राष्ट्रीय पट प्रतियोगिता में 136 बैल जोड़ियों ने लिया भाग

0

राष्ट्रीय स्तर की पट प्रतियोगिता राजा भोज कृषि महाविद्यालय मुरझड़ कृषि फार्म में १८ अप्रैल से प्रारंभ है।  जहां पर लाखों रूपये की लागत के बैल अपना जौहर दिखाने पहुॅचे है। मगर इस पट प्रतियोगिता में कई अनिमित्ताऐं देखी जा रही है। यह पट प्रतियोगिता के अंर्तगत अन्य कार्यक्रम भी आयोजित किये गये है। जिसका आयोजन राजा भोज शासकीय कृषि महाविद्यालय परिसर में बालाघाट विधायक अध्यक्ष राज्य पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग मध्यप्रदेश शासन गौरीशंकर बिसेन के नेतृत्व में आयोजित किया गया है। जहां पर तीन दिवसीय राज्य स्तरीय विराट कृषि सम्मेलन, कृषि संगोष्ठी, प्रदर्शनी, राष्ट्रीय बैल जोड़ी दौड़ पट प्रतियोगिता का आयोजन इसमे शामिल है। पट प्रतियोगिता में देश के अनेक प्रांतो से भी जोड़ी आयी है। जिसमें महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश के अनेक जिले व छत्तीसगढ़ और उत्तरप्रदेश शामिल है। मगर इनके रहने खाने व मौलिक मूलभूत सुविधाओं का ध्यान आयोजन समिति ने उस स्तर पर नही रखा है जो स्तर राष्ट्रीय पट प्रतियोगिता के लिये किया जाता है। जिससे इस प्रतियोगिता में शामिल होने वाले पट बैल जोड़ी के मालिक नाखुश नजर आ रहे है। उनका साफ तौर पर कहना है कि आयोजन तो वृहद स्तर का है मगर सुविधाऐं निम्र स्तर की ही मिल रही है। फिर भी पट प्रतियोगिता का बालाघाट जिले के मुरझड़ फार्म पर होना गौरव की बात है। जहां पर जिले के किसानों को कृषि तकनीक, नवीन पध्दति एवं विभिन्न नस्लों के बैल देख कर सीखने का अवसर मिल रहा है।

भोजन व्यवस्था पर दिखाई दे रही अनिमित्ता

यहां यह बताना लाजमी है कि भोजन पंडाल में विभिन्न प्रकार की विसंगति है। जहां क्षेत्र के एवं बाहर से अपनी बैल जोड़ी लेकर आये किसानों को भोजन के लिये लाईन में बैठकर करीब १ घंटे तक भोजन का इंतजार करना पड़ रहा है। वही रूकने, बैठने व खाने की पर्याप्त व्यवस्था न होने की बात किसानों के द्वारा कही जा रही है।

पेड़ के नीचे बैल जोड़ी को लेकर काट रहे समय

गौरतलब है कि बाहर दूर दराज जिले से राष्ट्रीय बैल जोड़ी दौड़ पट प्रतियोगिता में अपने कीमती मवेशी को लेकर पहुॅचे किसान खेतों में झाड़ के नीचे अपना आशियाना डाले हुये है। जिसमें उनके द्वारा महाराष्ट्र में आयोजित प्रतियोगिता का हवाला दिया जा रहा है कि वहां पर उनके रूकने खाने, नहाने सहित तमाम व्यवस्था व पशुओं की सुरक्षा संबंधी समस्त सुविधाऐं दी जाती है परंतु यह राष्ट्रीय कार्यक्रम में  हम यह सुविधा से वंचित है और हमे अपने पशुधन की सुरक्षा को लेकर डर लगा हुआ है।

१३६बैल जोड़ी ने की है शिरकत

इस पट प्रतियोगिता में लगभग १३६ बैल जोड़ी शिरकत की है। वही अभी भी कुछ बैल जोड़ी पंजीयन कराने की है। जिसमें मुख्य रूप से वासिम, बुल्ढ़ाना, यवतमाल, छत्रपति संभाजी नगर, ग्वालियर, साकोली, झांसी, बैतूल, नरसिंहपुर, सिवनी, गोंदिया, भंडारा एवं क्षेत्र की बैल जोड़ी आकर्षण का केन्द्र है। जिनकी फाईनल दौड़ २० मई आज कराई जायेगी। वर्तमान में २१.९२ सेकेण्ड के साथ शोएब पटेल नांदी सिवनी की जोड़ी  पहले व २२.१२ सेकेण्ड के साथ दूसरे स्थान पर आशिम वर्मा वासिम की जोड़ है। ऐसे में देखना है कि फाईनल का विजेता कौन होगा।

पत्तल में भोजन परोसे जाने का कर रहे इंतजार – अशोक पंचेश्वर

पद्मेश को जानकारी देते हुये चरेगॉव निवासी अशोक पंचेश्वर ने बताया कि वे अपनी बैल जोड़ी इस पट प्रतियोगिता में लेकर आये है। मगर १९ मई को जब खाने का समय हुआ तो हम भोजन पंडाल में पहुॅचकर अपनी पत्तल में भोजन आने की राह तक रहे है। आयोजन तो भ्ठीक है मगर व्यवस्थाऐं उस तरह की नही है जिस तरह की होनी चाहिये। हालांकि सुबह हमें नाश्ता जरूर मिला है मगर खाने के लिये हम बैठकर इंतजार कर रहे है कि कब हमारी पत्तल में खाना आयेगा।

प्रतियोगिता में फैली अव्यवस्था से मन खिन्न – संजय राठौर

नांदेड़ निवासी संजय रतिराम राठौर  ने पद्मेश को बताया कि वे महाराष्ट्र राज्य से आते है। हमने कई बड़ी बड़ी प्रतियोगिता में भाग लिया है मगर बालाघाट जिले के मुरझड़ में हो रही प्रतियोगिता में अव्यवस्था को बोलबाला नजर आ रहा है। जिससे मन खिन्न हो गया है। हम किसान जो अपनी पट जोड़ी लेकर आये है इन व्यवस्था को देखकर काफी दुखी है। ऐसे में व्यवस्था को दुरूस्त करने की हमारी मांग है।

अन्य राज्य में रखा जाता है हमारी सुविधाओं का ख्याल – राजा खान

बरघाट निवासी राजा खान ने पद्मेश को बताया कि इतना बड़ा आयोजन में किसी प्रकार की कोई सुविधा हम कृषकों को प्रदान नही की गई है। हम लोग महाराष्ट्र राज्य या फिर कोई अन्य राज्य जाते है तो हमें रहने खाने के साथ ही हमारे मवेशियों को भी आशियाना प्रदान किया जाता है। मगर वारासिवनी व लालबर्रा में आयोििजत यह राष्ट्रीय स्तर के आयोजन में सुविधा  के नाम पर काफी कमी दिख रही है। ऐसा लग रहा है कि हम राष्ट्रीय स्तर की पट प्रतियोगिता नही कोई दोयम दर्जे की पट प्रतियोगिता में शिरकत करने आये है।

पट के बैलों के खान पान पर रखा जाता है खास ख्याल

हम यहां यह बतायें कि पट प्रतियोगिता में शिरकत करने आये बैल खेती कार्य में उतने उपयुक्त नही होते है। यह बैल विशेष रूप से पट के लिये ही किसानों द्वारा तैयार किये जाते है। जिनके खान पान पर काफी गंभीरता से ध्यान देते हे। किसानो का कहना है कि हम अपने पट जोड़ी के बैलों को काजू, किसमिस, अंड़ा सहित अन्य शक्ति वर्धक भोजन प्रदान करते है। उन्हे देशी अंडा खिलाया भी जाता है साथ ही उनके पैरों की मसाज सरसों तेल से प्रतिदिन की जाती है। साथ ही समय समय पर उनका स्वास्थ परीक्षण भी करवाया जाता है। यह बैलों की कीमत २० से ३० लाख प्रति नग होती है जिन्हे हम अपने बच्चे की तरह पालते है।

सभी पट जोड़ी व उनके मालिकों का किया गया है विशेष प्रबंध – प्रदीप शरणागत

आयोजन समिति के पदाधिकारी भाजपा ग्रामीण मंडल अध्यक्ष प्रदीप शरणागत ने पद्मेश को बताया कि इस राष्ट्रीय पट प्रिितयोगिता में महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश व उत्तर प्रदेश के कौने कौने से बैल जोड़ी शामिल होने आयी है। जिन्हे रूकने खाने पीने सहित हर सुविधा प्रदान की जा रही है। यह आयोजन हमारे सर्वमान्य नेता गौरीशंकर बिसेन के प्रयास से आयोजित हुई है। रही बात किसानों के रूकने व उनकी व्यवस्था करने की तो हम लोगों ने आसपास के ग्रामीणों के घर में की है। वही जो बैल जोड़ी लेकर आये कृषक है उन्हे भी ठहराने की व्यवस्था कृषि महाविद्यालय के भव्य परिसर में की गई है। आज २० मई को इस प्रतियोगिता का समापन किया जायेगा। श्री शरणागत ने बताया कि इस विशाल आयोजन के दौरान कुछ अव्यवस्था हो सकती है मगर सूचना मिलते ही उसे दुरूस्त करने का कार्य किया जा रहा है। यह प्रतियोगिता हमारे जिले का गौरव है जिसे हम लोग गौरी भाऊ के नेतृत्व में शांति पूर्वक  तरीके से संपन्न करा रहे है। श्री शरणागत ने बताया कि इस प्रतियोगिता में करीब १३६ बैल जोड़ी शामिल हुई है और कुछ जोड़ी की संख्या बढ़ सकती है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here