शिवरात्रि की पूर्व संध्या पर प्रति वर्ष अनुसार इस वर्ष भी शिवभक्तों द्वारा शहर के पुराने राम मंदिर से शिव बारात निकाली गई जो शहर के मुख्य मार्गो से होते हुए शंकर घाट पहुची।
शिवबारात में देश की अलग-अलग संस्कृतियों के रंग झांकियों के रूप में नजर आई। जिसमे जयपुर से 108 मुख के स्वरूप में आने वाली माता काली की झांकी, कर्नाटक से लगभग 18 से 20 फुट उंचे भगवान हनुमान की झांकी, कर्नाटक का कुचीपुड़ी नृत्य और गोंदिया, नागपुर एवं अमरावती से आने वाली झांकियां शिव बारात में आकर्षण का केन्द्र रही।
इसी तरह 11 मार्च को शिवरात्रि के अवसर पर शिवालयों में भक्तों द्वारा भगवान भोलेनाथ के दर्शन किए जाएंगे। इस वर्ष जिला प्रशासन द्वारा सभी भक्तों से अपील की गई है कि वे कोविड-19 की गाइडलाइन का पालन करते हुए भगवान भोलेनाथ के दर्शन करें।