शादी के सीजन में 1 दिन में 400 ट्रक कपड़ा देश भर में एक्सपोर्ट होता था, अभी इसका 10% भी नहीं जा रहा

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सूरत का कपड़ा मार्केट खुल तो गया है लेकिन स्थिति यह है कि कपड़ा बाजार खुलने के 4 हफ्ते बाद भी रोजाना केवल 30 ट्रक कपड़ा जा रहा है। आम तौर पर शादी की सीजन के दौरान एक दिन में 350 से 400 ट्रक कपड़ा सूरत से देश भर की विभिन्न मंडियों में जाता है। 21 मई से सूरत का कपड़ा मार्केट शुरू हो गया था। पहले सप्ताह मुश्किल से 5 ट्रक कपड़ा अन्य मंडियों में भेजा गया था। दूसरे सप्ताह में भी स्थिति में ज्यादा बदलाव नहीं हो सका।

तीसरे सप्ताह से प्रतिदिन 30 ट्रक कपड़ा जाने लगा था। अभी भी स्थिति कुछ ऐसी ही है। कोरोना की दूसरी लहर के कारण सूरत समेत देश भर के व्यापार और उद्योग सुस्त हैं। इस बीच सूरत के कपड़ा कारोबार को सामान्य होने में कम से कम तीन सप्ताह तक का समय लग सकता है। क्योंकि देश भर की मंडी अब भी पूरी तरह नहीं खुली है।

बाहर की मंडी से व्यापारी नहीं आ रहे
बाहर की मंडियों से अभी भी व्यापारी नहीं आ रहे है। इसके कारण व्यापार काफी सुस्त है। बाहर की मंडियां पूरी तरह शुरू होने के बाद व्यापारी आने लगेंगे और कपड़ा मार्केट की रौनक लाैटेगी। फिलहाल सिर्फ सोशल मीडिया के जरिए व्यापार हो रहा है।

कोरोना से पहले वेटिंग रहती थी | हर साल शादियों की सीजन में ट्रांसपोर्ट में इतना माल एडवांस बुक रहता था कि गोदाम भर जाते थे। बुकिंग बंद करने की नौबत आ जाती थी। इतना ही नहीं ट्रक की संख्या बढ़ाने के लिए भी ट्रांसपोर्टरों द्वारा प्रयास किए जाते थे। लेकिन कोविड ने हालात ही बदलकर रख दिए हैं।

गुड्स रिटर्न की चिंता: माल रिटर्न करने वालाें से कारोबार नहीं
इन दिनों सूरत के व्यापारियों को गुड्स रिटर्न की चिंता सता रही है। फिलहाल तो जीआर नहीं आ रहे हैं। लेकिन बाजार के हालात को देखते हुए सूरत के व्यापारियों को लग रहा है कि दूसरी जगह की मंडियों के लोग गुड्स रिटर्न कर सकते हैं। हालांकि सूरत के व्यापारियों ने स्पष्टता करते हुए बाहर की मंडियों के व्यापारियों तक यह बात पहुंचाई है कि जिन्होंने गुड्स रिटर्न किया है उसके साथ व्यापार नहीं किया जा सकता है।

पेमेंट की बड़ी समस्या: सूरत के व्यापारियों के बाहर की मंडियों मंे 10 हजार करोड़ फंसे बाहर की मंडियों को लेकर सूरत के व्यापरियों की सबसे बड़ी चिंता पेमेंट को लेकर है। पेमेंट का मूवमेंट तो शुरू हाे गया है लेकिन अभी भी सूरत के व्यापारियों का कम से कम 10 हजार करोड़ का पेमेंट देश भर की मंडियों में रुका हुआ है। इसके अलावा सूरत के व्यापारियों को वीवर्स और मिल मालिकों को पेमेंट करना हाेता है। हालांकि अब भी सूरत के व्यापारियों के पास स्टॉक की कमी नहीं है।

कोरोना गांवों तक फैला है, इसका असर पड़ रहा
कपड़ा व्यापारी दिनेश कटारिया ने बताया कि कपड़ा मंडी पर कोविड-19 की दूसरी लहर का बहुत बड़ा असर पड़ चुका है। इस बार कोरोना गांव तक पहुंच चुका है। सूरत का गांवों का कारोबार बड़ी मात्रा में है। इसके चलते अभी तक कारोबार के हालात सुधर नहीं पाए है।

आने वाले दिनों में स्थिति सुधरने की उम्मीद है
सूरत टेक्सटाइल वेलफेयर गुड्स ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष युवराज देसले अभी भी माहौल में सुधार नहीं हुआ है। फिलहाल रोजाना 30 ट्रक कपड़ा अन्य मंडियों में जा रहा है। दिल्ली के बाजार खुले हैं, आगामी दिनों में हालात सुधरने की उम्मीद है।

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