ये गैर-इस्लामी काम नहीं होने देंगे… पाकिस्तान में खुला ब्रेस्ट मिल्क बैंक तो भड़के मौलवी, डॉक्टरों ने ही मानी हार

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 पाकिस्तान के कराची में खुला देश का पहला ब्रेस्ट मिल्क बैंक बंद हो गया है। धर्मगुरुओं के एक धड़े के लगातार विरोध के बाद डॉक्टरों ने इसे बंद करने का फैसला लिया है। धर्मगुरुओं ने ब्रेस्ट मिल्क बैंक को गैर इस्लामी बताते हुए इसके खिलाफ मोर्चा खोल रखा था। पाक न्यूज पोर्टल आज न्यूज के मुताबिक कराची में मिल्क बैंक को जामिया दारुल उलूम कराची से मंजूरी मिलने के बाद खोला गया था। दिसंबर में इसे धार्मिक मंजूरी मिली थी, जिसके बाद जून में इसे शुरू किया गया। मिल्क बैंक खुलते ही मंजूरी वापस ले ली गई, जिसके बाद इसे बंद करना पड़ा। मौलवियों के इसे गैर इस्लामिक मानने के बाद बंद कर दिया गया ।

रिपोर्ट में कहा गया है कि डॉक्टरों की एक टीम इस्लामिक काउंसिल से बात कर फिर से फैसिलिटी को खोलने के लिए बातचीत कर रहा है। सिंध इंस्टीट्यूट ऑफ चाइल्ड हेल्थ एंड नियोनेटोलॉजी (एसआईसीएचएन) अस्पताल में ये मिल्क बैंक बनाया गया था। एसआईसीएचएन के डॉक्टर और कार्यकारी निदेशक जमाल रजा ने कहा कि समय से पहले जन्मे बच्चों के जीवित रहने की संभावना को बढ़ाने का एकमात्र तरीका स्तन का दूध है। ऐसे में ये एक बेहद अहम जरूरत की चीज है लेकिन कुछ लोग इसे समझ नहीं पा रहे हैं।

दारूल उलूम ने मंजूरी देकर पीछे खींचे कदम

जामिया दारुल उलूम कराची ने दिसंबर 2023 में इस सुविधा को मंजूरी देने का फैसला लिया था। इस संबंध में बयान भी जारी कर दिया गया था। काउंसिल ऑफ इस्लामिक आइडियोलॉजी ने बाद में सवाल उठाया तो इसे वापस ले लिया गया। परिषद के शोध प्रमुख इनामुल्ला का कहना है कि बच्चे के परिवार को पता होना चाहिए कि दानकर्ता कौन हैं ताकि ऐसे परिवारों के बीच भविष्य में विवाह का मुद्दा जटिल ना बने। इनामुल्लाह ने कहा कि इस पर उनको कुछ बेहतर नतीजा निकलने की उम्मीद है।

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