वार्ड नं.१ में देर रात्री जला २५ केव्ही ट्रांसफार्मर अंधेरे में कटी रात – विभाग ने लगाया नया ट्रांसफार्मर

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भीषण गर्मी का दौर और रात्री में विद्युत प्रवाह बंद हो जाये तो आप क्या करेंगे। ऐसा ही एक मामला वार्ड नं.१ नहर के निचले इलाके का है जहां रात्री १९-२० जून के १२ बजे के करीब अचानक ट्रांसफार्मर जल उठा जिसकी वजह से इस हिस्से में रहने वाले लोगो को १६ घंटे तक विद्युत प्रवाह से वंचित रहना पड़ा। हालांकि विद्युत विभाग ने इस मोहल्ले में रहने वालो की शिकायत पर सुधार कार्य करने का भरसक प्रयास किया। मगर उन्हे सफलता २० जून की शाम को मिली जब उन्होने नया ट्रांसफार्मर लगाकर विद्युत प्रवाह को प्रारंभ किया। जिससे इस हिस्से में रहने वाले लोगो ने राहत की सांस ली है।
ब्लास्टींग के साथ जला ट्रांसफार्मर
गौरतलब है कि नगर के निचले हिस्से वार्ड नं.१ अंर्तगत आने वाले लाल किवाड़ी नहर के पास लगा हुआ २५ केव्ही ट्रांसफार्मर बीती रात्री में जल गया साथ ही एक धमाके जैसा भी हुआ। इसी दौरान लोगो के घर की बत्ती गुल हो गई और सभी लोग गर्मीे की वजह से अपने अपने घर से बाहर निकल गये। इस बात की सूचना एमपीईबी को दी गई। जिसके बाद एमपीईबी दल ने इस ट्रांसफार्मर को सुधारने की भारी मशक्कत ३ बजे रात्री तक की मगर जब उन्हे पता चला की यह जला ट्रांसफार्मर की जगह दूसरा ट्रांसफार्मर ही लगेगा तब उन्होने २० जून की सुबह ९ बजे से नये ट्रांसफार्मर को लगाने का कार्य प्रारंभ किया जो करीब दोपहर ३ व ४ बजे तक चलता रहा जिसके बाद इस हिस्से में विद्युत प्रवाह प्रारंभ हो गया।
फोटो संजय
घर के बाहर निकले तो देखा की ट्रांसफार्मर पर हो रही स्र्पाकिंग – संजय गौतम
इस मामले में पद्मेश को जानकारी देते हुये वार्डवासी संजय गुप्ता ने बताया कि एकाएक रात्री १२ बजे विद्युत प्रवाह बंद हो गया। जिसके बाद हम सभी लोग �
फोटो तहसील
ऐसा भी होता है …… जिंदा व्यक्ति को माना गया मृत
मामला – ग्राम पंचायत खैरी का – मृत बताकर जमीन कर ली चचेरी बहनों ने अपने नाम
वारासिवनी(पद्मेश न्यूज)। ऐसा भी होता है…. जो इंसान जिंदा है जिसे बकायदा सरकारी पेंशन मिल रही है। मगर वो जमीन जायदाद के मामले में मृत घोषित पाया जाता है। ऐसे ही एक वृध्द है जो खैरलांजी जनपद पंचायत अंर्तगत आने वाली खैरी पंचायत के तुमसरे निवासी है। जिनका नाम पांडऱंग भागवत है। जो पेशे से शिक्षक रहे है और रिटायर्ड होने के बाद पेंशन पा रहे है मगर उनकी चचेरी बहनों ने उनकी ३ एकड़ जमीन पर उन्हे मृत बताकर उनकी जमीन अपने नाम कर ली है। जिसकी शिकायत उनके द्वारा पहले तहसील कार्यालय खैरलांजी, फिर वारासिवनी अनुविभागीय अधिकारी राजस्व के अलावा जिलाधीश को पूर्व समय की गई थी। मगर किसी प्रकार का हल न निकलने पर उनके द्वारा इस मामले को वारासिवनी एसडीएम कोर्ट में दाखिल किया है। उनका सीधा आरोप है कि मेरे साथ मेरी चचेरी बहनों ने मुझे मृत बताकर जो कृत्य किया है यह अमानत में खयानत का मामला है।
फोटो पांडुरंग
जिंदा हूूॅ फिर भी बहनों ने की धोखाधड़ी – पांडुरंग भागवत
पद्मेश को जानकारी देते हुये पांडुरंग भागवत ने बताया कि वे एक रिाटायर्ड शिक्षक है जिन्हे वर्तमान में पेंशन भी मिल रही है। मगर मेरी चचेरी बहनों ने मेरे साथ धोखाधड़ी करते हुये मेरी जो जमीन मेरी मॉ के नाम पर थी उसे मुझे मृत बताते हुये अपने नाम करवा ली है। जिसकी शिकायत मेरे द्वारा हर जगह की गई है। २० जून को में इसी संबंध में तहसील कार्यालय आया था जहा मेरी अनुविभागीय दण्डाधिकारी की कोर्ट में पेशी थी वही मेड़म को भी उक्त प्रकरण की सम्पूर्ण जानकारी देनी थी। जिसके लिये में वारासिवनी तहसील कार्यालय आया था।
मॉ के नाम से खरीदी थी जमीन
श्री पांडुरंग भागवत ने बताया कि मेरे साथ मेरी चचेरी बहनों ने धोखाधड़ी करते हुये जो जमीन मेने अपने चाचा से अपनी मॉ के नाम खरीदकर की थी। मेरी मॉ की मृत्यु हो चुकी है। उसी जमीन को उन लोगो ने मुझे मृत बताकर अपने नाम कर लिया है अब में यह चाहता हूॅ कि मेरी जमीन मेरे नाम पर हो। इस कार्य में पूर्व सरपंच, सचिव व तहसीलदार खैरलांजी की मिली भगत है जिसकी वजह से में ७८ वर्ष होने के बाद भी अपनी जमीन को पाने की कोशिश कर रहा हूॅ। मैने सम्पूर्ण दस्तावेज भी एसडीएम मेडम को दिखा दिये है अब देखना है कि न्याय कब मिलता है।
आज भी उन्हे माना जा रहा मृत
गौरतलब है कि इस तरह के प्रकरण जिले में अन्यत्र तहसील में भी हुये है। जिसके तहत जिंदा व्यक्ति को मृत घोषित कर दिया गया है। जो आज भी शासन प्रशासन को अपने जिंदा होने के प्रमाण पत्र दे रहे है मगर समय पर न्याय न होने की वजह से उन्हे मृत ही माना जा रहा है। जबकि इस मामले में पांडुरंग भागवत प्रत्येक माह शिक्षा विभाग से रिटायर्ड होने के बाद भी पेंशन प्राप्त कर रहे है।
इनका कहना है –
इस मामले में मौखिक चर्चा करते हुये पद्मेश को अनुविभागीय अधिकारी राजस्व सुश्री कामनी ठाकुर ने बताया कि वे मेरे पास आये थे। जिसके बाद मैने संबंधित सम्पूर्ण रिकार्ड खैरलांजी से बुलाकर उनका अवलोकन करने का उन्हे आश्वासन दिया है।
कामनी ठाकुर अनुविभागीय अधिकारी वारासिवनी

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