वियतनाम-भारत विस्तारवाद का समर्थक नहीं… फाम मिन्ह से मुलाकात के बाद बोले पीएम मोदी

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वियतनाम के पीएम फाम मिन्ह और पीएम नरेंद्र मोदी ने दोनों देशों के बीच 2024 से लेकर 2028 के दौरान रणनीतिक साझेदारी की दिशा में कदम बढ़ा दिए हैं। मंगलवार को तीन दिन के दौरे पर भारत आए मिन्ह ने देश के शीर्ष नेतृत्व से मुलाकात की। गुरुवार को दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों के बीच द्विपक्षीय वार्ता हुई, जिसके बाद एक साझा प्रेस कॉन्फ्रेस भी की गई। साथ ही भारत और वियतनाम ने कई समझौतों पर मुहर भी लगाई। पीएम नरेंद्र मोदी ने इस दौरान कहा कि पिछले एक दशक में दोनों देशों के रिश्तों में विस्तार हुआ है और गहराई आई है। पीएम ने कहा कि एक्ट ईस्ट पॉलिसी और इंडो-पैसिफिक विजन में वियतनाम हमारा अहम साथी है। उन्होंने कहा कि दोनों देशों की इसे लेकर एक साफ समझ है कि हम विस्तारवाद नहीं बल्कि विकासवाद का समर्थन करते हैं। पीएम ने कहा कि हम मुक्त और समृद्ध इंडो पैसिफिक के लिए सहयोग जारी रखेंगे। रिश्तों के आयामों पर बात करते हुए पीएम ने कहा कि द्विपक्षीय व्यापार के क्षेत्र में 85 फीसदी से ज्यादा की वृद्धि हुई है तो वहीं तकनीक और एनर्जी के विस्तार के साथ साथ सिक्योरिटी के क्षेत्र में भी आपसी सहयोग को नई गति मिली है।

दोनों देशों के बीच बढ़ा है टूरिजम
पीएम ने कहा कि दोनों देशों के बीच टूरिजम बढ़ा है और अब दोनों देशों के बीच 50 से ज्यादा सीधी उड़ानें हैं। वियतनाम के मी सोन में प्राचीन मंदिरों के पुनरुद्धार का काम कामयाबी से पूरा किया गया है। उन्होंने कहा कि विकसित भारत 2047 और वियतनाम के 2045 के विजन की वजह से विकास ने गति पकड़ी है, इसलिए साझेदारी को और मजबूती देने के लिए हमने नया प्लान ऑफ ऐक्शन अपनाया है। पीएम ने डिफेंस और सिक्योरिटी में सहयोग पर जोर दिया है और ऐसे में आतंकवाद और सुरक्षा पर सहयोग को बल दिया जाएगा। व्यापार की संभावनाओं को हासिल करने के लिए आसियान इंडिया ट्रेड इन गुड्स एग्रीमेंट की समीक्षा जल्द कराए जाने पर सहमति बनी है। दोनों देशों के बैंकों के बीच डिजिटल पेमेंट कनेक्टिविटी के लिए सहमति बन गई है। पीएम ने कहा कि दोनों देशों ने तय किया है कि ग्रीन इकॉनमी और न्यू इमरजिंग टेक्नॉलजी के क्षेत्र पर फोकस किया जाएगा। ऊर्जा और पोर्ट डिवेलपमेंट में एक दूसरे की क्षमताओं को पारस्परिक लाभ के लिए इस्तेमाल किया जाएगा।

कई करारों पर बनी बात
भारत और वितयताम के बीच 9 करारों पर सहमति बनी है। कस्टमस कैपिसिटी बिल्डिंग को लेकर भारत के सेंट्रल बोर्ड ऑफ इनडायरेक्ट टैक्सेस एंड कस्टम्स ऑफ इंडिया और वियतनाम के जनरल कस्टम्स के बीच एक करार पर मुहर लगी है। इसके साथ ही इम्फाल (मणिपुर) की सेंट्रल एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी और हनोई की अकैडमी ऑफ एग्रीकल्चरल साइंस के बीच भी एक करार हुआ है। इस समझौते के जरिए कृषि के क्षेत्र में रिसर्च को बढ़ावा दिया जाएगा। दोनों देशों के कानून और सामाजिक न्याय मंत्रालयों के बीच भी लीगल क्षेत्र में सहयोग को लेकर एक MoU पर हस्ताक्षर किए गए हैं। रेडियो और टीवी के क्षेत्र में भी दोनों देश सहयोग के लिए तैयार है, इसी के मद्देनजर प्रसार भारती और वॉइस ऑफ वियतनाम, हनोई के बीच सहयोग पर सहमति बनी है। दोनों देशों के बीच टू डॉलर क्रेडिट लाइन एग्रीमेंट को लेकर भी एक करार पर हस्ताक्षर किए गए हैं। पारंपरिक मेडिसिन के क्षेत्र में औषधीय पौधों को लेकर भी मंत्रालय स्तर का एक करार भी हुआ है। इसके अलावा नैशनल मेरिटाइम हेरीटेज कॉम्प्लेक्स के विकास के मद्देनजर वियतनाम की कल्चर, खेल और टूरिज्म मंत्रालय ने भारत की बंदरगाह और जहाजरानी मंत्रालय के साथ एक करार किया है। इसके अलावा दो अहम घोषणाएं भी हुई हैं। वियतनाम की टेलीकम्यूनिकेश्स यूनिवर्सिटी में आर्मी सॉफ्टवेयर पार्क का वर्चुअल उद्घाटन हुआ तो वियतनाम के Coalition for Disaster Resilient Infrastructure में शामिल होने की योजना के बारे में भी बताया गया।

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