वारासिवनी(पद्मेश न्यूज)। सीबीएसई बोर्ड के द्वारा मंगलवार को कक्षा दसवीं का रिजल्ट घोषित किया गया। जिसमें जवाहर नवोदय विद्यालय कक्षा दसवीं के छात्र हर्ष सुलाखे ने जिले में प्रथम स्थान प्राप्त किया है, साथ ही विद्यालय में दूसरा स्थान प्रांजल यादव और तृतीय स्थान किमी पटले ने प्राप्त किया है जिन्हें विद्यालय परिवार की ओर से तीनो के उज्जवल भविष्य की कामना की गई है। जबकि इस वर्ष कोरोना के कारण परीक्षा रद्द कर रिजल्ट का निर्माण किया गया है जिसमें विद्यार्थियों के यूनिट टेस्ट के १० प्रतिशत अर्धवार्षिक परीक्षा के ३० प्रतिशत प्री बोर्ड परीक्षा के ४० प्रतिशत और इंटरनल के २० प्रतिशत अंको का अवलोकन कर रिजल्ट तैयार किया गया है। जिसमें जवाहर नवोदय विद्यालय का रिजल्ट शत प्रतिशत रहा और सभी ने अच्छे अंक प्राप्त किये है। पदमेश से चर्चा में जवाहर नवोदय विद्यालय मे द्वितीय स्थान प्राप्त करने वाले प्रांजल यादव ने बताया कि उनका रिजल्ट ९६.८ प्रतिशत रहा किंतु उनके द्वारा पूरी तरह परीक्षा को लेकर तैयारी की गई थी क्योंकि पहले से सीबीएसई बोर्ड और शिक्षकों के द्वारा कहां जा रहा था कि परीक्षा ऑफ लाइन होगी जिसमें रिटन टेस्ट देना होगा। परंतु वह नहीं हुआ पर हमारी तैयारी पूरी थी और हमारा लक्ष्य था कि ९५ प्रतिशत के ऊपर रिजल्ट आना चाहिए नीचे नहीं रिजल्ट से हम संतुष्ट है और इसका पूरा क्रेडिट हमारे टीचर को जाता है जिन्होंने दिन रात हमारे पीछे मेहनत की और समय पर हमें मार्गदर्शन दिया। जवाहर नवोदय विद्यालय की प्राचार्य पूनम राज शर्मा ने बताया कि २ दिन पहले १२ वीं का रिजल्ट आया था और अब दसवीं का रिजल्ट आया है जिसमें जिले में सबसे ज्यादा प्रतिशत हमारे विद्यालय के बच्चों ने प्राप्त किए हैं। इसमें जिले में प्रथम स्थान पर हर्ष सुलाखे ने ९८.२ प्रतिशत प्राप्त कर विद्यालय व अपने शिक्षक माता पिता का नाम गौरवान्वित किया है। वही विद्यालय में प्रांजल यादव ९६.८ प्रतिशत ,किमी पटले ९४.८ प्रतिशत प्राप्त किये है व बाकी अन्य छात्रों का भी अच्छा प्रतिशत रहा है जिसके लिए सभी को बधाई। श्रीमती शर्मा ने बताया कि हमने देखा है कि पिछले कुछ वर्षों से आज तक नवोदय का रिजल्ट शत प्रतिशत रहा है जिसका श्रेय शिक्षकों को जाता है कि उन्होंने कोरोना वायरस हार नहीं मानी और ऑनलाइन कक्षा लेकर छात्रों को अध्यापन कार्य करवाया। श्रीमती शर्मा ने कहा कि इस दौरान कुछ छात्रों के पास मोबाइल नहीं था उन्हें शिक्षक और भूतपूर्व छात्रों ने मदद की और यह जो रिजल्ट तैयार किया गया है वह यूनिट टेस्ट अर्धवार्षिक परीक्षा प्री बोर्ड परीक्षा और इंटरनल के अंको से बना है और हमने १ माह के लिए फ रवरी में बच्चों को बुलाकर कक्षा लगवाई थी फि र कोविड.१९ बढ़ते ही सबको छोड़ दिया गया था। यदि सीबीएसई में कोई बच्चा अपने प्रतिशत से खुश नहीं है तो परीक्षा भी दे सकता है।