ये भारती या वो भारती नही तो बागी?

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(उमेश बागरेचा)
  नगर पालिका बालाघाट अध्यक्ष उपाध्यक्ष चुनाव की उल्टी गिनती शुरू हो गई है। शहर के राजनैतिक गलियारे में पद के लिए प्रत्याशी के नामों को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है।  भाजपा के पार्षद भाऊ के सौजन्य से पिकनिक का आनंद ले रहे हैं तो कांग्रेस के तथा निर्दलीय पार्षद उन्हें ईष्र्या भरी नजरों से देख रहे हैं और सोच रहे हैं कास हमसे भी कुछ ऐसा कर्म हो जाता कि कोई हमे भी बाड़ाबंदी के बहाने पिकनिक पर ले जाता? कांग्रेसी पार्षद सोच रहे हंै कि बिल्ली के भाग्य से छीका टूट जाए अर्थात भाजपा की ओर से प्रत्याशियों की घोषणा हो जाए इसके बाद कोई दुखी होकर उनकी ओर आशा भरी निगाहें डाल दे तो हम उसे सहारा दे दें। लेकिन भाजपा भी पूरी कोशिश में है कि ऐसी कोई संभावना ना रहे, इसलिए पार्षदों को सीधे 7 तारीख को भोपाल से लाकर बालाघाट के चुनावी मैदान में उतारा जायेगा। भाजपा में अध्यक्ष पद को लेकर अब यह तो तय है कि अगर भाऊ का मुख्यमंत्री स्तर पर दबाव चल गया तो श्रीमती भारती सुरजीत ठाकुर प्रत्याशी होंगी और अगर भोपाल स्थित प्रदेश संगठन  का  दबाव हुआ तो श्रीमती भारती पारधी प्रत्याशी होंगी। वैसे तो भाऊ ने कह दिया है कि उनकी कोई पसंद नहीं जो पार्षद चाहेंगे वह होगा। लेकिन परदे के पीछे की कहानी कुछ और होती है, वह तो जब नाम सामने आयेगा तब पता चलेगा। भाऊ की कोशिश है भाजपा के 18 पार्षदों के अतिरिक्त विजयी 4 निर्दलीय पार्षदों का समर्थन भी उनके प्रत्याशी को मिल जाए। इसलिए आज रात्रि में उन्होंने वार्ड नं. 3, 4 एवं 10 के निर्दलीय प्रत्याशियों को रात्रि भोज पर आमंत्रित किया है यह जानकारी सूत्रों ने दी है, वहीं दूसरी ओर चारों निर्दलीय पार्षद कांग्रेस के भी संपर्क में हैं। निर्दलियों की तो बल्ले-बल्ले है दोनों हाथों में लड्डू है। मिली जानकारी के अनुसार भाजपा के पार्षदों का भ्रमणकारी दल आज देर रात भोपाल पहुंच गया है। जहां उन्हें शायद फाइव स्टार होटल में ही ठहराया गया होगा। कल सुबह 9 बजे के करीब प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज चौहान जी से उनकी मुलाकात कराई जाएगी। लेकिन प्रदेश संगठन के अध्यक्ष वी डी शर्मा से मुलाकात कराने की बात अभी तक सामने नहीं आई है। और अगर ये पार्षद प्रदेश अध्यक्ष वी डी शर्मा से मुलाकात किए बगैर ही बालाघाट पहुंच जाते हैं तो इसे एक चुनावी रणनीति का हिस्सा ही माना जायेगा, यह अलग बात है कि तत्पश्चात प्रदेश संगठन इस बात को किस तरह से लेता है। वहीं दूसरी ओर कांग्रेस की ओर से अभी तक प्रत्याशियों का नाम सामने नहीं आए हं,ै वह शायद भाजपा के प्रत्याशी की नाम की घोषणा का इंतजार कर रही है। उसके पास मात्र 11 पार्षद है उसे  निर्दलीय चारों पार्षदों से कुछ उम्मीद बंधी है जिन्हे जोडक़र 15 हो जाते हैं उसके बाद उनकी नजर भाजपा के खेमे की ओर लगी है कि वहां से कोई बागी होकर सामने आ जाए तो उस पर दाव लगाकर चुनावी खेल खेल लिया जायेे।

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