विशाखा बौद्ध विहार पदाधिकारी ने एसडीएम को सोपा गया

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जनपद पंचायत वारासिवनी अंतर्गत ग्राम पंचायत तुमाड़ी के विशाखा बौद्ध विहार पदाधिकारी सदस्यों के द्वारा 2 अप्रैल को एसडीएम वारासिवनी को ज्ञापन सौप कर बौद्ध विहार के मुख्य द्वार के सामने मुरम का भंडारण करने वाले पर कठोर कार्यवाही करने की मांग की गई। ज्ञापन में उल्लेखित है कि हम सभी विशाखा बौद्ध विहार तुमाड़ी के पदाधिकारी है ग्राम तुमाड़ी में विशाखा बौद्ध विहार स्थित है जहां अनिल फुल्लोके जो की पूर्व सरपंच है उसके द्वारा बौद्ध विहार की दीवार से लगकर शौचालय निर्माण के लिए गड्ढा खोदा गया है तथा गड्ढे की मोरम निकालकर बौद्ध विहार के मुख्य द्वार के सामने एकत्रित कर दिया गया साथ ही अन्य प्रकार का कूड़ा कचरा भी विहार की जमीन पर लाकर फेंकता है। कुछ जमीन पर अतिक्रमण कर लिया है ऐसे में बौद्ध विहार आने-जाने में रास्ता अवरुद्ध हो रहा है और उसके द्वारा बिहार की दीवार को क्षतिग्रस्त किया जा रहा है जो कभी भी गिर सकती है। जिसको लेकर मुक्त व्यक्ति को समझाया गया किंतु उसके द्वारा कहा जा रहा है कि तुमसे जो बनता है कर लो यह उदंड प्रवृत्ति का व्यक्ति है इसके द्वारा किए जा रहे कार्यों से विहार के समस्त सदस्यों में आक्रोश प्राप्त है। हम चाहते हैं कि प्रशासन उक्त मामले में तत्काल उचित कार्यवाही करें। उक्त संबंध में संबंधित व्यक्ति से चर्चा करने का प्रयास किया गया किंतु उनसे संपर्क नहीं हो पाया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में बौद्ध धर्म के अनुयाई उपस्थित रहे।

विशाल भालेकर ने पद्मेश से चर्चा में बताया कि हमारे ग्राम तुमाड़ी में बौद्ध विहार है उसके पीछे पूर्व सरपंच अनिल फुल्लोके द्वारा सेप्टिक टैंक खोदा गया है और उसका मुरम का भंडारण विहार के गेट पर किया गया है जिससे बिहार में आना-जाना बंद पड़ा हुआ है। हम चाहते हैं कि 14 अप्रैल आ रहा है तो वह विहार को पहले जैसा करके दे थोड़े दूर में नाली है जहां पर अतिक्रमण भी कर लिया गया है ऐसे में आना-जाना बंद पड़ा हुआ है जिसकी शिकायत एसडीएम को करें है ताकि व्यवस्था बनाई जा सके।

संजय भीमटे ने बताया कि डॉक्टर भीमराव अंबेडकर एवं तथागत गौतम बुद्ध का मंदिर बना हुआ है अनिल फुल्लोके वहां पर पूरा कचरा और लकड़ी मुरम डाल कर रखा हुआ है। जिसके द्वारा अभद्र व्यवहार किया जाता है जो गलत है विहार के सामने ऐसा नहीं होना चाहिए इस प्रकार के कार्य सरपंच रह चुके व्यक्ति को शोभा भी नहीं देते हैं। हम चाहते हैं कि वह पूर्व की तरह करके दे शासन की जमीन है और बाबा साहब के चाहने वालों को आने जाने से कोई नहीं रोक सकता। इसके लिए हमने पंचायत में भी आवेदन दिए थे समाज की बैठक रखे थे तो वहां पर वह नहीं आया फिर एसडीएम को शिकायत करें है वह कहता है कि जो बनता है कर लो जिस पर एसडीएम के द्वारा तत्काल कार्यवाही करने का आश्वासन दिया गया है।

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