बालाघाट लालबर्रा थाना क्षेत्र में आने वाले ग्राम कनकी में 5 वर्ष पहले एक व्यक्ति की गला घोट कर हत्या करने के आरोप में 6 आरोपी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई। इन 6आरोपी जिनमे विक्की पिता देवी चंद डहरवाल 33 वर्ष, राकी पिता सुनेलाल डहरवाल 38 वर्ष, कौशिक पिता बलराम मेश्राम 26 वर्ष तीनों ग्राम कनकी थाना लालबर्रा, राजेंद्र उर्फ मनोज उर्फ भूरा पिता दिमागचंद हनवत 30 वर्ष, राजेश सोनवाने उर्फ राज पिता शिवलाल सोनवाने 28 वर्ष और जितेंद्र सोनवाने उर्फ हनमान पिता अरुण सोनवाने 31 वर्ष तीनों ग्राम सोनझरा थाना रामपायली निवासी है। विद्वान विशेष न्यायाधीश के एस बारिया की अदालत ने इन 6 आरोपी को आजीवन कारावास के अलावा प्रत्येक को 10-10 हजार रुपये अर्थदंड से भी दण्डित किये है। इस मामले का मुख्य आरोपी मृतक लेखराम ब्रम्हे का बड़ा बेटा गजानंद ब्रम्हे फरार है। इस आरोपी ने जमीन जायजाद के हिस्से को लेकर अपने उक्त 6 साथियों के साथ मिलकर अपने पिता लेखराम ब्रम्हे की गला घोटकर हत्या की थी। यह एक जघन्य और सनसनीखेज मामला था। जिसकी पैरवी अभियोजन की ओर से विशेष लोक अभियोजक/ जिला लोक अभियोजन अधिकारी कपिल कुमार डहेरिया द्वारा की गई।
अभियोजन के अनुसार 9 दिसंबर 2018 को सुबह ग्राम कनकी में लेखराम ब्रम्हे अपने घर में मृत अवस्था में मिलने की सुचना पर थाना प्रभारी विजय कुमार विश्वकर्मा ने ग्राम कनकी पहुंच कर तस्दीक की और मृतक लेखराम के पुत्र गजानंद ब्रम्हे 24 वर्ष कनकी की रिपोर्ट पर मौके पर मर्ग कायम किये। पूछताछ में गजानन ब्रम्हे ने बताया बताया था कि वह मजदूरी करता है एवं वे दो भाई है छोटा भाई मिनेश ब्रम्हे है। उसकी मां हिरन बाई की 2015 में मृत्यु हो गई और वह अपनी पत्नी के साथ अलग रहता है और उसका पिता लेखराम ब्रम्हे अलग रहते हैं। 8 एवं 9 दिसंबर की दरमियानी रात अज्ञात व्यक्ति ने घर में घुसकर उसके पिता लेखराम ब्रम्हे की गला घोट दबाकर हत्या कर दी। इस मामले में अज्ञात आरोपी के विरुद्ध धारा 460, 302 भादवि के तहत अपराध दर्ज किया गया। अनुसंधान के दौरान लेखराम की हत्या के अज्ञात आरोपी की तलाश पतासाजी की जा रही थी। इस दौरान मुखबिर से सूचना मिली कि गजानन ब्रम्हे ने ही अपने कुछ साथियों के साथ मिलकर अपने पिता लेखराम ब्रम्हे की गला घोट कर हत्या की है। गजानन ब्रम्हे को हिरासत में लेकर पूछताछ करने पर उसने बताया कि पिता लेखराम ब्रम्हे जमीन का हिस्सा नहीं देने के कारण उसने अपने साथियों के साथ मिलकर पिता लेखराम ब्रम्हे की गला घोट कर हत्या कर दी। इस मामले में गजानन ब्रम्हे को गिरफ्तार किया गया और इस मामले में धारा 120 बी भादवि एवं धारा3(2)5 अनुसूचित जाति जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम का इजाफा किया गया था। हत्या के बाद अन्य आरोपी फरार थे। इस मामले की विवेचना जारी रखते हुए गजानन ब्रम्हे के विरुद्ध अभियोग पत्र अदालत में पेश किया गया था और विवेचना दौरान 19 जुलाई 2019 को अन्य आरोपी राजेश उर्फ राज सोनवाने, जितेंद्र उर्फ हनमान सोनवाने ,राजेंद्र उर्फ मनोज उर्फ भूरा हनवत, विक्की डहरवाल, कौशिक मेश्राम और रॉकी डहरवाल को गिरफ्तार किया गया था। जिनके विरुद्ध पूरक अभियोग पत्र विद्वान अदालत में पेश किया गया था। पिछले 5 वर्ष से यह मामला बालाघाट की विशेष अदालत में चल रहा था और इस मामले के चलते सभी आरोपी जमानत पर चल रहे थे। और पेशी पर आ रहे थे। किंतु इस मामले का मुख्य आरोपी गजानंद जमानत होने के बाद फरार हो गया। 11 दिसंबर को विद्वान विशेष न्यायाधीश के एस बारिया की विद्वान अदालत ने इस मामले की सुनवाई करते हुए 6 आरोपी विक्की डहरवाल, रॉकी डहरवाल, राजेंद्र हनवत उर्फ मनोज उर्फ भूरा, राजेश उर्फ राज सोनवाने ,जितेंद्र सोनवाने उर्फ हनमान, और कौशिक मेश्राम को लेखराम ब्रम्हे की हत्या करने के आरोप में दोषी पाये। विद्वान अदालत ने मामले की समस्त परिस्थितियों को देखते हुए अपने विवेचन निष्कर्ष और उपलब्ध साक्ष्य के आधार पर इन आरोपियों को धारा 302/ 34 भादवि के तहत अपराध में आजीवन कारावास और प्रत्येक को 5-5 हजार रुपये अर्थदंड, धारा 460 भादवि के तहत अपराध में आजीवन कारावास और प्रत्येक को 5-5 हजार रुपये अर्थदंड से दण्डित किये।