हिन्दु धर्मालंबियों का सबसे बड़ा पर्व दीपोत्सव का ५ दिवसीय पर्व धनतेरस पर्व के साथ प्रारंभ हो गया है और २४ अक्टूबर की रात में शुभ मुहूर्त पर माता लक्ष्मी की विधि-विधान से पूजा अर्चना कर दीपावली पर्व धार्मिक आस्थाओं के साथ मनाया गया। दीपावली के दिन २४ अक्टूबर को लक्ष्मी पूजा की तैयारियों में प्रात:काल से ही बाजार में भारी भीड़-भाड़ रही, लोग माता लक्ष्मी-भगवान श्री गणेश-माता सरस्वती की प्रतिमायें, फोटो, दीया बत्ती, रूई, लाई बताशे, कमल, गेंदे के फूलों की माला, आम के पत्तों का तोरण, सजावट की सामग्री, पूजन सामग्री, नारियल, फटाखा, रांगोली, कपड़े, बर्तन व ‘वेलर्स आदि की खरीदी करते रहे। इस दौरान
बाजार क्षेत्र में स्थित कपड़ा, बर्तन, मिठाई, फटाखा, मिट्टी के दीये व माता लक्ष्मी की छोटी प्रतिमाओं की दुकान एवं मोबाईल शॉप सहित अन्य दुकानों में खासी भीड़ रही जिससे दिनभर चहल-पहल बनी रही और लोगों ने जमकर खरीददारी की है। लक्ष्मी पूजन के दिन जमकर धन बरसा और सभी व्यापारियों का व्यापार भी अ’छा रहा।
रांगोली से सजे घर-आंगन
सुख समृध्दि का प्रतीक दीपावली पर्व पर खास आकर्षण होता है घरों के आंगन में बिखेरे जाने वाले कलात्मक रंग अर्थात रांगोली उकेरी गई। प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी दीपावली पर्व के तीसरे दिन लक्ष्मी पूजन के अवसर पर नगर की महिलाओं ने उत्साह से अपने घर के आंगन को सुन्दर-सुन्दर रांगोली से रंग दिया, रांगोली बनाने में युवती व महिलाओं में खासा उत्साह देखा गया।