बालाघाट जिले में पिछले कुछ दिनों से सट्टे के अवैध कारोबार पर जारी पुलिस की कार्यवाही ,अब धीरे-धीरे
थमती नजर आ रही है। इस पूरे प्रकरण में सट्टे के अवैध कारोबार में लिप्त सभी आरोपियों के अब तक बयान नहीं हो पाए हैं, तो वही मामले से जुड़े कई आरोपी अब भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर बताए गए हैं। इसी बीच सट्टे के इस अवैध कारोबार में गिरफ्तार किए गए मुख्य आरोपी प्रांजल जैन और विनय यादव सहित करीब आधा दर्जन आरोपियों को गुरुवार को थाने से मुचलके पर जमानत देकर रिहा किया गया है। बताया जा रहा है कि 16 नवंबर को प्रांजल जैन की गिरफ्तारी की गई थी, जिसकी गिरफ्तारी के बाद से ही पुलिस द्वारा 7 दिनों तक सट्टे के इस अवैध कारोबार को लेकर पूछताछ की गई जिसमें आरोपी प्रांजल जैन पुलिस के सामने कई नामों का खुलासा भी किया है। जिसके आधार पर पुलिस ने 3 दर्जन से अधिक आरोपियों को धारा 160 का नोटिस जारी कर जवाब तलब किया। जबकि अभी भी ऐसे कई आरोपी हैं जो अब भी पुलिस की गिरफ्त से दूर है। बताया जा रहा है कि जिन आरोपियों ने पहले नोटिस पर उपस्थित होकर थाने में अपने बयान दर्ज नहीं कराए हैं ,जिन्हें अब पुलिस द्वारा दूसरा नोटिस जारी करने की तैयारी की जा रही है। उधर सूत्र बताते हैं कि 7 दिनों की लंबी पूछताछ के बाद बुधवार को विनय यादव, प्रांजल जयंत सहित करीब आधा दर्जन आरोपियों को मुचलके पर रिहा किया गया है।वही अब भी लक्की बोपचे, सोनू किरतानी और पवन सहित अन्य आरोपी फरार हैं, जिनकी जल्द ही गिरफ्तारी किए जाने की बात पुलिस द्वारा कही गई थी, लेकिन लेकिन पुलिस इन आरोपियों का अब तक सुराग नहीं लगा पाई है। और ना ही उन आरोपियों को गिरफ्तार करने में पुलिस का मुखबिर तंत्र कोई काम कर रहा है।
कई नामचीन नामों का नहीं होगा खुलासा?
सूत्र बताते हैं कि पुलिस की गिरफ्त से दूर आरोपियों के नामों में ऐसे कई नाम है जिनके नामों का अब तक खुलासा नहीं हो पाया है या फिर जानबूझकर खुलासा नहीं किया गया है ।सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार गिरफ्त से दूर आरोपियों में बडे राजनीतिक दलों से जुड़े लोगों, वरिष्ठ पार्टियों के पदाधिकारियों, उनके करीबियों, नगर के नामचिन्ह लोगों, खेल जगत से जुड़े लोगों और बड़ी हस्तियों सहित कई ऐसे नाम है जिन्हें पुलिस द्वारा अब तक आरोपी नहीं बनाया गया है। पुलिस द्वारा इन नामों को राजनीतिक दबाव में आकर छुपाने का प्रयास किया गया है। जिनकी गिरफ्तारी करना तो दूर की बात, पुलिस ने ना तो उनके नाम का नोटिस जारी किया है और ना ही उनके नाम सार्वजनिक किए हैं। इससे साफ प्रतीत होता है कि सट्टे के अवैध कारोबार में जोर-शोर से शुरू की गई यह कार्यवाही अब धीमी पड़ने लगी है।
बयानबाजी करने से बच रहे वरिष्ठ अधिकारी
वही सूत्र बताते हैं कि जिन नामों का खुलासा नहीं किया गया है। उन सभी नामों को इस पूरे मामले से अब दूर कर दिया जाएगा। जबकि पुलिस की सूची में जिन नामचीन लोगों का नाम दर्ज है उनमें से कई नामचीन लोग अपने पूरे परिवार के साथ शहर छोड़ कर किसी सुरक्षित स्थान पर छुपे हुए हैं ।इधर प्रांजल जैन, विनय यादव सहित आधा दर्जन आरोपियों को मुचलके पर जमानत दे दी गई है । सूत्र बताते हैं कि अब इस पूरे मामले में नामचीन लोगों के नाम और उनकी गिरफ्तारी को उजागर किए बगैर ही धीरे-धीरे इस प्रकरण को समाप्त करने का प्रयास किया जा रहा है हालांकि सूत्रों द्वारा दी गई प्रांजल जैन विनय यादव सहित आधा दर्जन लोगों की मुचलके पर जमानत वाली खबर पर पुलिस की प्रतिक्रिया नहीं मिल पाई है। और ना ही पुलिस ने इस बात की पुष्टि की है, वही पुलिस और उनके आला अधिकारी इस पूरे मामले में बचते नजर आ रहे हैं