वारासिवनी(पद्मेश न्यूज)। नगर के वार्ड नंबर ८ निवासी प्रहलाद पिता सालिकराम पारधी के द्वारा जगदीश खरे ,कमलेश रंगारे और मिलिंद रंगारे पर नौकरी लगाने के नाम पर लाखों रुपये और ओरिजिनल डॉक्यूमेंट लेकर धोखाधड़ी करने का आरोप लगाते हुए थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है। पुलिस से प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रार्थी प्रहलाद पारधी २ वर्ष पहले से बिसापुर थाना कटंगी हाल मुकाम वारासिवनी निवासी जगदीश खरे जिसकी न्यू बॉम्बे मोबाइल शॉप लालबर्रा रोड पर है मुझसे पहचान थीं जिसके पास १ दिन प्रार्थी आया और बात कर रहा था तो जगदीश खरे के द्वारा कहा गया कि वह मंत्री कोटे में नौकरी लगाता है अभी भारत सरकार के रेलवे में ग्रुप सी की और वन विभाग में फ ॉरेस्ट गार्ड के पद पर लगने वाले हैं। कहते हुए प्रार्थी को अपने साथी से मिलाया जिस पर प्रार्थी को विश्वास हो गया और उसने नौकरी लगाने के लिए दसवीं १२वीं ,बीए और एमए की मार्कसीट व अपनी फोटो, पैन कार्ड ,मूल निवासी प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र ,आय प्रमाण पत्र ,आधार कार्ड और बैंक पासबुक सहित सभी ओरिजिनल डाक्यूमेंट्स दे दिए जिसके बाद प्रार्थी को बिसापुर थाना कटंगी हाल मुकाम वारासिवनी निवासी जगदीश खरे, लालबर्रा निवासी कमलेश रंगारे, मिलिंद रंगारे के द्वारा ११ मार्च २०२० को रेलवे विभाग मे टीसी की नौकरी लगवाने के लिए नागपुर होते हुए दिल्ली लेकर गए । जहां पर लोटस होटल में रुकवाया और १४ मार्च को चिकित्सा परीक्षण के लिए दो व्यक्ति से मिलवाया गया जिनके द्वारा रक्त और आँख की जांच कर वापस होटल में ला दिया गया और १५ मार्च को होटल के कमरे में वृध्द व्यक्ति आया और उसने कहा कि यह आपकी सर्विस बुक है बताते हुए २० से २५ जगह हस्ताक्षर करवाए। और डेढ़ लाख रुपये दस्तावेज और सर्विस बुक अपने पास रख ली जो ट्रेनिंग सेंटर वाराणसी में सत्यापन कराने के बाद वापस कर देंगे कहा। जिसके बाद प्रार्थी १७ मार्च २०२० को वारासिवनी वापस आ गया जिसे व्हाट्सएप में जॉइनिंग लेटर मिला तो वह २० मार्च २०२० को रेलवे ट्रेनिंग सेंटर वाराणसी पहुंचा जहां पर २६ मार्च २०२० को आरोपियों के द्वारा दस्तावेज वापस कर दिए गए। जिन्हें जगदीश की दुकान पर प्रार्थी के मित्र के द्वारा रुपये के चेक दिए गए परंतु उन्होंने चेक लेने से मना कर दिया और नकद में राशि मांगी और उसके बाद कहा कि अभी कोविड.१९ का समय चल रहा है इसलिए थोड़ा समय लगेगा। और इसके बाद फि र २७ जनवरी २०२१ को जगदीश ने प्रार्थी को फ ोन कर कहा कि तुम्हारे बड़े भाई को फ ॉरेस्ट गार्ड में लगा देते हैं जिसके लिए ७ लाख रुपये लगेंगे जिस पर प्रार्थी के द्वारा अपने बड़े भाई के दस्तावेज और रुपये जगदीश को दे दिए और उसके द्वारा पूरी कार्यवाही कर अपने साथ घुमाया गया । इसके बाद जब ट्रेनिंग के लिए प्रार्थी अपने बड़े भाई के साथ ६ मार्च २०२१ को सेंटर में पहुंचा तो वहां बताया गया कि सेंटर बंद है जिस पर उसे शक हुआ कि इनके द्वारा कही मेरे साथ धोखाधड़ी तो नही की जा रही है। और प्रार्थी के द्वारा बोला गया तो उन्होंने पूरे दस्तावेज और १४ लाख रुपये वापस करने को कहा परंतु दिया नहीं जिस पर प्रार्थी के द्वारा थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई गई है। पुलिस ने प्रार्थी के रिपोर्ट पर जगदीश खरे ,कमलेश रंगारे और मिलिंद रंगारे के खिलाफ भादवि की धारा ४२०,४६८,४७१,१२० बी के तहत अपराध पंजीबद्ध कर जांच में लिया गया है।