भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के विशेष न्यायाधीश मनोज कुमार तिवारी की अदालत ने भ्रष्टाचार के मामले में जिला कोऑपरेटिव बैंक किरनापुर के शाखा प्रबंधक सादिक अली को 5 वर्ष के कठोर कारावास और 20 हजार रुपये अर्थदंड से दंडित किए।
जिला को ऑपरेटिव बैंक किरनापुर के शाखा प्रबंधक सादिक अली ने जिला सहकारी बैंक किरनापुर के पर्यवेक्षक जी एस जायसवाल से धान खरीदी के एवज में 60 हजार रुपए की मांग की थी। जिसे लोकायुक्त की जबलपुर टीम ने10000 रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया था।
सहायक जिला अभियोजन अधिकारी अखिल कुमार कुशराम ने इस संदर्भ में जानकारी देते हुए बताया कि सन 2013 में जी एस जायसवाल कोआपरेटिव बैंक शाखा किरनापुर में सुपरवाइजर के पद पर पदस्थ थे और एस सादिक अली इसी बैंक में मैनेजर के पद पर पदस्थ थे। 2013 में कोऑपरेटिव बैंक द्वारा निर्धारित दर पर धान की खरीदी की गई थी। धान की यह खरीदी सुपरवाइजर जी एस जायसवाल की देखरेख में की गई थी।
धान की खरीदी के कमीशन के संबंध में प्रबंधक एस सादिक अली द्वारा सुपरवाइजर जी एस जायसवाल से रिश्वत की मांग की गई थी और और ना देने पर निलंबन की जाने के उद्देश्य 4 मार्च 2013 को शाखा प्रबंधक सादिक अली ने सुपरवाइजर जीएस जायसवाल को कारण बताओ नोटिस जारी किया था और कहे थे कि यदि 60000 रुपये की रिश्वत नहीं देंगे तो वह उसे निलंबित कर देगा।
प्रबंधक सादिक अली जीएस जायसवाल से 20000 रुपये ले चुका था। और वह 10000 रुपये मांग रहा था। सुपरवाइजर जीएस जायसवाल और रिश्वत की राशि शाखा प्रबंधक एस सादिकअली को नहीं देना चाहता था। और उन्होंने इस सम्बन्ध में 29 मार्च 2013 को लोकायुक्त कार्यालय जबलपुर को शिकायत की थी। 1 अप्रैल 2013 को पुलिस अधीक्षक लोकायुक्त के निर्देशन में ट्रिप कार्रवाई की गई थी और आरोपी एस सादिक अली को 10 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़े गये थे।