मध्य प्रदेश यूनाइटेड फोरम फॉर एम्पलाइज एंड इंजीनियर संगठन के आह्वान पर नगर के विद्युत विभाग में कार्यरत कर्मचारियों के द्वारा सोमवार को २ घंटे का कार्य बहिष्कार कर धरना प्रदर्शन किया गया। यह प्रदर्शन सोमवार की दोपहर ४ बजे से प्रारंभ हुआ और शाम ६ बजे समाप्त हो गई।
अधिकारियों ने बताया गया कि केंद्र सरकार ने जो इलेक्ट्रिसिटी अमेंडमेंट बिल २०२१ लाया है उसे मानसून सत्र में संसद में रखा जाएगा और उस पर चर्चा की जाएगी और यदि यह बिल पास हो जाता है तो आम इंसान किसान और विद्युत विभाग में कार्यरत कर्मचारियों को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। क्योंकि इस बिल के तहत सरकार विद्युत विभाग को निजी हाथों में सौंपने जा रहा है जिसका एक तरीके से पूरी तरह निजीकरण हो जाएगा जिससे महंगी बिजली लोगों को मिलेगी किसी भी क्षेत्र में १ से अधिक बिजली कंपनियां बिना लाइसेंस के काम कर सकेगी और यह सरकारी वितरण कंपनी का इस्तेमाल करेंगे। और मुनाफा वाले उपभोक्ताओं जैसे औद्योगिक कंपनी वाणिज्य उपभोक्ताओं पर इनका जोर रहेगा जिससे सरकारी बिजली कंपनी की वित्तीय हालत पर भी असर पड़ेगा यह पूरी तरह किसानों और गरीबी घरेलू उपभोक्ताओं के हित में नहीं है साथ ही कई प्रकार की समस्याएं जन्म लेगी जिससे प्रत्येक वर्ग को जूझना होगा। और विद्युत विभाग में कार्यरत कर्मचारियों का भी भविष्य अंधेरे में है जिसको देखते हुए मध्य प्रदेश यूनाइटेड फोरम फॉर पावर एम्पलाइज एंड इंजीनियर संघ के आह्वान पर सोमवार को २ घंटे का विरोध प्रदर्शन किया गया है।
चर्चा में एल एल अहिरवार ने बताया कि पूर्व में जो मांगे शासन के समक्ष रखी गई थी की इलेक्ट्रिसिटी बिल २०२१ नहीं लाना चाहिए क्योंकि यह कर्मचारी किसान उपभोक्ता किसी के हित में नहीं है। साथ ही कई प्रकार की मांगे थी जिसके लिए संगठन के आह्वान पर धरना प्रदर्शन किया गया है और आगे भी संगठन के निर्देश पर प्रदर्शन किए जाएंगे। कनिष्ठ अभियंता राहुल तुरकर ने बताया कि मध्य प्रदेश यूनाइटेड फोरम फॉर पावर एम्पलाइज एंड इंजीनियर संघ के तत्वाधान में यह २ घंटे का कार्य बहिष्कार कर प्रदर्शन किया गया है क्योंकि जो इलेक्ट्रिसिटी बिल २०२१ बना है उसके तहत विद्युत विभाग को निजीकरण करने की प्रक्रिया चल रही है जिसका हम विरोध कर रहे हैं और सभी इसीलिये यहां एकत्रित हुए हैं। श्री तुरकर ने बताया कि चरणबद्ध तरीके से संगठन के निर्देश के अनुसार धरना प्रदर्शन किए जा रहे हैं हमारी महत्वपूर्ण मांग है कि विभाग का निजीकरण ना हो आउटसोर्स के लोगों को नियमित किया जाये ,संविदा कर्मचारियों को नियमित किया जाये सहित अन्य प्रकार की मांगे है।