रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध के बीच पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान पश्चिमी और यूरोपीय देशों पर भड़क गए हैं। इमरान खान की नाराजगी इस बात को लेकर है कि यूक्रेन मुद्दे पर 22 राष्ट्र प्रमुखों ने पाकिस्तान को चिट्ठी लिखी और दबाव बनाया कि वह संयुक्त राष्ट्र में रूस के खिलाफ वोट करे। इमरान खान ने इन देशों से पूछा है कि आखिर उन्होंने भारत को ऐसी चिट्ठी क्यों नहीं लिखी? क्या ये देश पाकिस्तान को अपना गुलाम समझते हैं। बता दें, संयुक्त राष्ट्र महासभा में रूस के खिलाफ लाए गए प्रस्ताव पर वोटिंग के समय भारत और यूएई के साथ ही पाकिस्तान भी अनुस्थित रहा था।
अमेरिका में यूक्रेन के राजदूत ने रूस को बताया आतंकी देश
इस बीच, अमेरिका में यूक्रेन के राजदूत ओक्साना मर्कारोवा ने रविवार को रूस को आतंकी देश बताते हुए राष्ट्रपति जो बाइडन से मास्को पर और कठोर प्रतिबंध लगाने और कीव को हथियारों की आपूर्ति बढ़ाने का आह्वान किया। फाक्स न्यूज को दिए साक्षात्कार में ओक्साना ने अपना वह आरोप दोहराया कि रूस नागरिकों, अस्पतालों और स्कूलों को निशाना बनाकर युद्ध अपराध को अंजाम दे रहा है। उन्होंने कहा कि यूक्रेन अमेरिका और अन्य देशों के साथ मिलकर इसके साक्ष्य इकट्ठा कर रहा है। राजदूत ने कहा कि रूस आतंकी देश है और उसके साथ वैसा ही व्यवहार किया जाना चाहिए। उन्होंने अपनी यह मांग दोहराई कि रूस के खिलाफ प्रतिबंधों को और कड़ा किया जाना चाहिए जिनमें रूस से तेल व गैस के आयात पर पूर्ण प्रतिबंध और यूक्रेन को विमानभेदी प्रणालियों व अन्य हथियारों की आपूर्ति में वृद्धि शामिल है
यूक्रेन से पलायन करने वालों का आंकड़ा 15 लाख के पार
युद्ध के 11 वें दिन यूक्रेन से पलायन कर पड़ोसी देशों में जाने वालों की संख्या बढ़कर 15 लाख को पार कर गई। यह द्वितीय विश्व युद्ध के बाद दुनिया में सबसे तेज गति से हुआ पलायन है। यूक्रेन छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर जाने वालों में ज्यादातर महिलाएं, बच्चे, बुजुर्ग और बीमार हैं। इस बीच युद्ध के हालात पर राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन, अमेरिकी सांसदों और इजरायल के प्रधानमंत्री नाफ्ताली बेनेट से बात की है। जेलेंस्की ने लड़ाई के लिए समर्थक देशों से ज्यादा हथियार और लड़ाकू विमान मांगे हैं।