राज्य में हर महीने जबरन धर्मांतरण के 7 मामलों का खुलासा, मेरठ जोन में सबसे ज्यादा केस, फिर बरेली का नंबर

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नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश में धर्मांतरण को लेकर हर दिन नया खुलासा हो रहा है एक बार फिर एटीएस ने बड़ा खुलासा करते हुए बताया कि उत्तर प्रदेश में पिछले 7 माह के भीतर धर्मांतरण के 50 मुकदमे दर्ज हुए हैं गौर हो कि उमर गौतम और जहांगीर काजी की गिरफ्तारी के बाद यूपी के ज्यादातर जगहों पर धर्मांतरण  के मामलों से पर्दा उठने लगा है

पिछले 7 महीने के अंदर धर्मांतरण का रिकॉर्ड देखें तो इस बीच करीब 50 मुकदमे दर्ज हुए हैं। इनमें सबसे ज्यादा मामले मेरठ और बरेली से सामने आए हैं। मेरठ में इन 7 महीने के अंदर धर्मांतरण के 12 मामले दर्ज हुए हैं।

अपर मुख्य सचिव गृह ने कहा कि इन जगहों से भी इस तरह की शिकायतें मिल रही हैं, वहां पुलिस एक्शन ले रही है। 27 नवंबर 2020 को जब धर्मांतरण पर कानून बना था, तब से अब तक 50 से ज्यादा मामले सामने पुलिस ने दर्ज किए हैं, 22 मामलों में पुलिस कोर्ट में चार्जशीट भी दाखिल कर चुकी है वहीं 25 केस की जांच चल रही है।

‘धर्मांतरण के सभी मामलों की जांच लगातार जारी है’

एडीजी एलओ प्रशांत कुमार ने बताया कि एटीएस और यूपी पुलिस धर्मांतरण से जुड़े सभी संगठनों की विस्तृत जांच कर रही है। एटीएस के अलावा खुफिया एजेंसियां भी इनके बारे में अपने स्तर से पड़ताल कर रही हैं। एडीजी ने बताया कि धर्मांतरण के सभी मामलों की जांच लगातार जारी है। जितने लोगों को धर्म परिवर्तन कराया गया है एटीएस और पुलिस की टीमें उनसे संपर्क कर रही हैं उनके परिवार वालों से पुलिस लगातार संपर्क में हैं। 

उत्तर प्रदेश एटीएस ने धर्मांतरण को लेकर बड़ा खुलासा किया था

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश एटीएस ने धर्मांतरण को लेकर बड़ा खुलासा किया था। राज्य में भारी संख्या में हिंदुओं को मुस्लिम बनाया जा रहा था वहीं  धर्मांतरण मामले में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सख्त हो गए हैं।बता दें कि राज्य सरकार ने पिछले साल 27 नवंबर को जबरन धर्मांतरण पर रोक लगाने के लिए ‘धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अध्यादेश–2020’ लागू किया था।

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