खैरलांजी निवासी पिता मोहनलाल लिल्हारे और पुत्र भीवराम लिल्हारे के द्वारा शुक्रवार को तहसील कार्यालय मे पहुंचकर एसडीएम संदीप सिंह और उप पंजीयक वारासिवनी को ज्ञापन सौंपकर पवन मसखरे और शिक्षक संजय मेश्राम पर जबरदस्ती दबाव बनाकर स्वयं की कृषि भूमि अपने फ ायदे के लिए बेचने मजबूर करने और अमानत राशि का १ रुपये भी नहीं देकर वृद्ध आश्रम छोडक़र आपत्ति के बावजूद फ र्जी पावती बनाने बिना आपत्ति निराकरण करने का आरोप लगाते हुए ज्ञापन सौंपकर जांच उपरांत यथावत भूमि दिलवाने व दोषियों पर कडी कार्यवाही करने की मांग की है।
ज्ञापन में आवेदको ने बताया कि उसे ६ महीने पूर्व पवन मसखरे के द्वारा बहला.फुसलाकर अपने पास रखा गया था और लगातार तीन महीने तक दबाव बनाया गया कि तुम्हारी कृषि भूमि बेच दो यह कृषि भूमि पटवारी हल्का नंबर १६ उमरी खैरलांजी में खसरा नंबर ०२५ /१६, रकबा ०.३२८ एवं खसरा ३६/९ रकबा ०.२०२ को खैरलांजी निवासी संजय मेश्राम को पवन मसखरे के द्वारा सौदा कर बिक्री कर रजिस्ट्री के सारे दस्तावेज तैयार करके संजय मेश्राम ने पवन मसखरे व उसकी पत्नी उषा मसखरे के द्वारा ७ लाख ५० हजार रुपए लिए गया है। जिसके पश्चात १ रुपये भी नहीं दिए गए हैं और पवन मसखरे के द्वारा मोहनलाल लिल्हारे को १७ फ रवरी २०२१ को पंजीयन कार्यालय ले जाकर डरा धमका कर जबरदस्ती रजिस्ट्री करा कर पवन ने अपने घर में २ दिन रखा जिसके बाद राधा स्वामी सत्संग आश्रम बुढिया गांव में १५ दिन और उसके बाद वृद्धा आश्रम बरघाट में छोड़ दिया। जिसमें लॉकडाउन के कारण आवेदक घर नहीं आ पाया तो वृद्धा आश्रम बरघाट से पवन मसखरे के द्वारा अपने घर में बकोडा लालबर्रा में रखा गया जहां पवन मसखरे द्वारा रजिस्ट्री स्टांप को लेकर परेशान करना शुरू कर दिया गया और मानसिक प्रताडि़त करने लगा। तब ३ जून २०२१ की मध्य रात्रि में आवेदक एक ऑटो चालक की मदद से अपने भांजे के गांव नवेगांव खरखड़ी आ गया तो सुबह पवन मसखरे को जानकारी लगी तो वह भी नवेगांव घर आया और बकोड़ा चलने के लिए दबाव बनाने लगा जिसके बाद साथ जाने से इनकार किया गया तो रिपोर्ट करने की धमकी देने लगा जिस पर आवेदक मोहनलाल अपने घर आ गया।
उसके बाद पवन मसखरे और संजय मेश्राम दोनों ने मिलकर जमीन मालिक की अनुपस्थिति में ६ अप्रैल २०२१ को राजस्व रिकॉर्ड सुधारने को लेकर पावती बनाने का फ र्जी आदेश निकाला गया जिसके लिए तहसील कार्यालय में स्टांप पास कर नामांतरण एवं पावती बनाने के लिए संजय मेश्राम द्वारा तहसील कार्यालय के वाहन चालक के साथ मिलकर फ र्जी आदेश निकालकर ८ जून २०२१ को जाली पावती बनाई गई। इसलिए प्रशासन से मांग की कि वह जो रुपए पवन मसखरे द्वारा संजय मेश्राम से लिए गए हैं वह उसे वापस कर मुझे मेरी जमीन वापस दी जाए साथ ही उक्त मामले में जांच कर संजय मेश्राम और पवन मसखरे एवं अन्य दोषियों पर कड़ी कार्यवाही की जाये वही पुत्र भीवराम लिल्हारे ने ज्ञापन में बताया कि उसके पिता को डरा धमका कर दबाव बनाकर खैरलांजी निवासी शिक्षक संजय मेश्राम और पवन मसखरे के द्वारा जमीन खरीदी बिक्री की गई है जिस पर आपत्ति लगाई गई थी परंतु आपत्ती विचारणीय होने के दौरान आपत्ति पर किसी प्रकार की सुनवाई ना होने पर भी तहसील कार्यालय से कुछ लोगों के द्वारा मिली भगत कर फर्जी आदेश निकाल कर हल्का पटवारी द्वारा फर्जी पंचनामा तैयार कर पावती बनाकर एवं राजस्व रिकॉर्ड सुधार कर धोखाधड़ी की गई है। यह आपत्ति २ मार्च २०२१ एवं ४ मार्च २०२१ को खैरलांजी तहसील में लगाई गई थी जिसमें पावती ८ जून २०२१ को जारी की गई है।
संजय मेश्राम और पवन मसखरे ने धोखाधडी की है- मोहनलाल लिल्हारे
पद्मेश से चर्चा में आवेदक मोहनलाल लिल्हारे ने बताया कि जमीन का मामला है मुझे दुनिया भर का झांसा देकर जमीन को पवन मसखरे और संजय मेश्राम ने बेच दी है जिसकी अमानत राशि मुझे नहीं दिये है। जब कि मुझे कोई जमीन नहीं बेचनी थी इसकी रजिस्ट्री का भी पता नहीं है मैं रजिस्ट्री के समय नहीं था मेरे साथ दोनो ने धोखाधडी की है मेरी मांग है कि मुझे वापस जमीन दी जाये।
मेरे पिता से जबरदस्ती कर पवन मसखरे ने संजय मेश्राम को जमीन बेची-भीवराम लिल्हारे
आवेदक के पुत्र भीवराम लिल्हारे ने बताया कि जमीन के प्रकरण में एसडीएम के पास आए थे कि मेरी आपत्ति लगी हुई थी तहसीलदार खैरलांजी के यहां ४ मार्च को परंतु आपत्ति का बिना निराकरण किये तहसीलदार खैरलांजी के द्वारा आदेश जारी कर पावती बना दी गई। यह प्रकरण जमीन का था मेरे पिता से जोर जबरदस्ती कर पवन मसखरे ने संजय मेश्राम को जमीन बेची थी जो शिक्षक है। श्री लिल्हारे ने बताया कि पूरा पैसा संजय मेश्राम के द्वारा पवन मसखरे को दिया गया था जिसके पास रखा हुआ है। जिसमें हमारे पिता को कुछ नहीं मिला है इस पर इन दोनों से बात की गई तो उनका कहना है कि जो हुआ वह हो गया और जमीन के पैसे उन्हीं के पास है। प्रशासन से मांग है कि जिस व्यक्ति ने पैसा लिया है वह पैसा जिससे लिया था उसे वापस कर दें और हमें हमारी जमीन वापस करे ।
मोहनलाल के कहने पर पवन मसखरे के खाते में राशि डाली – संजय मेश्राम
दूरभाष पर जमीन खरीददार संजय मेश्राम ने बताया कि मैं इनके बीच में नहीं हूं मैंने किसी को नहीं बहकाया है उक्त व्यक्ति पवन मसखरे के पास रहता था। और मैंने गांव में लोगों को बता दिया कि जमीन मिलेगी तो मैं रख लूंगा कहा था तो यह खबर सुनते ही पवन मसखरे ने मुझ से बात की थी। मैं जमीन लेने के पक्ष में नही था कि विवाद वाली जमीन तो नही है पर पवन ने मुझे बुलाया और बताया कि रोड किनारे नहर के पास एक जमीन है जो मैंने जाकर देखा। श्री मेश्राम ने बताया कि पवन के बार.बार कहने पर मैंने उस जमीन को खरीदा है और मोहनलाल के कहने पर पवन मसखरे के खाते में राशि डाली है और यह पूरी बात आमने सामने हुई थी। जिसमें करीब छ: लाख पच्चास हजार रुपए की राशि पवन मसखरे और उसकी पत्नी उषा मसखरे दोनों के खाते में आधी आधी राशि डाली है इसमें पूरी गलती पवन मसखरे की है।
उक्त संबंध में पवन मसखरे से दूरभाष पर चर्चा करनी चाही गई परंतु संपर्क नहीं हो पाया।
इनका कहना है
मोहनलाल लिल्हारे का जमीन को लेकर विवाद के संबंध में थाने में आवेदन दिया गया है। जिस पर जांच की जा रही है जांच उपरांत एफ आई आर पंजीबद्ध की जाएगी।
सुभाष ठाकुर
एएसआई थाना खैरलांजी