लांजी (पद्मेश न्यूज)। विश्व आदिवासी दिवस, विश्व में रहने वाली संपूर्ण आबादी के मूलभूत अधिकारों (जल, जंगल, जमीन) को संरक्षण देने और उनकी सामाजिक, आर्थिक और न्यायिक सुरक्षा के लिए प्रत्येक वर्ष 9 अगस्त को विश्व के आदिवासी लोगों का अंतर्राष्ट्रीय दिवस मनाया जाता है। यह घटना उन उपलब्धियों और योगदानों को भी स्वीकार करती है जो मूलनिवासी लोग पर्यावरण संरक्षण, आजादी, महा आंदोलनों, जैसे विश्व के मुद्दों को बेहतर बनाने के लिए करते हैं। यह पहली बार संयुक्त राष्ट्र की महासभा द्वारा दिसंबर 1994 में घोषित किया गया था। 9 अगस्त को विश्व आदिवासी दिवस मनाने को लेकर नगर के गोंडवाना सामुदायिक भवन लांजी में आदिवासी समाज लांजी की बैठक सम्पन्न हुई। जिसमें सभी आदिवासी समाज के सगाजनों ने मिलकर सांस्कृतिक, उद्बोधन व कार्यक्रम व्यवस्था की अंतिम रूपरेखा पूर्ण की गई। साथ ही आदिवासी समाज लांजी द्वारा सभी आदिवासी सगाजनों से अपील की हैं कि अपनी पारंपरिक वेश-भूषा के साथ उपस्थित होकर कार्यक्रम को सफल बनायें। बैठक में प्रमुख रूप से वरिष्ठ समाज सेवी शंकरलाल धारने, ऋषिकेश घोरमारे, मोतीराम उइके, अमोल सिंह धुर्वे, बी.आर.गुर्दे, लक्ष्मण नेवारे, इठोबा ढोक, मोहन भलावी, धनीराम धारने, भाऊलाल सहारे, चितरंजन उइके, राधेश्याम नारनौरे, महेंद्र गुरदे, महेंद्र रणदिवे, मोहित सरवरे, चंदन पन्द्रे, श्रीराम मंडलवार, महेंद्र राउत, सदाराम रंधये, एम.आर.मलगाम, लोकेश मलगाम, महेश घोरमारे, लिखेराम मसराम, परशुराम धारने, राकेश नारनौरे, गांधी घोरमारे, धर्मेंद्र धारने, अतुल हनोते, डेविड उइके, दीनू उइके (जीएसयू प्रदेश सदस्य), राकेश नारनौरे (प्रेरक युवा वक्ता आदिवासी समाज लांजी) आदि उपस्थित रहे