जम्मू-कश्मीर में सेना की मुस्तैदी के चलते आतंकियों की बड़ी साजिश विफल हो गई है। स्वतंत्रता दिवस से पहले जम्मू कश्मीर के राजौरी में आतंकियों ने उरी जैसे हमले की पूरी प्लानिंग कर ली थी। हालांकि, सुरक्षा बलों की वजह से इसे नाकाम कर दिया गया है। दरअसल, राजौरी के पास परगल में कुछ आतंकी आर्मी कैंप में घुसने की कोशिश कर रहे थे। इसके बाद सुरक्षाबलों ने जवाबी फायरिंग शुरू कर दी। इस फायरिंग में दो आतंकी को ढेर कर दिया गया है। हालांकि, हमारे 3 जवान भी शहीद हुए हैं जबकि दो घायल बताए जा रहे हैं। राजौरी से परगल कैंप की दूरी लगभग 25 किलोमीटर की है। आर्मी कैंप में आतंकियों ने आत्मघाती हमले किए। इसी आत्मघाती हमले में हमारे जवान शहीद हुए हैं।
माना जा रहा है कि आतंकवादी पूरी जैसी हमले को दोहराने की कोशिश कर रहे थे। लेकिन उनकी यह साजिश नाकाम हो चुकी है। भारतीय सेना के अधिकारियों ने बताया कि राजौरी से 25 किलोमीटर दूर एक आतंकी हमले में दो आतंकियों ने सेना की एक कंपनी की ऑपरेटिंग बेस पर आत्मघाती हमला किया। दोनों आतंकवादी मारे गए हैं, जबकि इसमें 3 जवान शहीद हो गए। अभी ऑपरेशन जारी है। आतंकवादी हमले में घायल सेना के जवानों में एक अधिकारी भी शामिल हैं और उन्हें इलाज के लिए भेजा गया है। 16 कोर कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल मनजिंदर सिंह लगातार जमीनी हालात पर नजर बनाए हुए हैं।
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजीपी) मुकेश सिंह ने कहा कि कुछ लोगों (आतंकवादियों) ने पारगल में सेना के एक शिविर की बाड़ पार करने की कोशिश की। जवानों ने उन्हें रोकने की कोशिश की और इसके बाद मुठभेड़ शुरू हो गई। सेना के एक अधिकारी ने कहा कि राजौरी के पारगल में अंधेरे में दो आतंकवादी चौकी में घुसने की कोशिश कर रहे थे। सतर्क सैनिकों ने उनको रोकने की कोशिश की। एडीजीपी ने बताया कि दारहल थाने से करीब छह किलोमीटर दूर स्थित सेना के इस शिविर में अतिरिक्त बल भेजा गया है। आपको बता दें कि 2016 में जम्मू-कश्मीर के उरी में पाकिस्तान से आए जैश-ए-मोहम्मद के चार आतंकवादियों ने आर्मी हेड क्वार्टर पर हमला कर दिया था। इसमें 19 जवान शहीद हो गए थे। हालांकि चारों आतंकी को ढेर कर दिया गया था। इसी हमले की जवाबी कार्रवाई में भारत की ओर से पीओके में घुसकर सर्जिकल स्ट्राइक की गई थी।