कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने यूपीएससी में लेटरल एंट्री को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधा है। राहुल ने केंद्र के विभिन्न मंत्रालयों में संयुक्त सचिवों, निदेशकों और उप सचिवों के प्रमुख पदों पर ‘लेटरल एंट्री’ के जरिए जल्द ही 45 एक्सपर्ट नियुक्त किए जाने के फैसले की आलोचना की है। राहुल गांधी का कहना है कि पीएम नरेंद्र मोदी संघ लोक सेवा आयोग की जगह ‘राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ’ के जरिए लोकसेवकों की भर्ती करके संविधान पर हमला कर रहे हैं। राहुल गांधी ने कहा कि खुलेआम एससी, एसटी और ओबीसी वर्ग का आरक्षण छीना जा रहा है।
यूपीए सरकार लाई थी अवधारणा
अब बीजेपी ने राहुल गांधी पर पलटवार किया है। बीजेपी का कहना है कि यह अवधारणा सबसे पहले कांग्रेस नीत यूपीए सरकार की तरफ से ही लाई गया था। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि लेटरल एंट्री के मामले में कांग्रेस का पाखंड दिख रहा है। दरअसल, लेटरल एंट्री की अवधारणा को विकसित करने वाला यूपीए सरकार ही थी। दूसरा प्रशासनिक सुधार आयोग (एआरसी) साल 2005 में मनोहन सिंह सरकार के नेतृत्व में ही बनाया गया था।
रेल मंत्री ने कहा- शासन में होगा सुधार
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने एक्स पर पोस्ट में कहा, प्रशासनिक सुधार आयोग की अध्यक्षता कांग्रेस नेता वीरप्पा मोइली ने की थी। यूपीए काल के एआरसी ने विशेषज्ञता की जरूरत वाले पदों को भरने के लिए एक्सपर्ट्स की भर्ती की सिफारिश की थी। एनडीए सरकार ने इस सिफारिश को लागू करने के लिए एक पारदर्शी तरीका बनाया है। रेल मंत्री ने कहा कि भर्ती यूपीएससी के माध्यम से पारदर्शी और निष्पक्ष तरीके से की जाएगी। इस सुधार से शासन में सुधार होगा।