लोकसभा चुनाव की तैयारी में जुटी भाजपा, नड्डा ने दिए 78000 कमजोर बूथों पर विशेष ध्यान देने का निर्देश

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भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अभी से 2024 के लोकसभा चुनाव की तैयारी में जुट गई है। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने महासचिवों के साथ पार्टी मुख्यालय में एक बैठक की। बैठक में बूथों को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित किया गया। उल्लेखनीय है कि इसी साल मई माह में भाजपा ने पार्टी के लिए 78,000 कमजोर बूथों की पहचान की थी। साथ ही फैसला किया था कि इनमें से प्रत्येक बूथ पर कम से कम 30 नए सदस्यों को पार्टी से जोड़ा जाएगा।
केंद्रीय मंत्रियों के एक दल के साथ-साथ लोकसभा और राज्यसभा सांसदों को भी इस काम पर लगाया गया है। सांसदों को 100-100 बूथ दिए गए हैं। केंद्रीय मंत्रियों के हिस्से में राज्यों की जिम्मेदारी दी गई है। आपको बता दें कि भाजपा के इस कार्यक्रम का पहला चरण 31 अगस्त को समाप्त हुआ है। इस दौरान पार्टी ने इनमें से प्रत्येक बूथ से पिछले तीन चुनावों के वोटिंग पैटर्न और वहां भाजपा के वोट शेयर को इकट्ठा किया है। इसके साथ ही इसकी एक रिपोर्ट तैयार की गई है। इससे भाजपा को इस बात का स्पष्ट अंदाजा हो गया है कि किस बूथ पर कौन उसके मतदाता थे और किन लोगों को पार्टी की विचारधारा से जोड़ना है।
सांसदों द्वारा तैनात किए गए स्वयंसेवकों के एक समूह ने सभी बूथों का दौरा किया और मतदाताओं से बातचीत की। उसके बाद उन्होंने अपनी रिपोर्ट ‘सरल’ नामक एक विशेष सॉफ्टवेयर पर अपलोड की। दस्तावेजों को अपलोड करने से पहले उन्हें क्षेत्र के प्रभारी सांसद के मोबाइल फोन पर भेजे गए वन-टाइम पासवर्ड भी डलना पड़ता है। इसके बाद यह डेटा राज्य से केंद्र स्तर तक डिजिटल तरीके से अपडेट हो जाता है।
बीजेपी नेताओं ने गुरुवार को हुई इस बैठक के दौरान कई राज्यों में डाटा अपलोडिंग का काम पूरा होने पर संतोष जताया। राजस्थान जैसे कुछ राज्यों में कुछ काम बाकी है, जो सितंबर में पूरा हो जाएगा। यूपी और बिहार जैसे राज्य पहले ही अगले चरण की ओर बढ़ चुके हैं। यहां वरिष्ठ नेता अब इन बूथों पर जाकर मतदाताओं से सीधे संवाद कर रहे हैं।
इसके अलावा गुरुवार की इस बैठक में 17 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन के लिए तय किए जाने वाले कार्यक्रमों पर भी चर्चा हुई। भाजपा महासचिव (संगठन) बीएल संतोष ने शुक्रवार को सभी भाजपा शासित राज्यों के प्रभारी के साथ बैठक की। इससे पहले पीएम मोदी की भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों और डिप्टी सीएम के साथ दो बैठकें पिछले साल दिसंबर (वाराणसी में) और जुलाई (दिल्ली) में हुई थीं।

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