वन विभाग की अभिरक्षा से एक आरोपी फरार

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वन विभाग में 28 दिसंबर को उस समय हड़कंप मच गया जब उनकी अभिरक्षा से रिमांड पर लिए तीन आरोपियों में से एक आरोपी चकमा देकर फरार हो गया। जिसमें पूरा अमला फरार आरोपी की पतासाजी में लग गया परंतु शाम तक कहीं उसका पता ना चलने पर दो आरोपियों को न्यायालय में पेश कर जेल दाखिल कर दिया गया। प्राप्त जानकारी के अनुसार दक्षिण सामान्य वन मंडल वन परिक्षेत्र लालबर्रा कार्यालय अंतर्गत बालाघाट से लालबर्रा मार्ग पर बीते दिनों वन विभाग वारासिवनी लालबर्रा बालाघाट एवं उड़न दस्ते के द्वारा संयुक्त रूप से कार्यवाही कर बाघ की खाल के साथ आठ आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था। जिसमें वन विभाग के द्वारा सभी आरोपियों के खिलाफ वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम 1972 की विभिन्न धाराओं के तहत अपराध दर्ज कर सभी को वारासिवनी न्यायालय के समक्ष पेश किया गया था। जहां से तीन आरोपियों में ग्राम तिलई सेमरटोला जिला मंडला निवासी 40 वर्षीय बुधराम पिता नोहर पुसाम, ग्राम गुनेगाव थाना अंजनिया जिला मंडला निवासी 28 वर्षीय संजीत पिता चमरसिंह कुसराम, ग्राम जैदपुर ढेकू तहसील नैनपुर थाना बम्हनी जिला मंडला निवासी 50 वर्षीय धनेश पिता राखी पन्द्रे की रिमांड लेकर विधिवत बालाघाट जिला कार्यालय में पूछताछ कर 28 दिसंबर को रिमांड समाप्त होने पर वारासिवनी न्यायालय में तीनों आरोपियों को पेश करना था। इसी दौरान दोपहर में वन विभाग की अभिरक्षा से ग्राम जैदपुर ढेकू तहसील नैनपुर थाना बम्हनी जिला मंडला निवासी 50 वर्षीय धनेश पिता राखी पन्द्रे फरार हो गया। जिसकी सूचना लगते ही वन विभाग के अमले में हड़कंप मच गया और चारों तरफ पतासाजी करना वन विभाग के द्वारा प्रारंभ कर दिया गया। परंतु धनेश किसी के हाथ नहीं लगा अंततः वह फरार हो गया जिसके बाद जांच अधिकारी यशपाल मेहरा के द्वारा बाकी दो आरोपियों को न्यायालय मैं पेश किया गया जहां से न्यायालय ने उन्हें जेल भेज दिया। पदमेंश से चर्चा में जांच अधिकारी रेंजर यशपाल मेहरा ने बताया कि बाघ की खाल के साथ 8 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था जिसमें तीन आरोपियों को रिमांड पर लिया गया था। उनकी निशानदेही पर उनके खेत मंडला से बाघ के पूरे शरीर सहित समस्त अवशेष बरामद किए गए उन्होंने बाघ का शिकार कर उसकी खाल निकाली थी। उसे वहां बेचने के लिए नहीं घूम रहे थे इनका इसके पीछे अंधविश्वास का होना कारण था कि बाघ की खाल से रुपए की बारिश होती है जिसके लिए वह पंडा और ओझा की तलाश कर रहे थे। बाघ के अन्य कोई भी अवशेष गायब नहीं थे सभी अवशेष बरामद कर लिए गए हैं। श्री मेहरा ने बताया कि न्यायालय के निर्देश अनुसार हमारे द्वारा कड़क सुरक्षा रखी गई थी किंतु हमारी सुरक्षा में किसी प्रकार की चूक का फायदा उठाकर एक आरोपी फरार हो गया है। जिस की पतासाजी की जा रही है और जल्द ही उसे भी गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

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