शार्ली हेब्‍दो’ ने फिर बनाया विवादित कार्टून, सोशल मीडिया पर बोले लोग- यह हर लिहाज से गलत

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पेरिस : फ्रांसीसी व्‍यंग्‍य पत्रिका ‘शार्ली हेब्‍दो’ एक बार फिर अपने कार्टून को लेकर सुखियों में है। पूर्व में ‘पैगंबर’ के कार्टून को लेकर विवादों में रही फ्रांसीसी व्‍यंग्‍य पत्रिका के निशाने पर इस बार ब्रिटिश राजपरिवार है, जिसमें मेगन मर्कल को जॉर्ज फ्लॉयड के तौर पर दिखाया गया है, जबकि महारानी एलिजाबेथ द्वितीय को उनकी गर्दन पर घुटने टेके दिखाया गया है। सोशल मीडिया पर इसकी जमकर आलोचना हो रही है।

मेगन ने किया था खुलासा

मेगन मर्कल ब्रिटिश राजपरिवार में प्रिंस हैरी की पत्‍नी हैं, जिन्‍होंने हाल ही में एक इंटरव्‍यू में इसका खुलासा किया है कि राजघराने में किस तरह उन्‍हें उनके अश्‍वेत होने की वजह से भेदभाव व उपेक्षा का शिकार होना पड़ा और जब वह गर्भवती थीं तो हैरी से किसी ने इसे लेकर भी चिंता जताई थी कि उनके होने वाले बच्‍चे का रंग कितना डार्क होगा। मेगन ने यह भी कहा था कि इन सबसे आजिज होकर उन्‍हें खुदकुशी का ख्‍याल भी आया था।

मेगन ब्रिटिश राजपरिवार से जुड़ने वाली पहली अश्‍वेत महिला हैं। उनका कहना है कि इस वजह से वहां उन्‍हें काफी कुछ झेलना पड़ा। हालांकि उनके इंटरव्‍यू के बाद ब्रिटिश राजपरिवार की ओर से बयान जारी कर इन आरोपों पर ‘चिंता’ जताई गई थी और कहा गया था कि उनका ‘निजी’ तौर पर समाधान किया जाएगा। हालांकि हैरी के बड़े भाई प्रिंस विलियम ने इसके बाद यह भी कहा कि राजपरिवार में किसी तरह की नस्‍ली सोच नहीं है। 

अमेरिका में हुई थी फ्लॉयड की मौत

वहीं, जॉर्ज फ्लॉयड अमेरिकी अश्‍वेत नागरिक थे, जिनकी मौत बीते साल मई में एक मिनियापोलिस में एक श्‍वेत पुलिस अधिकारी के हाथों हुई थी। पुलिस अधिकारी ने करीब आठ मिनट तक उसकी गर्दन को अपने घुटने से दबाए रखा था, जिसके कारण उसकी मौत हो गई। घटना का वीडियो भी सामने आया था, जिसमें जॉर्ज को ‘आई कांट ब्रीद’ (मैं सांस नहीं ले पा रहा) कहते सुना गया। इसके बाद अमेरिका में व्‍यापक प्रदर्शन हुए थे।

अब उसी घटना को ‘शार्ली हेब्‍दो’ ने कार्टून के जरिये दर्शाया है, जिसमें पात्र बदल दिए गए हैं। इसमें जॉर्ज फ्लॉयड की जगह मेगन मर्कल को दिखाया गया है, जबकि श्‍वेत पुलिस अधिकारी की जगह महारानी को दिखाया गया है। सोशल मीडिया पर इसकी जमकर आलोचना की जा रही है और कहा जा रहा है कि इसे किसी भी तरह से जायज नहीं ठहराया जा सकता। इसने रंगभेद को लेकर होने वाली बहस और इसकी गंभीरता को कम किया है।

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