्रवार दोपहर को अपने प्रस्ताव में संशोधन किया और कहा कि सात तालिबान अधिकारियों पर यात्रा प्रतिबंध जारी रखा जाए, जबकि छह अन्य लोगों को बिना किसी भौगोलिक प्रतिबंध के 90 दिन की छूट दी जाए। इस प्रस्ताव पर रूस और चीन अब विचार कर रहे हैं।

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