श्रीकृष्ण जन्माष्टमी तिथि को लेकर असमंजस की स्थिति

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रक्षाबंधन पर्व की तरह इस बार श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की तिथि को लेकर भी असमंजस की स्थिति बरकरार है। राजधानी के ज्योतिषाचार्यों में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की तिथि को लेकर मतभेद है। बता दें कि सावन शुक्‍ल पूर्णिमा तिथि पर भद्रा का साया होने के चलते इस बार रक्षाबंधन पर्व दो दिन मनाया गया। अब श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की तैयारियां शुरू हो गई हैं। मंदिरों से लेकर विभिन्न समितियों ने नंदलाला के जन्‍मोत्‍सव की तैयारी शुरू कर दी है। साज-सज्जा की जा रही है। दूधिया रोशनी की व्यवस्था की जा रही है। लेकिन रक्षाबंधन की तरह जन्माष्टमी मनाने को लेकर भी तिथि में असमंजस की स्थिति देखने को मिल रही है। कुछ पंडित 18 अगस्‍त को तो कुछ 19 को जन्माष्टमी मनाने की बात कह रहे हैं। दरअसल भगवान कृष्ण के जन्मोत्सव पर्व की तिथि को लेकर कुछ मतभेद हैं। कैलेंडर के अनुसार 19 अगस्त को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी बताई गई है, लेकिन कुछ ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि 18 अगस्त गुरुवार की रात 09:21 से शुरू हो रही है। अष्टमी तिथि 19 अगस्त को रात 10:50 बजे समाप्त होगी। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भगवान कृष्ण का जन्म आधी रात को हुआ था, इस वजह से कुछ लोग 18 अगस्त को जन्माष्टमी का व्रत रखेंगे। वहीं, शास्त्रों के अनुसार हिंदू धर्म में उदया तिथि सार्वभौमिक है। इसलिए कुछ पंडितों का यह भी कहना है कि 19 अगस्त को जन्माष्टमी का व्रत को रखना सहीं रहेंगा और इसी दिन श्री कृष्ण जन्‍माष्‍टमी भी मनाई जाएगी। जन्माष्टमी के अवसर पर शहर में 19 व 20 अगस्त को यानी दो दिनों तक छोटी बड़ी करीब 150 से अधिक स्थानों पर मटकी फोड़ प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाएगा। इसमें सबसे बड़ी मटकी फोड़ प्रतियोगिता कोलार में होगी। इसको लेकर समिति की तैयारी शुरू हो गई है। एक-दो दिन में बैठक आयोजन की रूपरेखा तय की जाएगी। इसके अलावा नेहरू नगर, जहांगीराबाद चौराहे व श्रीराम मंदिर अवधपुरी में भी मटकी फोड़ प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएग। शहर की झुग्गी बस्तियों में भी जन्माष्टमी के अवसर पर अनेक धार्मिक एवं सांस्क्रतिक आयोजन संपन्न कराए जाएंगे।

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