लाजिस्टिक हब के लिए इंदौर के आसपास जमीन की तलाश शुरू

0

शहर के आसपास नया लाजिस्टक हब बनाने के लिए नेशनल हाईवेज अथारिटी आफ इंडिया (एनएचएआइ) ने जमीन की तलाश शुरू कर दी है। अथारिटी की योजना है कि लाजिस्टिक हब का निर्माण कर वहां सभी मूलभूत सुविधाएं जुटा दी जाएं और उसके बाद उसके संचालन और संधारण का काम किसी निजी कंपनी को बिल्ट-आपरेट-ट्रांसफर आधार पर दे दिया जाए।

केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने इंदौर के आसपास लाजिस्टिक हब बनाने के प्रस्ताव को सैद्धांतिक रूप से मंजूरी दी थी। उसके बाद मुख्यालय स्तर से मिले दिशा-निर्देशों के बाद यह कवायद शुरू की गई है। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि जमीन का आकार-प्रकार, स्थान और अन्य सभी बातों को लेकर कंसल्टेंट ही अथारिटी को प्रस्ताव देगा, जिस पर अंतिम फैसला लिया जाएगा। कंसल्टेंट लाजिस्टिक हब निर्माण को लेकर तमाम संभावनाएं, सकारात्मक और नकारात्मक पहलुओं का भी अध्ययन करेगा। उम्मीद है कि दो-तीन महीने में वह अपनी रिपोर्ट अथारिटी को सौंप देगा। उसके बाद मुख्यालय स्तर पर फैसला होगा।

पीथमपुर प्राथमिकता में, लेकिन…

अथारिटी के एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि लाजिस्टिक हब के लिए इंदौर के पास पीथमपुर से बेहतर विकल्प और कोई हो नहीं सकता, लेकिन इसमें एक समस्या है। ऐसी जानकारी मिली है कि पीथमपुर में कंटेनर कार्पोरेशन आफ इंडिया (कानकोर) ने जो लाजिस्टिक हब बनाया है, अभी वही पूरी क्षमता से काम नहीं कर पा रहा है। ऐसे में वहां दूसरे हब के निर्माण का फैसला लेना तर्कसंगत नहीं है।

कानकोर के अलावा चार-पांच निजी कंपनियां भी लाजिस्टिक की सेवाएं दे रही हैं। लाजिस्टिक हब के लिए दूसरा विकल्प इंदौर-देवास के बीच है। बहरहाल, कंसल्टेंट ही इस मामले में अथारिटी को सबसे बेहतर विकल्प सुझाएगा। अफसरों का कहना है कि जगह का चुनाव होने पर लाजिस्टिक हब के लिए जरूरी जमीन राज्य सरकार के सहयोग से अधिग्रहित की जाएगी।

रेल लाइन-रोड कनेक्टिविटी भी देखेंगे

लाजिस्टिक हब के लिए इंदौर के पास सीमित विकल्प हैं, क्योंकि इसके लिए रेल लाइन और रोड कनेक्टविटी, दोनों ही जरूरी हैं।यही कारण है कि पीथमपुर, इंदौर-देवास और इंदौर-उज्जैन के बीच ही जमीन तलाशनी पड़ेगी।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here