सतना में आदिवासियों ने चोर को मारकर जंगल में जला दिया, पुलिस को मानव तस्करी की संभावना

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सतना के मझगवां थाना अंतर्गत ग्राम रोहनिया तेंदूडांडी के जंगल में 22 फरवरी को मिली युवक की अधजली लाश की गुत्थी पुलिस ने सुलझा ली है। इस मामले के खुलासे के बाद पुलिस भी हैरान है। क्योंकि यह हत्या कर शव को ठिकाने लगाने का मामला तो है ही लेकिन मृतक वाहन चोरियों में भी संलिप्त था। इसके साथ इसके तार मानव तस्करी से भी जुड़ते नजर आ रहे हैं जो कि गांव की महिलाओं को बहला फुसलाकर अन्य राज्यों में भेजने की संभावना है जिसके कारण इसकी गांव के आदिवासियों ने पहले पीट-पीटकर हत्या की और फिर बीच जंगल में लेजाकर शव को जला दिया लेकिन शव पूरी तरह नहीं जल सका और इसकी भनक पुलिस तक पहुंच गई। इस हत्याकांड में शामिल रोहनिया गांव के ही चार आदिवासी आरोपितों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।

की गई थी एसआइटी गठित : पुलिस अधीक्षक सतना धर्मवीर सिंह यादव ने बताया कि 22 फरवरी 2022 को थाना प्रभारी मझगवां एवं थाना प्रभारी बरौधा को सूचना प्राप्त हुई कि ग्राम रोहनिया तेदूडांडी जंगल में एक अज्ञात मानव शव अधजली अवस्था में पड़ा हुआ है। उक्त घटना स्थल थाना मझगवां एवं थाना बरौधा की सीमा पर स्थित था जिसके बाद दोनों थाना प्रभारी तत्काल घटना स्थल पर पहुंचे एवं प्रारंभिक जानकारी में यह स्पष्ट हुआ कि घटना स्थल मझगवां थाना से संबंधित है। इस घटना में जंगल में अज्ञात मानव शव के अधजली अवस्था में पड़ा हुआ मिलना, एक गंभीर आपराधिक घटना की ओर इंगित कर रहा था। घटना की सूचना पर तत्काल पुलिस अधीक्षक भी मौके पर पहुंचे और प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए ट्रैकिंग डाग व सायबर टीम से घटना स्थल का निरीक्षण कराया गया तथा आसपास के थाना प्रभारियों द्वारा भी घटना स्थल पहुंचकर अज्ञात शव के शिनाख्त की कार्रवाई कराई गई। अज्ञात शव की शिनाख्त के लिए प्रदेश के सभी पुलिस अधीक्षकों एवं सीमावर्ती राज्य के जिलों को सूचना देकर पतासाजी कराई गई। जिसके बाद प्रकरण की विवेचना के लिए अनुविभागीय अधिकारी पुलिस चित्रकूट के मार्गदर्शन में एक विशेष एसआइटी का गठन किया गया। प्रकरण के संबंध में घटना की सूचना देने वाले को 10 हजार रुपये का इनाम देने की घोषणा की गई थी। इस मामले की जांच तीन थानों सहित सायबर सेल और अन्य पुलिस अधिकारी कर रहे थे

चार माह से गांव में रह रहा था : एसआइटी द्वारा की गई जांच के दौरान मुखबिर द्वारा जानकारी दी गई कि मृतक व्यक्ति 03-04 महीने पहले से रोहनिया में एक आदमी जिसे गांव के लोग सेठ बोलते थे, आता जाता था तथा रोहनिया गांव के पप्पू सिंह के मकान में रुकता था तथा कपड़े बेचने का काम करता था और वह 10 फरवरी से नहीं दिखा है। मृतक के अधजले कपड़े एवं जूते के आधार पर मृतक का शिनाख्त कराने का प्रयास किया गया। जले हुए मृत शरीर का पोस्टमार्टम मेडिकल कालेज रीवा से कराया गया फिर हत्या का मामला दर्ज किया गया। एसआइटी को मुखबिर से सूचना प्राप्त हुई कि उक्त मृतक जिसे गांव वाले सेठ कहकर बुलाते थे उसकी हत्या में विजय सिंह गोंड पिता दुर्गाई सिंह गोंड़ निवासी ग्राम रोहनिया शामिल हैं और उसने तीन अन्य साथियों के साथ मिलकर हत्या की है। विजय सिंह गोंड एवं उसके अन्य साथी नीरज सिंह गोंड निवासी ग्राम खोखला एवं शीतल उर्फ राजकुमार सिंह गोंड पिता दुर्योधन सिंह, राजकुमार सिंह गोड उर्फ चुनकू पिता भगत सिंह निवासी ग्राम रोहनिया को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई तो उनके द्वारा अपना जुर्म कबूल किया गया। आरोपितों से मृतक का मोबाइल, मोटरसाइकिल, हत्या में प्रयुक्त डंडा और अन्य सामग्री बरामद कर ली गई।

कानपुर का रहने वाला था मृतक : पुलिस अधीक्षक ने बताया कि जांच में पता चला है एवं मृतक मुकेश सचान उर्फ सेठ पिता शिवनाथ सचान कटियार निवासी देवकली पिल्लौर घाटमपुर जनपद कानपुर उत्तर प्रदेश का रहने वाला था जो कि नाम बदल-बदलकर पन्ना, रीवा और सतना में किराये के मकानों में रह रहा था। रोहनिया गांव में वह तीन से चार माह पहले ही आया था और यह मोटरसाइकिल चोरी के अपराधों में संलिप्त था। पकड़े गए हत्या के आरोपितों ने बताया है कि मृतक का ग्राम रोहनिया की महिलाओं एवं लड़कियों के प्रति आचरण संदिग्ध था, जिससे विजय सिंह को आपत्ति थी और विजय सिंह ने अपने साथियों के साथ मिलकर उसकी योजनाबद्ध तरीके से हत्या कर दी तथा उसकी शिनाख्त न हो उसके शरीर को जला दिया गया। मृतक की विधिवत शिनाख्तगी की कार्रवाई डीएनए जांच के माध्यम से भी कराई जा रही है। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि हत्या के आरोपित की दो बहनें हैं जो अपने पतियों को छोड़ मथुरा चली गई हैं और किसी अन्य के साथ रह रही हैं। इसी तरह गांव की एक अन्य महिला भी अपने पति को छोड़ दूसरे राज्य चली गई है और किसी अन्य के साथ रह रही हैं। मृतक गांव की महिलाओं के करीब रहा करता था जिससे परेशान होकर ही इसकी हत्या की गई। पुलिस अधीक्षक के अनुसार इस मामले में महिलाओं को बहला फुसलाकर उनकी तस्करी की भी शंका है जिसकी जांच अलग से शुरू की जाएगी जिसमें बड़े तथ्य सामने आने की संभावना है।

इस टीम मिलेगा पुरस्कार : इस अंधी हत्या को सुलझाने में एसडीओपी चित्रकूट किरण किरो, सायबर टीम प्रभारी अजीत सिंह, दीपेश पटेल, विपेन्द्र मिश्रा, संदीप सिंह परिहार, अजीत मिश्रा तथा थाना प्रभारी बरौंधा निरीक्षक राजेश पटेल, मझगवां थाना प्रबारी शेषमणि पटेल, धारकुण्डी प्रभारी आशीष धुर्वे, एपी तिवारी, रंगदेव सिंह, रामबालक अहिरवार, दयाशंकर पटेल, अर्पित त्रिवेदी, भूपेंद्र बागरी, प्रदीप वर्मा, राकेश कश्यप, अमित यादव, ब्रजेश्वर यादव, धीरेन्द्र सिंह, रणविजय कुमार, शिव कुमार यादव थाना मझगवां, अभय सिंह, विजय यादव, रवि यादव थाना बरौंधा, कमलाकर सिंह का योगदान रहा जिन्हें पुरस्कृत करने की घोषणा की गई है।

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