वारासिवनी पुलिस की कार्यप्रणाली से मुरझड़ वासी आक्रोशित

0

वारासिवनी(पद्मेश न्यूज)। वारासिवनी पुलिस थाना अंतर्गत ग्राम मुरझड़ में चोरी की वारदात रुकने का नाम नहीं ले रही है। जिसको लेकर ७ नवंबर को ग्रामीणों के द्वारा एकत्रित होकर पुलिस प्रशासन पर जमकर आक्रोश व्यक्त किया गया। वहीं इसी में २४ अक्टूबर को दिन दहाड़े ग्रामीण प्रकाश उरकुडे के सुने मकान में अज्ञात चोरों के द्वारा पुन: चोरी की वारदात की गई। जिसकी जानकारी पुलिस प्रशासन को दिए जाने के बाद वहां भी पुलिस ने औपचारिकता पूरी की जिसमें वर्तमान तक पीडि़तों के द्वारा थाने के चक्कर लगाए जा रहे हैं। फि र भी पुलिस ने मामले में   एफआईआर दर्ज नहीं की है और ना ही मामले को लेकर की गई शिकायत की रिसीविंग उपलब्ध कराई है। जिसको लेकर पीडि़त सहित ग्रामीणों में आक्रोश व्याप्त है जिनके द्वारा पुलिस पर निष्क्रिय होने का आरोप लगाया जा रहा है।

पुलिस प्रशासन पर ग्रामीणों ने लगाये कई गंभीर आरोप

मुरझाड़ निवासी प्रकाश पिता दुर्योधन उरकुड़े विद्युत विभाग में कार्य करते हैं उनकी पत्नी घर के पास में कार्य करने के लिए जाती है और भाई भाभी बाहर रहते हैं। वह दोनों पति-पत्नी २४ अक्टूबर की सुबह ११ बजे घर से अपने कार्य के लिए निकल गए थे। दोपहर २ बजे पत्नी लंच के लिए घर में आई तो देखा कि दरवाजे का ताला टूटा हुआ है घर का सामान बिखरा पड़ा है। जहाँ कीमती सोने के जेवर मंगलसूत्र, नेकलैस, कमरबंध,नथ,बाले,पत्ति , अगूंठी,  २०० ग्राम चांदी,नकदी २५ हजार, करीब लाखो की चोरी अज्ञात चोरों ने सुने मकान में की । इसकी जानकारी उन्होंने अपने पति और परिवार के लोगों को दी। जिस पर प्रकाश उरकूड़े के द्वारा वारासिवनी थाने में लिखित शिकायत कर चोरी होने की सूचना दी गई। जिसके १० दिन बाद प्रकाश उरकुडे के भाई दीपक उरकुडे के द्वारा ग्राम के गणमान्य लोगों के साथ पुलिस थाने पहुंचे थे । जिन्हें शाम ६ बजे उनके घर आने की बात थाना प्रभारी ने कहीं परंतु उसके बाद वर्तमान तक कोई नहीं पहुंचे है। जिसको लेकर ग्रामीणों में खासा आक्रोश व्याप्त है जिनके द्वारा ग्राम स्तर पर एकत्रित होकर पुलिस प्रशासन की कार्यप्रणाली पर प्रश्न चिन्ह खड़ा करते हुए आक्रोश व्यक्त कर पुलिस पर कई गंभीर आरोप लगाकर चोरी पर अंकुश लगाने चोरों को गिरफ्तार करने की मांग की गई।

चोरी के मामले में ग्रामीणों ने एसपी को सौंपा ज्ञापन

उक्त चोरी की वारदात को लेकर ग्रामीणों के द्वारा ५ नवंबर को कार्यालय पुलिस अधीक्षक जिला बालाघाट में उपस्थित होकर पुलिस अधीक्षक के नाम ज्ञापन सौंपा कर घटना की जानकारी दी गई। जिसमें ग्रामीणों ने बताया कि हमारे गांव में पिछले दो वर्षों में छह मकानों मेंचोरी की वारदात हुई है । जिसमें संजय राहंगडाले ,चंदनलाल पारधी ,त्रिवेणी पारधी ,कोमलचंद मानकर ,गीता सोनी ,प्रकाश उरकुड़े शामिल है। जिसमें सभी के मकान से सोने चांदी और रुपए सहित मूल्यवान वस्तुओं को अज्ञात चोरों के द्वारा चोरी किया गया है। वर्तमान में २४ अक्टूबर को प्रकाश उरकुड़े के घर दोपहर ११ से २.१५ के बीच लगभग ६ लाख रुपए के कीमती आभूषण नकदी की चोरी हो चुकी है। वर्तमान तक ग्रामीणों के घर चोरी होने के बाद संबंधित थाना वारासिवनी में शिकायत कर दी गई है । परंतु आज दिनांक तक चोरी करने वाले व्यक्तियों पर कोई कार्यवाही नहीं हुई है। क्योंकि हमने प्रकाश उरकुड़े के घर की चोरी के संबंध में लिखित शिकायत थाने में दी तो अभी तक कोई रिसीविंग प्राप्त नहीं हुई है ना ही एफ आईआर हुई है। यह दिन में चोरी हो जाने के कारण ग्राम के सभी लोग दहशत में हैं, क्योंकि दिन में कृषि कार्य करने के लिए हर कोई अपने खेत या नौकरी पर चले जाता है। घर में महिलाएं बच्चे रहते हैं यदि चोरी के उद्देश्य से कोई अप्रिय घटना हो सकती है। इसलिए हम शीघ्र आरोपियों को पडक़र उचित कार्यवाही करने की मांग करते हैं।

पुलिस का रवैया ग्रामीणों के प्रति  ठीक नही है-दीपक उरकुड़े

ग्रामीण दीपक उरकुड़े ने बताया कि मैं बाहर रहता हूं मेरा छोटा भाई और बहू यहां रहते हैं भाई विद्युत विभाग में काम करते हैं। २४ अक्टूबर को हमारे घर बहू और भाई अपनी नौकरी पर चले गए थे । इस बीच अज्ञात चोरों के द्वारा सामने का ताला तोडक़र अलमारी के ऊपर की चाबी निकाल कर ३ घंटे में जेवर और २५ हजार नकदी राशि की चोरी कर दी गई। जिसकी शिकायत के १० दिन बाद हम थाने गए तो थाना प्रभारी की भाषा शैली थी कि आप रायता फैला ओगे तो ठेंगा नहीं मिलेगा गांव के गणमान्य लोगों के सामने ठेंगा दिखाया। कहां की अब मैं इस केस को देखता हूं ६ बजे का समय दिया पर नहीं आयें। फिर पूर्व मंत्री प्रदीप जायसवाल ने चर्चा की तो उन्हें जाकर देखा हूं कहां एसपी को हमने ज्ञापन दिया। उन्होंने फ ोन पर बात की तो उन्हें भी घर जाने की बात कही पर आज तक नहीं आये। थाना प्रभारी ने हमारे आवेदन की रिसीविंग तो नहीं दी किंतु जब हमने एफ आईआर मांगी १५ से ज्यादा दिन हो गया है । एफ आईआर नहीं हुई उनका कहना है चोर जरूरी है या एफआईआर। जबकि हमारे आसपास में भी चोरियां हुई है आज तक चोर गिरफ्त में नहीं है। वारासिवनी पुलिस निष्क्रिय है सक्रिय नहीं। हम काम पर जाते हैं महिलाएं बच्चे घर पर रहते हैं यदि उनकी हत्या हो जाए तो इसकी जवाबदारी कौन लेगा पुलिस से हम क्या अपेक्षा करेंगे।

पुलिस की निष्क्रियता का परिणाम है कि चोरों के हौसले बुलंद है-चंदनलाल पारधी

चंदनलाल पारधी ने बताया कि वर्ष २०२२ में मेरे घर में चोरी हुई शादी में गए थे रात को घर आए तो सामने का ताला टूटा था । अंदर आवाज आई तो अंधेरे में चोर था उसने मेरे ऊपर सरिया से वार किया जिसे मैंने रोका चोट आई तो वह ताला तोडक़र भाग गया। फि र हमला करने की सोचा परंतु भतीजे को देखकर वह भाग गया थाने में हमने एफ आईआर की हुआ कुछ नहीं। पुलिस ने दो बार आकर केवल औपचारिकता पूरी की पुलिस की निष्क्रियता का परिणाम है कि चोरों के हौसले बुलंद है। यदि पुलिस सक्रिय होती तो चोर पकड़ में होता इस प्रकार ८ से १० मकान में चोरी की वारदात हुई पुलिस औपचारिकता पूरी करती है कार्यवाही नहीं। जब गांव गांव इनके मुखबिर है तो पता कैसे नहीं चला या इन्हें सब पता है इनकी मिली भगत लगती है की एक भी चोर को इन्होंने नहीं पड़ा। यदि यह सक्रियता से नौकरी करते तो चोर पकड़ पाते कार्यवाही तो पुलिस करेगी।

पुलिस नही करती चोरो पर कडक़ कार्यवाही- त्रिवेणी पारधी

ग्रामीण त्रिवेणी पारधी ने बताया कि हमारे यहां की चोरी में भी पुलिस का रुख पूरा रूखा रहा वह आए हमें पूछने लगे कि तुम बताओ किस पर शक है बताओगी तो हम पकड़ेंगे कहने लगे। अब मैं किस पर शक करूं सब मेरे रिश्तेदार है २०२१ में पोले की बात है चोरी हुई ५ लाख रुपए तक की जिसमें सोने की दो अंगूठी ,चैन ,चांदी के बर्तन सब चोरी हुए। ३ दिन सामान बिखरा रहा तीसरे दिन पुलिस आई और पूछताछ करने लगी। मैं अकेली रहती हूं मेरे पति और दो बेटे खत्म हो गए हैं ताला लगाकर कहीं जाती हो मेरा बहुत नुकसान हुआ है। अभी एक दिन पुलिस ने मुझे कोर्ट में बुलाकर मेरा जो मामला था उसे बंद करवा दिया हमें इतना समझ आया कि  पुलिस को कार्यवाही नहीं करनी है पुलिस पूरी निष्क्रिय है इनका कोई भरोसा नहीं है यदि यह कडक़ कार्यवाही करते तो चोर मिलते।

पुलिस कार्यप्रणाली पूरी लचर है  विश्वास नहीं किया जा सकता है-मुकेश पारधी

पूर्व सरपंच मुकेश पारधी ने बताया कि पुलिस कार्यप्रणाली पूरी लाचार है उस पर कोई विश्वास नहीं किया जा सकता है तीन से चार वर्ष में चोरी इतनी हुई है परंतु चोर का आज तक कोई अता पता नहीं है। यह चोरी के बाद कोर्ट में केस वापस लेने के लिए लोगों को पुलिस बुला रही हैं अब इससे हम क्या समझे। पुलिस पर कैसे विश्वास करें मेरा मानना है कि पुलिस विभाग बंद कर देना चाहिए आम जनता को बोल देना चाहिए कि वह अपनी सुरक्षा स्वयं करें पुलिस पर विश्वास ना करें।

इनका कहना है

मौखिक चर्चा में बताया कि इस मामले में हमारे अधिकारी कर्मचारियों के द्वारा मौका निरीक्षण कर आवश्यक कार्यवाही की गई थी। जिसमें मौका निरीक्षण कर एफआईआर दर्ज की जा रही है। सभी मुखबीर तंत्र सक्रिय कर दिए गए हैं जल्द ही चोरों की गिरफ्तारी कर ली जायेगी।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here