नई दिल्ली: रोड एक्सीडेंट में जान गंवाने या दिव्यांग होने पर मुआवजे का प्रावधान है। देश के प्रत्येक जिले में मोटर एक्सीडेंट क्लेम ट्रिब्यूनल (MACT) बने हुए हैं। काफी लोगों को इसका पता नहीं होता। ऐसे में पीड़ित खुद या उसके परिजन इस मुआवजे के लिए अप्लाई ही नहीं कर पाते। इसलिए हर शख्स को रोड एक्सीडेंट में मुआवजे से जुड़ी पूरी जानकारी होनी चाहिए।
अगर किसी के साथ सड़क हादसा हो जाए तो सबसे पहले इसकी सूचना पुलिस को दी जानी चाहिए। हादसा होने पर लोकल पुलिस MACT को इसकी सूचना देती है। जांच अधिकारी आता है, जो मुकदमा दर्ज करने, कोर्ट में चालान पेश करने और संबंधित पक्षकारों को ट्रिब्यूनल के सामने पेश करने का काम करता है। प्रक्रिया में पीड़ित पक्ष के लिए पुलिस की तरफ से ही लगभग सभी औपचारिकता पूरी कर दी जाती है, जिससे क्लेम हासिल करना आसान हो जाता है।
कौन और कहां कर सकता है दावा?
मोटर व्हीकल एक्ट-1988 की धारा 166 के मुताबिक, एक्सीडेंट के दौरान जो शख्स जख्मी हुआ हो, डैमेज हुई प्रॉपर्टी का मालिक और हादसे में मारे गए शख्स के सभी या कानूनी प्रतिनिधि मुआवजे के लिए दावा कर सकते हैं। यह दावा आप जिस जगह पर रहते हैं, जहां कारोबार करते है, एक्सीडेंट वाले एरिया या फिर सड़क हादसे का आरोपी जिस इलाके में रहता है, वहां किया जा सकता है।