प्रेस्टीज एजुकेशन फाउंडेशन द्वारा शहर के स्कूलों के प्रधानाध्यापकों को मंच देने के लिए कार्यक्रम किया गया। आनलाइन माध्यम से हुए आयोजन का मकसद माध्यमिक स्कूलों के विद्यार्थियों को देश-दुनिया में आ रही नई तकनीकों के बारे में बताना था। जिन प्रधानाध्यापकों ने अपने स्कूलों में प्रौद्याेगिकी का अच्छा से उपयोग किया है उन्हें कार्यक्रम में स्वर्गीय श्री छवि जैन स्मृति पुरस्कार दिया गया।
कार्यक्रम की शुरुआत डा. जाली मसीह द्वारा की गई। उन्होंने प्रेस्टीज एजुकेशन फाउंडेशन के बारे में जानकारी देते हुए फाउंडेशन के संरक्षक डा. एनए जैन की उपलब्धियों के बारे में बताया। प्रेस्टीज एजुकेशन फाउंडेशन के अध्यक्ष डा. डेविश जैन ने सभी आमंत्रित व्यक्तियों को कार्यक्रम में उनकी बहुमूल्य उपस्थिति के लिए धन्यवाद दिया और कुछ उभरती प्रौद्योगिकियों जैसे ब्लाक चेन, आइओटी के अनुप्रयोगों के बारे में जागरूकता दी। प्रेस्टीज एजुकेशन फाउंडेशन के वाइस चेयरमैन दीपिन जैन ने एटीएएल इंक्यूबेशन केंद्र में संचालित एटीएएल टिंकरिंग लैब और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग, साइबर सिक्योरिटी और क्वांटम कंप्यूटिंग जैसी कुछ बहुत जरूरी तकनीकों के बारे में बताया।
आइआइएम इंदौर से सूचना प्रणाली के डा. शुभमाय डे प्रोफेसर ने क्लाउड कंप्यूटिंग, आइओटी और एआइ जैसी बहुत वांछित उभरती प्रौद्योगिकियों के सीखने पर भी ध्यान केंद्रित किया और चंद्रयान-1 मिशन, नेटवर्क कंप्यूटिंग और मोबाइल कंप्यूटिंग के बारे में उल्लेख किया। एसएमसी कार्पोरेशन इंडस्ट्री के प्रदीप सूद ने बताया कि कंपनी विद्यार्थियों में किन गुणों को देखती है इस बारे में जानकारी दी। आयोजन में बुद्धिजीवियों के बीच रचनात्मक और विचारशील पैनल चर्चा की। इसमें कई स्कूलों के प्राचार्य शामिल हुए।