होली के बाद से प्रारंभ होने वाले राजस्थानी समाज के गणगौर पूजन के समापन अवसर पर 24 मार्च की शाम नगर के इतवारी गंज स्थित मां सिद्धेश्वरी मंदिर से सर्व राजस्थानी समाज द्वारा गणगौर विसर्जन के लिए शोभायात्रा निकाली गई। यह शोभायात्रा डीजे व बैण्ड की मधुर धुनों के साथ सिद्धेश्वरी मंदिर से प्रारंभ होकर सराफा बाजार होते हुए मेन रोड से महावीर चौक, गुजरी चौक, काली पुतली चौक, अंबेडकर चौक से मोती उद्यान पहुंची। जहां मोतीतालाब में विधि-विधान से पूजा अर्चना कर गणगौर विसर्जन किया गया। शोभायात्रा के दौरान राजस्थानी गीतों पर महिलाओं ने सामूहिक नृत्य भी किया।
गणगौर का पूजन कन्याओं और विवाहित स्त्रीयों द्वारा किया जाता है-ज्योति शर्मा
आयोजन को लेकर की गई चर्चा के दौरान श्रीमती ज्योति शर्मा ने बताया कि होली की धुरेंडी के दिन से गणगौर की पूजा अर्चना प्रारंभ होती है।16 दिनों तक चलने वाले इस पूजन को लेकर मान्यता है कि लड़कियां शादी के बाद पहला गणगौर पूजन मायके में किया जाता है। इस पूजन का महत्व अविवाहित कन्या के लिए अच्छे वर की कामना को लेकर रहता है जबकि विवाहित स्त्री अपने पति की दीर्घायु के लिए पूजन करती हैं। इसमें महिलाएं सोलह श्रंगार करके पूरे सोलह दिन पूजन करती हैं। आज गणगौर विसर्जन के लिए भव्य शोभायात्रा निकाली गई। जिसमें महिलाओं के साथ पुरूष भी शामिल रहे।