हमीदिया अस्पताल से 863 रेमडेसिविर इंजेक्शन चोरी होने के मामले में पुलिस की टीमें रविवार को दिन भर हमीदिया अस्पताल में मौजूद रहीं। चार थानों की पुलिस और क्राइम ब्रांच की टीम ने दिनभर संदिग्धों और अस्पताल के सेंट्रल ड्रग स्टोर के कर्मचारियों से पूछताछ की। घटना के बाद से लेकर पुलिस करीब 35 लोगों से अलग-अलग पूछताछ कर चुकी है। जांच में पुलिस ने एक बात साफ कर दी है कि इस चोरी में बाहरी व्यक्ति की भूमिका न के बराबर लग रही है। पुलिस जांच में एक बात और सामने आई कि इंजेक्शन के रिकॉर्ड में भारी गड़बड़ी है। पुलिस का अब पूरा जोर मामले को सुलझाकर इंजेक्शन चोरी करने वाले आरोपित की गिरफ्तारी पर टिक गया है। पुलिस ने अस्पताल और बाहर के मिलाकर करीब 115 सीसीटीवी कैमरों फुटेज खंगाले हैं। बता दें कि हमीदिया अस्पताल के सेंट्रल ड्रग स्टोर से शुक्रवार-शनिवार की दरमियानी रात 863 रेमडेसिविर इंजेक्शन चोरी हो गए थे।
हमीदिया अस्पताल से रेमडेसिविर इंजेक्शन चोरी मामले में हमीदिया अस्पताल के अधीक्षक पर गाजगिरी है। डॉ आईडी चौरसिया को हमीदिया अस्पताल के अधीक्षक पद से हटा दिया गया। ड़ॉ. लोकेंद्र दवे बने हमीदिया अस्पताल के नए अधीक्षक।
इनसे की गई पूछताछ
पुलिस ने घटना के दूसरे दिन रविवार को उन लोगों की सूची बनाई, जिनका एक अप्रैल से घटना के दिन तक ड्रग स्टोर से संबंध रहा है। वह किसी भी तरह से छोटे मोटे काम के लिए स्टोर पहुंचे हों। पुलिस ने उनमें अधिकांश लोगों को पूछताछ के लिए बुला लिया है। इनमें से कुछ ने पुलिस पूछताछ से इंकार भी किया, लेकिन पुलिस ने उनको अपनी स्टाइल में समझाया और पुलिस पूछताछ में सहयोग करने के लिए कहा। पुलिस द्वारा की गई पूछताछ में 90 फीसद अस्पताल के कर्मचारी थे। बाकी दस फीसद स्टोर रूम के पास रहने वाले लोग हैं, जो रात के समय वहां नजर आ रहे थे।
रिकॉर्ड में भारी गडबडी मिली
पुलिस जांच टीम में शामिल एक अफसर ने बताया कि हमारी जांच में अभी यह सामने आया है कि रेमडेसिविर इंजेक्शन के रिकॉर्ड में भारी गड़बड़ी की जा रही थी। सभी रजिस्टरों को चेक किया गया है। पुलिस ने इस बिंदु को अपनी जांच में शामिल किया है। अब तक की जांच के मुताबिक पुलिस को यही लगता है कि इस वारदात में किसी भीतरी व्यक्ति का ही हाथ है। इसमें एक से अधिक लोग शामिल हैं।
कई लोगों के कॉल डिटेल भी खंगाल रही
पुलिस ने इस चोरी की वारदात को सुलझाने के लिए घटनास्थल के थोड़ी दूरी पर लगा एक सीसीटीवी कैमरा मिला है। इसकी रिकार्डिंग देखी। हमीदिया अस्पताल के अन्य 115 सीसीटीवी कैमरों के फुटेज खंगाले। पुलिस अधिकारी जल्द ही वारदात का खुलासा करने की बात कह रहे हैं। कुछ संदिग्धों की कॉल डिटेल भी पुलिस निकाल रही है।
उधर, हमीदिया के स्टोर कीपर ने अपने बयान में बताया है कि उनके पास किसी भी इंजेक्शन का कोई रिकार्ड नहीं है, क्योंकि जितने इंजेक्शन डॉक्टर बोलते थे उन्हें पहुंचा दिया जाता था। अब तक कितने डॉक्टरों के कहने पर किसे इंजेक्शन लगाया गया, इसकी भी जानकारी स्टोर कीपर के पास नहीं है। इधर, अस्पतालों से ही इंजेक्शन की कालाबाजारी होने के मामले की जांच की जा रही है। बताया जा रहा है कि अस्पताल से ही मुंहमांगी कीमत पर पिछले दरवाजे से इंजेक्शन ब्लैक में बेचे जाते थे। अब तक मामला दबा लिया जाता था, लेकिन अब जांच में सारे तथ्य सामने आ जाएंगे। इधर, इस मामले में अस्पताल अधीक्षक डॉ. आइडी चौरसिया का कहना है कि आगे से ऐसा ना हो, इसका पूरा ध्यान रखा जाएगा।