श्रीमद्भागवत महापुराण का हुआ समापन

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वारासिवनी अंतर्गत ग्राम पंचायत महँदीवाड़ा के गांधी चौक पुराना बस स्टैंड में 10 अप्रैल को नौ दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा महापुराण का समारोह पूर्वक समापन किया गया। जिसमें विधि विधान से पूजन अर्चन कर हवन पूजन करने के पश्चात महा प्रसादी का वितरण किया गया। इस दौरान बड़ी संख्या में लोगों ने अपनी उपस्थिति दर्ज करा कर धार्मिक लाभ अर्जित किया। विदित हो कि महँदीवाड़ा के गांधी चौक पुराना बस स्टैंड में 2 अप्रैल से श्रीमद्भागवत महापुराण का प्रारंभ किया गया। जिसमें प्रथम दिन कलश यात्रा निकालकर पूरे ग्राम का भ्रमण किया गया जिसके बाद देवी पूजा और व्यास पूजा कर श्रीमद्भागवत महापुराण का प्रारंभ किया गया। तत्पश्चात 3 अप्रैल से व्यास आसन पर पंडित परम पूज्य निकेश दुबे के द्वारा प्रवचनों के माध्यम से संगीत मय अमृत कथा का वर्णन किया गया। इस दौरान सुबह 8 बजे से 11 बजे तक पूजन एवं संस्कृत पाठ करने के बाद शाम 4 बजे से रात्रि 8 बजे तक कथा का वाचन किया गया। जिसका उपस्थित ग्रामीणों के द्वारा बड़ी इच्छाशक्ति के साथ श्रवण किया गया। जिसमें व्यास नारद संवाद परिचय, जन्म भीष्म स्तुति, सुखदेव आगमन, विदुर मैत्री संवाद, नरसिंह अवतार, कपिलोख्यान, दक्ष चरित्र, ध्रुव चरित्र, भक्त प्रहलाद चरित्र, वामन अवतार, श्री राम जन्म, समुद्र मंथन, कृष्ण जन्म, बाल लीला, मटकी फोड़, कंस वध, रुक्मणी विवाह, ब्रज की होली, सुदामा चरित्र, कृष्ण उद्धव संवाद, परीक्षित मोक्ष गीता, सुखदेव प्रस्थान सहित अन्य प्रसंगों पर संगीतमय कथा का वर्णन लगातार 9 अप्रैल तक किया गया। जिसके बाद अंतिम दिन 10 अप्रैल को व्यास पूजन कर हवन करवा कर महाआरती की गई जिसके बाद विशाल भंडारा कराया गया जिसमें बड़ी संख्या में ग्रामीण सहित श्रद्धालु भक्तों ने उपस्थिति दर्ज करा कर धर्म लाभ अर्जित किया। पद्मेश से चर्चा में सरपंच प्रतिनिधि किशोर तामेश्वर ने बताया कि ग्राम में 2 अप्रैल से श्रीमद्भागवत महापुराण का आयोजन किया गया था जिसमें बड़ी संख्या में लोगों ने उपस्थिति दर्ज करा कर कथा का श्रवण किया। ग्राम में नशा मुक्ति का अभियान चलाया जा रहा है और लोगों को धर्म से जोड़ने एवं ग्राम में धार्मिक वातावरण का निर्माण करने के लिए यह कथा करवाई गई है। जिस के समापन पर हवन पूजन कर महाआरती की गई और विशाल महा प्रसादी का आयोजन किया गया है। उक्त कार्यक्रम को सफल बनाने में ग्राम सरपंच अंजनी किशोर तामेश्वर गुंजन लाल कटरे, विजय माधवानी, नंदू विश्वकर्मा, कैलाश सोनी, मनोज नंदनवार, मनोहर कावरे, दिलीप शुक्ला, भागचंद गुन्नाडे सहित समस्त ग्राम वासियों का सराहनीय योगदान रहा।

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