शासकीय भूमि का नगर में फिर किया गया निजीकरण,22 करोड़ में बिकी चौपाटी गार्डन के बाजू की भूमि !

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देशभर में सरकारी संपत्तियों के किए जा रहे निजीकरण का असर अब बालाघाट नगर में भी तेजी से देखने को मिल रहा है।जहां लगातार खाली पड़ी शासकीय भूमि को चिन्हित कर उसे निजी हाथों में सौंपने की कार्यवाही की जा रही है।जिसके चलते उक्त शासकिय भूमि पर स्थित भवन, दुकान, मकान, उपयोग हीन अन्य शासकीय कार्यालय व अतिक्रमण हटाकर, उक्त शासकीय भूमि को निजी हाथों में सौंपा जा रहा है ।जहां शासकीय भूमि का अधिग्रहण करने वाले लोग अब शासन से उक्त भूमि पर लगे हरे भरे पेड़ पौधों को कटवाकर,भवनों को डिसमेटल कर उक्त भूमि अपने हैंडओवर कर उक्त भूमि से धन लाभ अर्जित करने की योजना पर कार्य कर रहे है।जिसके चलते प्रशासन खुद नीलाम की गई उक्त भूमि स्थित विभिन्न निर्माण,और अतिक्रमण को हटाकर, उक्त खाली भूमि को निजी हाथों में सौपने का काम कर रहा है। जिसका नजारा आए दिनों नगर में देखने को मिल रहा है। निजीकरण की इस कड़ी में अब कालीपुतली चौक स्थित चौपाटी के बाजू वाली भूमि का नाम भी जुड़ गया है ,जहा करीब आधा एकड़ की शासकीय भूमि को करीब 22 करोड़ रु में नीलाम दिया गया है ।जहाँ उक्त भूमि को नीलाम करने के बाद अब उक्त उक्त भूमि को निजी हाथों में सौपने की क़वायद शुरू कर दी गई है।

इसके पूर्व रानी वीरांगना स्कूल के समीप शासकीय भूमि को किया गया था नीलाम
आपको बताएं कि सरकारी संपत्ति को निजी हाथों में सौंपने का यह कार्य, नगर में कोई पहला नहीं है बल्कि इसके पूर्व भी नगर की सरकारी भूमि को नीलाम कर उक्त सरकारी भूमि का निजीकरण किया गया है। सरकारी संपत्तियों और सरकारी जमीनों को निजी हाथों में सौंपने की कवायद के बीच जहां एक ओर काली पुतली चौक स्थित नगरपालिका के कांजी हाउस वाली जमीन को करीब 22 करोड़ रु में नीलाम कर दिया गया है तो वहीं इसके पूर्व रानी वीरांगना स्कूल के समीप वाली भूमि को 8 करोड़ रुपए में नीलाम किया गया था। वहीं इसके अलावा अन्य भूमि को इसके पूर्व भी निजी हाथों में सौंपा गया है। मतलब साफ है की सरकार ,लगातार शासकीय भूमि व संपत्ति को नीलाम कर उसे निजी हाथों में सौंप रही है और लगातार शासकीय संपत्तियों का निजीकरण किया जा रहा है।

जल्द शुरू की जाएगी डिस्मेंटल की प्रक्रिया
बताया जा रहा है कि काली पुतली चौक स्थित चौपाटी की बाजू वाली भूमि से तमाम तरह का निर्माण और अतिक्रमण हटाकर उसे जल्द ही निजी हाथों में सौंप दिया जाएगा। वर्तमान समय में जिस भूमि को निजी हाथों में सौंपने की प्रक्रिया चल रही है उस भूमि पर नगर पालिका द्वारा वर्षों पूर्व कांजी हाउस का संचालन किया जाता था, जिसका वर्तमान में उपयोग नगरपालिका के वाहनों को रखने में किया जा रहा है। जिसे जल्द हटा दिया जाएगा ।तो वही उसी परिसर स्थित पुराना पशु जिला चिकित्सालय भवन को भी जल्द ही डिस्मेंटल कर उक्त भूमि को समतल (प्लेन) किया जाएगा .इसके अलावा उसी परिसर में बनी नगरपालिका के वाहन गैरेज बिल्डिंग को भी हटाने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। तो वहीं उक्त भूमि परिसर में संचालित अस्थाई दुकानों सहित जिला न्यायालय के सामने लीज की भूमि पर बनाए गए इकबाल गैरेज को भी जिस मेंटल किया जाएगा।

नजूल अधिकारी ने नपा को जगह खाली करने के लिए निर्देश
आधिकारिक जानकारी के अनुसार जिस भूमि का निजीकरण किया गया है उस भूमि पर बने मकानों दुकानों सहित अन्य निर्माणों को हटाकर जगह को खाली करने के निर्देश नजूल अधिकारी द्वारा नापा को दिए गए हैं बताया जा रहा है कि कांजी हाउस वाली भूमि से लेकर जिला सत्र न्यायालय के सामने और जिला जेल परिसर स्थित सड़क से लेकर यातायात थाने तक कि करीब आधा एकड़ भूमि को करीब 22 करोड़ रुपए में नीलाम किया गया है जहां उक्त भूमि पर निर्माणाधीन भवनों दुकानों मकानों व अन्य निर्माणों पर जल्द ही बुलडोजर कार्यवाही कर उसे हटाया जाएगा।

नीलम भूमि पर जल्द बनेगा कमर्शियल कंपलेक्स
बताया जा रहा है कि करीब आधा एकड़ वाली उक्त भूमि के लिए 4 कंपनियों द्वारा ऑनलाइन निविदाएँ भरी गई थी। जिसमें से एक बाहर की कंपनी होने के चलते उसे उक्त भूमि नहीं दी गई। तो वही जिले की तीन प्रमुख कंपनियों द्वारा उक्त भूमि को लेने के लिए बोली लगाई गई थी। जिसमें से सबसे ऊंची बोली रायसेन एंड कंपनी लांजी द्वारा करीब 22 करोड़ रुपए लगाई गई ।जिस पर रायसेन एंड कंपनी को यह शासकीय भूमि दी गई है। जिस पर कॉन्प्लेक्स निर्माण के लिए उन्हें 24 माह का वक्त दिया गया है। बताया जा रहा है कि जल्द ही इस भूमि को हस्तांतरित करने के लिए तमाम तरह की औपचारिकताएं पूरी की जाएगी इसके पहले उक्त भूमि को समतल कर उक्त भूमि को कमर्शियल कंपलेक्स निर्माण हेतु निजी हाथों में सौंपा जाएगा। जहां नीलामी में उक्त भूमि को खरीदने वाले द्वारा कमर्शियल कंपलेक्स निर्माण कर उक्त कांपलेक्स की दुकानों को नीलाम कर धन लाभ कमाया जाएगा ।

जल्द पूरी कर ली जाएंगी तमाम औपचारिकताएं – देशमुख
इस पूरे मामले को लेकर दूरभाष पर की गई चर्चा के दौरान हाउसिंग बोर्ड के सहायक यंत्री जयंत देशमुख ने बताया कि शासन की पुनर्घतवीकरण योजना के तहत नगर में विभिन्न निर्माण कार्य किए जाने हैं। काली पुतली चौक समीप चौपाटी के बाजू वाली भूमि 22 करोड़ में विक्रय कर दी गई है। जमीन की शासकीय बिट 13 करोड़ रखी गई थी लेकिन इसका विक्रय 22 करोड़ रुपये में हो चुका है ।चौपाटी के पास जो जमीन स्थित है उसका विक्रय करने से जो राशि आई है उस राशि के 15 करोड़ रु से विभिन्न निर्माण कार्य किए जाएंगे। तो वही शेष जो 7 करोड़ की राशि बची रहेगी, वह शासन के कोष में जमा रहेगी। इसके लिए वह पूर्व के निर्माण को हटाने के लिए नजूल अधिकारी द्वारा नपा को पत्र लिखा गया है जल्द ही तमाम तरह की औपचारिकताएं पूरी कर उक्त भूमि का निजीकरण कर दिया जाएगा।

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