वारासिवनी(पद्मेश न्यूज)। वारासिवनी जनपद अंतर्गत ग्राम पंचायत खापा सहित आसपास के ग्राम में राजीव सागर परियोजना की नहर फ ूट जाने के कारण किसानो के खेतों में पानी की बड़ी समस्या उत्पन्न हो गई है। जहां पर किसान अपनी उपज को जीवित रखने के लिए कई प्रयत्न व संघर्ष कर रहे हैं। परंतु पानी की उपलब्धता ना होने से दिक्कत बनी हुई है । इस परिस्थिति में किसानों के अंदर सिंचाई विभाग के खिलाफ आक्रोश व्याप्त है। वारासिवनी क्षेत्र के विभिन्न ग्रामीण क्षेत्रों में सिंचाई के लिए राजीव सागर नहर परियोजना के माध्यम से खेतों में पानी उपलब्ध कराया जाता है। जिसमें सीतेकसा बांध का पानी किसानों को सिंचाई के लिए उपलब्ध कराया जाता है। उक्त परियोजना की नहर कटंगी क्षेत्र के नांदी परसवाड़ा के समीप में किसी स्थान से फूट गई है। जिस कारण योजना का पानी वारासिवनी अंतर्गत ग्राम खापा, बोदलकसा सहित अन्य ग्रामों में नहीं आने से परेशानी का सबब बना हुआ है। जहां किसानों के द्वारा खेतों में रबी के सीजन में धान की फसल लगाई जा रही है। जिसमें कुछ किसानों के द्वारा पानी की व्यवस्था कर परहा लगा लिया गया है। वहीं कुछ किसानों के द्वारा परहा नहीं लगाया गया है। ऐसे में किसान अपने परहा और खार दोनों को जीवित रखने के लिए कड़ी मशक्कत कर रहे हैं अब पानी के अभाव में संकट में दिख रहा है । ऐसे में खेत में पानी के लिए किसान त्राहि त्राहि कर रहे हैं।
किसान को पानी नही मिलने पर होगा भारी नुकसान-शंकरलाल देवाहे
किसान शंकर लाल देवाहे ने बताया कि खेती में पानी की बहुत ज्यादा समस्या बनी हुई है ८ दिन हो गया है नहर फू टा था तो अभी तक पानी नहीं आ रहा है। हमारे द्वारा खेतों में फ सल की खार लगाई गई है जो सुख रही है परहा लगाने के लिए हम देख रहे हैं। पानी के लिए त्राहि त्राहि हो गई है हमारी मजबूरी बनी हुई है मेरा खुद का खेत सूखा पड़ा है जो खेत में परहा लगाया था वह सूखने में आ रहा है। हमारे पास कोई दूसरा साधन नहीं है यदि पास में तालाब या कोई दूसरा साधन होता तो मोटर लगाकर पानी की व्यवस्था करते। किंतु हम सीतेकसा बांध की राजीव सागर परियोजना पर ही आश्रित है नहर से हमें पानी मिलना चाहिए।
नहर नही आने से किसानों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है-दीपचंद गौतम
किसान दीपचंद गौतम ने बताया कि खेत में परहा लगाने का है खार सुख रही है एक दो दिन में रोपा पूरा सूख जाएगा। यदि पानी आता है तो लगाई गई उपज को थोड़ा सहारा मिलेगा शासन को इधर ध्यान देना चाहिए। केप के पास में हमने मोगा डालने के लिए अनेकों बार कहा है कि गांव का तालाब भर दिया जायें जिसका पानी हम उपयोग करें परंतु आज तक उसे बारे में कोई पहल नहीं की गई। ग्राम का जमरेया तालाब आज भी खाली है जिसके भरने से हमको सहायता होती थी अधिकारियों को तो बोल बोल कर थक गये। यदि वह तालाब भरता तो समस्या खत्म हो जाती है। मेरे द्वारा वर्ष २०१४ से बिना पानी लिए सिंचाई विभाग को रुपये दिए जा रहे हैं। तालाब से करीब १०० किसानों को लाभ होता परंतु अब सबको नुकसान हो रहा है।
अधिकारी को फोन लगाओ तो संंतोषप्रद जवाब नही देते है- मदनलाल राहगंडाले
किसान मदनलाल राहगंडाले ने बताया कि खेत में पानी के लिए त्राहि त्राहि किसान कर रहा है। अधिकारी को फ ोन लगाओ तो वह कहते हैं नहर बन गया है कल आएगा परसों आएगा परंतु आज तक नहीं आया। रबी में किसान पानी के लिए तरस रहा है साधन वालों ने परहा लगा लिया है परंतु बाकी लोग रास्ता देख रहे हैं वह भी इधर.उधर से थोड़े बहुत पानी की व्यवस्था कर अपनी खार को जिंदा रखने का प्रयास कर रहे हैं। फसल लगाने इतना पानी हमारे पास नहीं है पर अधिकारी पानी छोड़ दिए हैं आ जाएगा यही कहते जा रहे हैं कोई अधिकारी स्पष्ट नहीं बता रहा है। खेत में हमारा सोडा मजदूरी दवा लग गया है सोसायटी का कर्ज भी हमारे ऊपर चढ़ गया है यदि ऐसा ही रहा तो अटैक जाकर मरने की स्थिति है। एक? पीछे 50 हजार का नुकसान है ऊपर से नहर को भी पैसा देना है समिति को भी पैसा देना है।