इन दिनों शिक्षा विभाग में शासकीय राशि को हेरा फेरी करने का मामला थमने का नाम ही नहीं ले रहा, अभी कुछ दिन पहले बालाघाट विकासखंड में करोड़ों की शासकीय राशि का हेर फेर हुआ था, उसके बाद बीआरसी कार्यालय में पूर्व बीआरसी द्वारा शासकीय राशि को अपने खाते में बुलाए जाने का मामला चल ही रहा है, उसके बाद पुनः एक अध्यापक द्वारा पूर्व बीआरसी पर शाला विकास के नाम पर आने वाली राशि में फिर हेर फेर करने का आरोप पूर्व बीआरसी और एक दुकान संचालक पर लगाया गया है
आपको बता दे की जहां एक ओर शासन प्रशासन द्वारा यह अपील की जाती है कि शासन से आने वाली योजनाएं व शासकीय राशि को अंतिम छोर के व्यक्तियों तक पहुंचाया जाए, किंतु देखने को यह आ रहा है कि शासकीय अधिकारी और शासकीय कर्मचारियों के द्वारा ही शासकीय राशि की हेरा फेरी कर अपने अधीनस्थ कर्मचारियों पर शासकीय राशि का हेरा फेरी के आरोप लगाई जा रहे हैं, ताजा मामला शिक्षा विभाग से जुड़ा हुआ है इसके पहले भी शिक्षा विभाग में करोड़ों की शासकीय राशि की हेरा फेरी करने का मामला विकासखंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय बालाघाट में हुआ था , उसके बाद बीआरसी कार्यालय में पूर्व बीआरसी उमेश गौतम द्वारा शासकीय राशि को अपने खाते में बुलाने का मामला अभी चल ही रहा है कि वही शासकीय प्राथमिक शाला गठियाटोला के प्रधान अध्यापक द्वारा पूर्व बीआरसी और एक आशीष प्रकाशन स्टेशनरी दुकान के संचालक पर शाला विकास की राशि में हेर फेर करने का आरोप लगाए गए हैं ,
जब तक पूर्व बीआरसी उमेश गौतम द्वारा सामग्री देने को नहीं कहा जाएगा ,तब तक सामग्री नहीं देंगे – चंदूलाल हिरेद्रंवर
जिसमें शासकीय प्राथमिक शाला गठियाटोला के प्रधान अध्यापक चंदूलाल हिरेद्रंवर द्वारा बताया गया कि वर्ष 2023 में फरवरी माह में शाला विकास की राशि 11000 रुपए आई थी, जिससे स्कूल में उपयोग आने वाली सामग्री का क्रय करना था और पूर्व बीआरसी द्वारा उन्हें अपने परिचित आशीष प्रकाशन के दुकान संचालक के वेंडर के यहां के बिल लाने और लगाने को कहा गया और उनके द्वारा आशीष प्रकाशन के वेंडर के खाते में 11000 रूपये की राशि डलवा दी गई, किंतु जब वह राशि डालने के बाद सामग्री क्रय करने गए तो वेंडर द्वारा उन्हें सामग्री देने से मना कर दिया गया, उन्होंने कहा कि जब तक पूर्व बीआरसी उमेश गौतम द्वारा सामग्री देने को नहीं कहा जाएगा ,तब तक वह सामग्री नहीं देंगे ,जब प्रधान अध्यापक द्वारा इसकी जानकारी पूर्व बीआरसी उमेश गौतम को दी गई, तो उनके द्वारा प्रधान अध्यापक से कहा गया कि वह जाए और उनसे 6000 रूपये की राशि ले ले, जब प्रधान अध्यापक द्वारा आशीष प्रशासन के संचालक से सामग्री की जगह पैसे मांगा गया तब भी उन्होंने उन्हें बिना पूर्व बीआरसी के कोई भी राशि या सामग्री देने से मना कर दिया गया जब इसकी जानकारी पुनः पूर्व बीआरसी को दी गई तो उन्होंने साफ कह दिया कि वह उनके और वेंडर के बीच में नहीं पढ़ना चाहते ,वह अपने स्तर से मामले को निपटाए ,उसके बाद 11000 की राशि और ना ही सामग्री वेंडर के द्वारा दी गई , उसके बाद प्रधान अध्यापक द्वारा इस सत्र में 6000 रूपये की राशि चेक के माध्यम से सामग्री का क्रय किया गया है, किंतु खाते में राशि नहीं होने की वजह से उन्होंने उनसे कहा कि पुराने 11000 की राशि में से वह 6000 रूपये काट ले, तब दुकान मालिक द्वारा कहा गया कि पुरानी 11000 की कोई राशि नहीं है और उन्हें पुन: 6000 रूपये देना होगा, जबकि प्रधान अध्यापक का कहना है कि जो पुरानी 11000 रूपये की राशि है उसका लेनदेन और हिसाब किताब हुआ ही नहीं, जिसकी शिकायत उन्होंने शिक्षा विभाग और जिला कलेक्टर गिरीश कुमार मिश्रा के यहां भी किया हैं, और अब प्रधान अध्यापक का कहना है कि इस मामले में संबंधित विभाग के द्वारा जांच की कार्रवाई की जाए जिससे जो पूर्व बीआरसी उमेश गौतम और आशीष प्रकाशन के ऊपर कार्रवाई करते हुए शासकीय राशि का हिसाब ले
राशि डलवाने के पहले ही बिल और सामग्री ले ली थी- आशीष
जब हमारे द्वारा इस विषय को लेकर आशीष प्रकाशन के संचालक से चर्चा की गई तो उनके द्वारा बताया गया कि जो प्राथमिक शाला गठियाटोला के प्रधान अध्यापक द्वारा आरोप लगाए गए हैं वह गलत है उनके द्वारा जो शाला विकास की राशि आई थी, उसके बिल और उसकी सामग्री उन्हें पहले ही दे दी गई है और उसमें पूर्व बीआरसी का कोई भी विषय नहीं है उन्होंने बताया कि उन्होंने राशि डलवाने के पहले ही बिल और सामग्री ले ली थी, उसके बाद राशि डलवाई गई है और उन पर जो आरोप लगाए जा रहे हैं वह पूर्णत निराधार हैं।
जल्द ही इस विषय में जांच की कार्यवाही की जायेगी – दशरथ गौतम
जब हमारे द्वारा इस पूरे विषय को लेकर वर्तमान प्रभारी बीआरसी दशरथ गौतम से दूरभाष पर चर्चा की गई तो उनके द्वारा बताया गया कि उन्हें डीपीसी कार्यालय से एक जांच करने के लिए विषय मिला है वह संभवत: यही है किंतु अभी परीक्षाओं का दौरा होने की वजह से उन्होंने इस मामले में टीम नहीं बनाई है ,जल्द ही वह एक टीम गठित कर इस मामले में जांच की कार्रवाई करवाएंगे, उसके बाद ही वह बता पाएंगे कि यह विषय किस प्रकार का है ,किंतु वह जल्द ही इस विषय में जांच की कार्यवाही करवायेगे
दुर्भावना वश मुझ पर आरोप लगा रहे हैं – उमेश गौतम
जब हमारे द्वारा इस विषय को लेकर पूर्व बीआरसी उमेश गौतम से दूरभाष पर चर्चा की गई तो उनके द्वारा बताया गया कि जो प्रधान अध्यापक द्वारा उन पर आरोप लगाए गए हैं, वह सब झूठे हैं क्योंकि जिस राशि की बात कर रहे हैं उसे राशि के विषय में उनका किसी प्रकार का कोई हस्तक्षेप नहीं रहता है वह दुर्भावना वश उन पर आरोप लगा रहे हैं