लोन ऐप के जरिए फटाफट लोन देनेवाली कंपनियों और उनकी मनमानी पर जल्द की रोक लगनेवाली है। RBI जल्द ही डिजिटल लेंडिंग (Digital Lending) के लिए गाइडलाइंस जारी करनेवाला है। आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने यह जानकारी देते हुए बताया कि हमें डिजिटल लेंडिंग पर वर्किंग ग्रुप के रिकॉमेंडेशंस पर कई कमेंट्स मिले हैं। कमेंट को एग्जामिन करने का काम पूरा हो चुका है। अब हम इस बारे में चर्चा करेंगे और एक से दो महीने में गाइडलाइंस को फाइनल कर दिया जाएगा। आपको बता दें कि पिछले कुछ सालों में फटाफट लोन देने वाली कंपनियों की संख्या काफी तेजी से बढ़ी है। ये कुछ ही मिनट में लोन दे देती हैं, लेकिन बाद में ये ग्राहकों से बहुत खराब सलूक करती हैं।
आरबीआई को भी मिली हैं कई शिकायतें
आरबीआई गवर्नर ने कहा कि केंद्रीय बैंक को डिजिटल लेंडिंग ऐप और प्लेटफॉर्म के शिकार कस्टमर्स की शिकायतें लगातार मिलती रहती हैं। उन्होंने कहा, “हमें डिजिटल लेंडिंग में फ्रॉड की कई शिकायतें मिली हैं। कई बार हमें ये शिकायतें सोशल मीडिया के जरिए मिली हैं। ” ये कंपनियां ऐप के जरिए ग्राहकों को फटाफट लोन देती हैं। इनका इंट्रेस्ट रेट बहुत ज्यादा होता है। फिर पैसे की रिकवरी के लिए ये कंपनियां तमाम अनैतिक तरीकों का इस्तेमाल करती हैं। ग्राहकों के साथ जोर-जबर्दस्ती की जाती है। 2020 में इसके शिकार कई कस्टमर्स के सुसाइड तक करने की खबरें आई थीं। इनमें से ज्यादातर चाइनीज कंपनियां हैं, जो अर्थव्यवस्था के लिए भी नुकसानदेह है
चाइनीज ऐप के बहुत ज्यादा इंट्रेस्ट रेट पर कर्ज देने और रिकवरी में ज्यादती करने की खबरें आने के बाद RBI ने 13 जनवरी, 2021 को एक वर्किंग ग्रुप बनाया था। इस ग्रुप ने पिछले साल नवंबर में अपनी रिपोर्ट दे दी है, जिसमें लीगल, रेगुलेटरी, टेक्नोलॉजी और फाइनेंशियल कंज्यूमर प्रोटेक्शन के बारे में सुझाव दिये गये हैं।
वर्किंग ग्रुप का मानना है कि सिर्फ ऑथेंटिक और वेरीफायड फिनटेक कंपनियों को ही लोन देने की इजाजत होनी चाहिए। साथ ही बाय-नाउ-एंड-पे-लेटर (BNPL) सहित सभी फिनेटक कंपनियों को आरबीआई की गाइडलाइंस के तहत आना जरूरी है। यानी कैपिटल फ्लोट, स्लाइस, जेस्टमनी, पेटीएम, भारतपे और यूएनआई जैसे बीएनपीएल (BNPL) खिलाड़ियों पर भी लागू होगी। उम्मीद है कि RBI की गाइडलाइंस आने के बाद फेक लोन ऐप्स और मनमानी करनेवाली कंपनियों पर रोक लगेगी।