नई दिल्ली: संयुक्त संसदीय समिति (JPC) के कामकाज को लेकर विपक्षी सांसदों ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखा है। विपक्षी सांसदों ने JPC की राज्य यात्राओं पर नाराजगी जताई है। विपक्षी सांसदों का कहना है कि उनकी शिकायतों का समाधान करने का आश्वासन देने के बावजूद JPC अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने राज्य का दौरा जारी रखा है। विपक्षी सांसदों ने पांच राज्यों के दौरे का बहिष्कार किया है। उनका कहना है कि पाल के नेतृत्व में हो रही बैठकों में कोरम पूरा नहीं है।
जगदंबिका पाल का आ गया जवाब
जगदंबिका पाल ने इन आरोपों का खंडन किया है। उनका कहना है कि संसदीय समितियों के अध्ययन दौरे(Study Tours) एक अनौपचारिक प्रक्रिया है। इन दौरों पर कोरम जैसी औपचारिकताओं का बंधन नहीं होता है। सूत्रों के अनुसार, 9 नवंबर को बिरला को लिखे एक पत्र में कुछ विपक्षी सांसदों ने कहा कि 5 नवंबर को हुई बैठक के बाद उन्हें उम्मीद थी कि पाल के नेतृत्व में JPC का दौरा टाल दिया जाएगा। उनका कहना है कि समिति की रिपोर्ट जमा करने की कोई तत्काल आवश्यकता नहीं थी।
पत्र लिखने वालों में कौन-कौन?
सूत्रों ने बताया कि जिन लोगों ने अध्यक्ष को पत्र लिखा है, उनमें DMK के ए राजा, कांग्रेस के मोहम्मद जावेद और TMC के कल्याण बनर्जी शामिल हैं। सूत्रों के अनुसार, सांसदों ने कहा है कि उन्हें बहुत आश्चर्य हुआ जब उन्होंने पाया कि 9 नवंबर से शुरू होने वाला दौरा JPC ने स्थगित नहीं किया था। उन्होंने इसे बहिष्कार करना उचित समझा। समिति के अध्यक्ष ने रविवार को न्यूज ऐजेंसी पीटीआई को बताया कि उन्हें विश्वास है कि संसद के शीतकालीन सत्र के पहले सप्ताह के आखिरी दिन तक समिति की रिपोर्ट जमा करने की समय सीमा पूरी हो जाएगी।