संसद के मॉनसून सत्र में तमाम हंगामे के बावजूद विपक्षी दलों के हाथ कोई उपलब्धि नहीं लगी है और सत्र खत्म होने का समय करीब आता जा रहा है। ऐसे में मोदी सरकार को घेरने की रणनीति बनाने के लिए कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने विपक्ष के सांसदों और अन्य प्रमुख नेताओं को मंगलवार सुबह ब्रेकफास्ट पर आमंत्रित किया है। राहुल गांधी के साथ विपक्षी दलों के नेताओं की यह बैठक दिल्ली के कांस्टीट्यूशन क्लब (Constitutional Club) में आयोजित की गई है। इस ब्रेकफास्ट मीट में विपक्ष के करीब 17-18 पार्टियों के नेताओं को बुलाया गया है। सूत्रों ने बताया कि इसमें DMK, शिवसेना, RJD, वाम दलों, तृणमूल कांग्रेस और कई अन्य विपक्षी दलों के नेताओं को आमंत्रित किया गया है।
क्या है राहुल गांधी का एजेंडा?
संसद के मौजूद मॉनसून सत्र में पेगागस जासूसी और कृषि कानून के मुद्दे पर जमकर हंगामा हो रहा है। विपक्षी दल तमाम कोशिशों के बावजूद सरकार को अपनी बात मानने पर मजबूर नहीं कर सकी हैं। इसके अलावा संसद में कार्यवाही नहीं चलने देने का आरोप भी लगने लगा है। ऐसे में विपक्ष संसद के बाहर समानांतर संसद सत्र चलाने की सोच रहा है। सूत्रों के मुताबिक राहुल गांधी के साथ मंगलवार को होनेवाली इस बैठक में इस प्रस्ताव पर चर्चा की जाएगी। माना जा रहा है कि विपक्ष के कुछ नेता भी इस प्रस्ताव के पक्ष में हैं।
दूसरी वजह ये है कि माना जा रहा है कि राहुल गांधी और कांग्रेस ने 2024 चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है, और राहुल गांधी भविष्य के नेता के तौर पर खुद को स्थापित करने की कोशिश में हैं। केन्द्र में कांग्रेस के बिना कोई सरकार नहीं बन सकती और कांग्रेस अकेले सरकार बना नहीं सकती। इसलिए राहुल गांधी इस बहाने विपक्ष के खेमे में सेंट्रल रोल प्ले करने के मूड में है। अगर विपक्षी दलों ने उनका नेतृत्व स्वीकार कर लिया, तो राहुल गांधी के लिए ये बड़ी उपलब्धि होगी। इस वजह से इस ब्रेकफास्ट मीट को काफी अहम माना जा रहा है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि राहुल गांधी विपक्षी पार्टियों तक पहुंच बनाने की कोशिश कर रहे हैं और साथ ही साथ गठबंधन सहयोगी दलों को स्पेस भी दे रहे हैं।
वैसे, कांग्रेस की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कई मौकों पर लंच और डिनर का आयोजन किया है। लेकिन ये पहली बार है जब राहुल गांधी ने विपक्ष के तमाम नेताओं को ब्रेकफास्ट पर भुलाया है। इससे पहले मौजूद सत्र के लिए ही राहुल गांधी दो बार विपक्ष के नेताओं के साथ बैठक कर चुके हैं। पिछली बैठक में इस बात को लेकर विपक्षी दलों के बीच सहमति बनी थी कि जब तक सरकार पेगासस पर बहस नहीं करती है, तब तक सदन की कार्यवाही सुचारू रूप से नहीं चलेगी। इस मुद्दे पर विपक्षी दलों ने अब तक उनका साथ दिया है।