श्री राम बालाजी मंदिर में टीपुर महोत्सव सम्पन्न

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वारासिवनी अंतर्गत ग्राम रामपायली स्थित श्री राम बालाजी मंदिर में प्रतिवर्ष अनुसार इस वर्ष भी कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर 28 नवंबर को भव्य टीपुर महोत्सव कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम धार्मिक मान्यता अनुरूप ग्रामीण और मंदिर समिति के द्वारा आयोजित किया गया। जिसमें भव्य जुलूस निकालकर मंदिर में महाआरती करने के उपरांत आतिशबाजी का टीपुर जलाकर मेले का आगाज किया गया। जहां पर नगर सहित क्षेत्र व जिले के विभिन्न स्थानों से बड़ी संख्या में श्रद्धालु भक्तगणों ने इस अवसर पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराकर भगवान श्री राम बालाजी महाराज का आशीर्वाद ग्रहण का धर्म लाभ अर्जित किया।

आरती की निकली शोभायात्रा

श्री राम बालाजी मंदिर में टीपुर महोत्सव के अवसर पर आरती की विशाल शोभायात्रा का आयोजन किया गया। यह शोभायात्रा आरती की थाल के साथ रामपायली के बस स्टैंड से प्रारंभ हुई। जिसमें श्री राम बालाजी मंदिर के मुख्य द्वार जिस पर भगवान राम लक्ष्मण माता सीता की प्रतिमा बनी हुई है उस द्वारका पूजन अर्चन करने के पश्चात यह शोभायात्रा ग्राम के विभिन्न चौक चौराहा और गलियों का भ्रमण करते हुए श्री राम मंदिर बालाजी मंदिर पहुंची जहां पर शोभा यात्रा का समापन किया गया। जिसके बाद उक्त आरती की थाल से भगवान की महाआरती की गई।

मंदिर की सजावट और आतिशबाजी रही आकर्षण का केंद्र

यहां यह बताना लाजिमी है कि इस भव्य टीपुर महोत्सव के दौरान मंदिर की फूल मालाओं से एवं आकर्षक रंग बिरंगी लाइटिंग से पूरे मंदिर के साथ मंदिर परिसर की भी साथ सजा विशेष तौर पर की गई थी। जो बीते दो दिन के बाद टीपुर महोत्सव की शाम को संपन्न हुई जो पूर्णिमा की रोशनी में लोगों को अपनी ओर आकर्षित करने लगी जिसे देख लोग बेहद प्रफुल्लित हुए। वहीं महाआरती के पश्चात भव्य आतिशबाजी का दौर प्रारंभ हुआ जिसमें भव्य आकाशीय आतिशबाजी की गई जिसे हर कोई देखने के लिए अपने स्थान पर ठहर गया और आकाश में देखने लगा इस दौरान एक के बाद एक मनमोहन आतिशबाजी की जाती रही। इस प्रकार पूरे कार्यक्रम के दौरान मंदिर की साज सज्जा एवं आतिशबाजी आकर्षण का केंद्र बनी रही।

टीपुर महोत्सव के साथ मेले का हुआ आगाज

गैरतलब है कि प्रतिवर्ष टीपुर महोत्सव के साथ श्री राम बालाजी मंदिर रामपायली के मेले का आगाज किया जाता है परंतु इस वर्ष विधानसभा चुनाव के परिणाम आने तक आदर्श आचार संहिता जिले सहित प्रदेश में प्रभावी रूप से लागू है। ऐसे में जनपद पंचायत वारासिवनी जिसके द्वारा प्रतिवर्ष शासकीय रूप से यह श्री राम बालाजी मंदिर रामपायली मेला आयोजित किया जाता है परंतु इस वर्ष मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत वारासिवनी के द्वारा रामपायली मेला निरस्त करने आदेश जारी कर शासकीय तौर पर उक्त मेले का आयोजन को निरस्त कर दिया गया है। इसमें भक्तों एवं ग्रामीणों की भावनाओं के ज्वार ने उक्त मेल को आयोजित किया है जहां पर प्रतिवर्ष अनुसार विशाल मेले की जगह छोटा स्वरूप में मेला भरवारा गया है जिसका टीपुर महोत्सव के साथ प्रारंभ कर दिया गया।

श्री राम बालाजी मंदिर के बाद 36 जगह हुई आरती

पुरातन काल से श्री राम बालाजी मंदिर रामपायली में परंपरा चली आ रही है कि टीपर महोत्सव हर वर्ष हर्षउल्लास के साथ मनाया जाता है जिसके बाद सभी मंदिरों में टीपू प्रज्वलित किया जाता है। इस परंपरा का निर्वाह करते हुए इस वर्ष भी सर्वप्रथम हर्षउल्लास के साथ श्री राम बालाजी मंदिर में आरती कर टीपू जलाकर मेले का आगाज किया गया जिसके बाद सभी 36 मंदिरों में पूजा आरती कर टीपुर प्रचलित किया गया।

मंदिर में दिव्या प्रतिमाएं है विराजित

गैरतलब है कि उक्त मंदिर में प्रत्येक प्रतिमा स्वयं में दिव्या बताई जाती है। जहां पर विराजित भगवान श्री राम की प्रतिमा नदी से प्राप्त हुई थी जो ओरछा के बाद भगवान राम की दूसरी दिव्या प्रतिमा है। वही लंगड़े हनुमान जो स्वयं जमीन से निकले हैं जिनका एक पैर पाताल लोक में बताया जाता है तो वही रेत से शिवलिंग बना हुआ है जिसका आकार सदैव बढ़ता जा रहा है। सूर्य की सबसे पहली किरण शिवलिंग से होते हुए भगवान श्री राम के दरबार तक जाती है यह मंदिर भव्य किले की आकृति में बना हुआ है।

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